- कांवड़ यात्रा के बाद सफल चारधाम यात्रा आयोजन से सीएम धामी ने दिया बड़ा मैसेज
- बड़े टूरिज्म इवेंट्स को लेकर तैयार है ‘उत्कृष्ट उत्तराखंड’
- उत्तराखंड चारधाम यात्रा वर्ष 2022
- केदारनाथ धाम शीतकाल के लिए कपाट बंद हुए
- सेना की मराठा रेजीमेंट के बैंड की भक्तिमय स्वर लहरियों के बीच तीन हज़ार से अधिक श्रद्धालु कपाट बंद होने के साक्षी बने
- इस यात्रा वर्ष रिकॉर्ड 15 लाख 61 हजार से अधिक तीर्थयात्रियों ने भगवान केदारनाथ के किए दर्शन
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में भव्य केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण, गौरीकुंड- केदारनाथ रोप वे के बनने से केदारनाथ यात्रा अधिक सुगम हो जायेगी : सीएम पुष्कर सिंह धामी
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्री केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के अवसर पर तीर्थयात्रियों का आभार जताया
- प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा: प्रदेश सरकार के प्रयासों से केदारनाथ यात्रा में रिकार्ड श्रद्धालु पहुंचे
- कपाट बंद होने के अवसर पर श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय मंदिर समिति उपाध्यक्ष किशोर पंवार सहित जिला प्रशासन, पुलिस सेना के अधिकारी मौजूद रहे
- श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह सहित अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे
केदारनाथ धाम (27अक्टूबर): कोरोना के बाद बेपटरी हुई उत्तराखंड की टूरिज्म इंडस्ट्री को पहले कांवड़ यात्रा और फिर चारधाम यात्रा ने काफी हद तक बूस्ट करने का काम किया है। धामी सरकार 2.0 में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए सबसे पहला चैलेंज सफल कांवड़ यात्रा संचालन को लेकर था। एक अनुमान के अनुसार कोरोना महामारी के बाद इस बार कांवड़ यात्रा को लेकर खासा उत्साह दिखा और चार करोड़ से अधिक शिवभक्त कांवड़ यात्रा के दौरान गंगाजल लेकर गए। सीएम धामी ने खुद हरिद्वार पहुंचकर शिवभक्त कांवड़ियों के पैर धोकर उनका उत्तराखंड में स्वागत किया और हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा भी कराई।
सीएम धामी ने कई मंचों पर खुद भी कहा है कि कांवड़ यात्रा के दौरान चार करोड़ से अधिक शिवभक्त उत्तराखंड गंगाजल लेने पहुंचे। जाहिर है सफल कांवड़ यात्रा ने कांवड़ यात्रा क्षेत्र में कारोबारी गतिविधियों को बूस्ट करने का काम किया। लेकिन सफल कांवड़ यात्रा के बाद धामी सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती चारधाम यात्रा का आयोजन था क्योंकि कोरोना के बाद यह पहला मौका था जब लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना थी।
आज जब भगवान भोलेनाथ बाबा केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं और केदारनाथ सहित चारों धामों में श्रद्धालुओं के पहुंचने का जो डेटा सामने आया है वह साबित करता है कि सवा 43 लाख यात्रियों का आना अपने आप में एक रिकॉर्ड है और यात्रा का सफल आयोजन किसी चुनौती से कम नहीं था। जाहिर है मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांवड़ यात्रा के बाद चारधाम यात्रा के सफल आयोजन के जरिए अपना दम दिखा दिया है।
केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद
आज भैया दूज के पावन अवसर पर बृहस्पतिवार प्रात: 8 बजकर 30 मिनट पर ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो गये है। इस अवसर पर ढाई हजार से अधिक श्रद्धालु कपाट बंद होने के साक्षी बने।
आज प्रात: 3 बजे केदारनाथ मंदिर खुल गया चार बजे से कपाट बंद करने की समाधि पूजन प्रक्रिया शुरू हो गयी। पुजारी टी गंगाधर लिंग ने भगवान केदारनाथ के स्यंभू ज्योर्तिलिंग को श्रृंगार रूप से समाधि रूप दिया गया ज्योर्तिलिंग को बाघंबर, भृंगराज फूल, भस्म, स्थानीय शुष्क फूलों- पत्तों आदि से ढक दिया गया।
इसके साथ ही भकुंट भैरव नाथ के आह्वान के साथ ही गर्भगृह तथा मुख्य द्वार को जिला प्रशासन की मौजूदगी में बंद किया गया। इसके साथ ही पूरब द्वार को भी सीलबंद किया गया।
