देहरादून: रविवार यानी आठ मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही औपचारिक तौर पर चारों धामों की यात्रा का आगाज हो गया। लेकिन चारधाम यात्रियों की रोजाना हो रही मौत कई तरह के सवाल खड़े कर रही है। रविवार को भी तीन चारधाम यात्रियों की मौत हो गई। एक यात्री मौत केदारनाथ पैदल रूट पर जंगलचट्टी से आगे बढ़ते हुई तो दो यात्रियों ने गंगोत्री और यमिनौत्री रूट पर पैदल आगे बढ़ते दम तोड़ा। इस सीजन की यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक केदारनाथ पैदल रूट पर 4 और गंगोत्री व यमुनोत्री रूट पर 12 यात्रियों की मौत हो चुकी है।
सिस्टम में कहां ख़ामी, स्वास्थ्य को लेकर क्यों बरती जा रही लापरवाही?
चारधाम यात्रा 2022 को लेकर देश-विदेश से के श्रद्धालुओं में ज़बरदस्त उत्साह दिखाई दे रहा है। कोरोना के कारण दो साल यात्रा प्रभावित रही लेकिन इस बार हालात अच्छे दिख रहे लिहाजा बड़ी तादाद में यात्री उत्तराखंड स्थित चारों धामों का रुख कर रहे हैं। लेकिन, अब स्वास्थ्य को लेकर लापरवाही बरती जा रही या तैयारियों की ख़ामियां जानलेवा साबित हो रही, वजह जो भी हो लगातार
श्रद्धालुओं की जान जा रही है। यह आंकड़ा अपने आप में बेहद चिंताजनक है कि हफ्तेभर में 16 तीर्थ यात्री चारधाम यात्रा के दौरान अपनी जान गवां चुके हैं।
केदारनाथ धाम के कपाट 6 मई को खुले थे और बीते तीन दिनों में ही 4 यात्रियों की मौत हो चुकी है। रविवार यानी 8मई को जंगलचट्टी से बमुश्किल आधा किलोमीटर आगे बढ़ते हुए ग़ाज़ियाबाद निवासी जीत सिंह पुत्र देवेन्द्र सिंह की तबियत बिगड़ी जिसके बाद उनकी मौके पर ही मौत हो गई। जिला आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम के अनुसार 6 मई को रात्रि एक बजे मध्यप्रदेश के भिंड निवासी 61 वर्षीय दिलासाराम पुत्र जय नारायण की छोटी लिंचौली में मौत हो गई। 7 मई की यूपी के बुलंदशहर की रहने वाली 62 वर्षीय उर्मिला गर्ग पत्नी त्रिलोकी नाथ गर्ग की केदारनाथ धाम में तबियत बिगड़ने के बाद मौत हो गई।
7 मई को ही हरियाणा के गुरुग्राम सेक्टर 49 के रहने वाले 46 वर्षीय प्रवीण सैनी पुत्र रमेश कुमार की गौरीकुंड बस अड्डे के पास पैर फिसलकर खाई में गिरने से मौत हो गई।
रविवार यानी 8 मई को यमुनोत्री पैदल मार्ग पर मुंबई के एक यात्री की हार्ट अटैक से मौत हो गई। रविवार सुबह यमुनोत्री पैदल मार्ग पर जानकीचट्टी से कुछ दूर यमुनोत्री धाम जाते समय मुंबई के रहने वाले 60 वर्षीय जगदीश दुबे
पुत्र मीठालाल दुबे की हार्ट अटैक से मौत हो गई।
जबकि रविवार शाम को गंगोत्री धाम के दर्शन करने के बाद लौट रहे यात्रियों के दल में शामिल मुंबई की 58 वर्षीय महिला यात्री मेदवती की गंगनानी में तबियत बिगड़ गई जिन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने महिला यात्री को मृत घोषित कर दिया।
3 मई को कपाट खुलने से लेकर 8 मई तक नौ श्रद्धालुओं की हार्ट अटैक से मौत हो चुकी है। जबकि कई और दूसरे कारणों से यात्रियों ने दम तोड़ा है।
सवाल है कि चारधाम यात्रा के शुरुआती हफ्ते में ही जिस तरह से हार्ट अटैक या अन्य स्वास्थ्य कारणों से यात्रियों की मौत हो रही वह चिंता का विषय है। सवाल है कि क्या समय पर यात्रियों को जीवन रक्षक मेडिकल फ़ैसिलिटी और ऑक्सीजन आदि समय नहीं मिल पा रही ? या यात्रियों को स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों के लेकर पर्याप्त रूप से जागरूक नहीं किया जा रहा?
लापरवाही किस किस स्तर पर बरती जा रही इसे लेकर गंभीर होने की दरकार है क्योंकि सीजन अभी शुरू हुआ है और आगे भारी तादाद में यात्री आएंगे। यात्रियों को इसका भलीभाँति अहसास कराने की सख्त दरकार है कि चारधाम के पैदल रूटों पर ऊँचाई के चलते ऑक्सीजन की कमी, ठंड बढ़ने जैसे कारणों से हार्ट के मरीजों और अस्थमा रोगियों के लिए हमेशा जीवन का संकट बना रहता है।