प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्री केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के अवसर पर तीर्थयात्रियों का आभार जताया। कहा कि इस बार चारधाम यात्रा रिकार्ड 45 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में नयी केदार पुरी अस्तित्व में आ चुकी है जहां तीर्थयात्रियों को हर संभव सुविधाएं मुहैया हो रही है। गौरीकुंड- केदारनाथ रोप वे के बनने से केदारनाथ यात्रा अधिक सुगम हो जायेगी। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि प्रदेश सरकार के प्रयासों से यात्रा सफलतापूर्वक संपन्न हो रही है तथा केदारनाथ धाम में भी रिकार्ड श्रद्धालु पहुंचे।
इस अवसर पर श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, पंकज मोदी, मंदिर समिति उपाध्यक्ष किशोर पंवार, जिला प्रशासन पुलिस के अधिकारी, केदारनाथ उत्थान चैरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त सचिव/ मंदिर समिति मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह, यात्रा मजिस्ट्रेट गोपाल राम बिनवाल, तहसीलदार दीवान सिंह राणा कार्याधिकारी आरसी तिवारी, धर्माधिकारी औंकार शुक्ला, केदारनाथ सभा अध्यक्ष विनोद शुक्ला, मंदिर समिति मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़, आदि मौजूद रहे।
इस अवसर पर सेना की 11 मराठा लाईट इ़फ्रंट्री रूद्रप्रयाग के बैंड की भक्तिमय धुनों तथा बाबा केदार की जय उदघोष से केदारनाथ धाम गुंजायमान रहा। मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि सामूहिक सहयोग समन्वय से यात्रा का सफलतापूर्वक समापन हुआ है।
उन्होंने पर्यटन विभाग, धर्मस्व विभाग, प्रदेश सूचना विभाग, मीडिया जगत के सभी समाचार पत्रों के सम्मानित प्रतिनिधियों, न्यूज चैनलों,चिकित्सा विभाग,सेना आईटीबीपी,सभी जिला प्रशासन, जिला पुलिस प्रशासन,आपदा प्रबंधन एसडीआरएफ, सीमा सड़क संगठन, पीडब्ल्यूडी, परिवहन, विद्युत,संचार, पेयजल, खाद्य आपूर्ति, जिला पंचायत, स्थानीय निकायों, श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति, श्री गंगोत्री मंदिर समिति, श्री यमुनोत्री मंदिर समिति, श्री हेमकुंट साहिब गुरुद्वारा ट्रस्ट, तीर्थ पुरोहित समाज,निजी वाहन कंपनियों, सुलभ इंटरनेशनल सहित यात्रा व्यवस्था से जुड़े सभी एजेंसियों तथा यात्रा प्रशासन संगठन का आभार व्यक्त किया।
15,61,882 (पंद्रह लाख एकसठ हजार आठ सौ बयासी) तीर्थयात्रियों ने भगवान केदारनाथ के दर्शन किये है।
कपाट बंद होने के बाद भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली शीतकालीन गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ के लिए प्रस्थान हुई। आज पंचमुखी डोली प्रथम पड़ाल राम पुर पहुंचेगी। 28 अक्टूबर शुक्रवार को देवडोली श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी प्रवास करेगी तथा 29 अक्टूबर शनिवारको श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी।
इसी के साथ इस वर्ष श्री केदारनाथ यात्रा का समापन हो जायेगा तथा पंचकेदार गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में भगवान केदारनाथ जी की शीतकालीन पूजाएं शुरू हो जायेगी।
इस यात्रा वर्ष चार धाम यात्रा में तैतालीस लाख से अधिक तीर्थ यात्री दर्शन को पहुंचे। हेमकुंट साहिब को मिला कर यह संख्या पौने छयालीस लाख पहुंच गयी।
26 अक्टूबर गौवर्धन पूजा के अवसर पर श्री गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो गये हैं। आज दोपहर में श्री यमुनोत्री धाम के कपाट भीवशीतकाल हेतु बंद हो गए।
श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि 19 नवंबर को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे।जबकि श्री हेमकुंट साहिब- लक्ष्मण मंदिर के कपाट 10 अक्टूबर को बंद हो गये।
द्वितीय केदार तुंगनाथ जी के कपाट 7 नवंबर तथा द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर के कपाट 18 नवंबर को बंद हो जायेंगे। इसी के साथ ही इस वर्ष की चार धाम यात्रा का सफल समापन हो जायेगा। अभी तक सवा तैतालीस लाख तीर्थयात्री चारधाम पहुंच गये है। हेमकुंट साहिब को मिलाकर तीर्थयात्रियों की संख्या पौने छयालीस लाख पहुंच गयी।