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कैसे धरातल पर उतरे विकास का मोदी मंत्र? मिशन 2025 और विजन 2030 के रोडमैप के लिए Team Dhami का रामनगर चिन्तन शिविर

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  • बर्थडे पर मीडिया से रूबरू मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गिनाए ‘संकल्प’
  • सीएम धामी रामनगर में मंत्रियों और ब्यूरोक्रेसी को लेकर पहुंच रहे
  • पीएम मोदी का ‘यह दशक उत्तराखंड का दशक’ विजन कैसे धरातल पर उतरे?
  • इस पर होगा टीम धामी का तीन दिवसीय चिन्तन शिविर

देहरादून: अपने 48वें जन्मदिन को संकल्प दिवस के रूप में NIVH पहुंचकर दृष्टि बाधित बच्चों के साथ सेलिब्रिट कर रहे युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की आँखें ‘सर्वश्रेष्ठ उत्तराखंड @2025’ और ‘विजन 2030’ की तस्वीर साफ साफ देख पा रही हैं। संभवतया प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘यह दशक – उत्तराखंड का दशक’ मंत्र को धरातल पर कैसे उतारा जाए इसी रोडमैप का खाका तैयार करने के लिए टीम धामी तीन दिन के लिए रामनगर कैंप करने जा रही है।

अपने जन्मदिन पर मीडिया से रूबरू होते मुख्यमंत्री धामी ने यही दोहराया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उत्तराखंड को लेकर जिस भावना से काम कर रहे हैं और उनका जो विजन है, उससे हमारे ‘विकल्प रहित संकल्प’ को नई ऊर्जा और प्रेरणा मिलती है। सीएम धामी एक झटके में कहते हैं कि 2025 में जब उत्तराखंड अपनी रजत जयंती मना रहा होगा तब हमारा राज्य देश का आदर्श राज्य कैसे बने, हमारा जीडीपी/जीएसपीसी डबल कैसे हो, अगले दस वर्षों का विजन-2030 क्या हो, जैसे तमाम सवालों पर जब हमारी कैबिनेट, ब्यूरोक्रेसी और नीति आयोग के एक्सपर्ट्स में वैचारिक मंथन होगा तो उससे जो अमृत निकलेगा वह हमें आगे बढ़ने की नई दिशा देगा।

दरअसल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उत्तराखंड को लेकर विशेष लगाव और गंभीरता को भलीभाँति जानते हैं और वह यह भी जानते हैं कि उन पर प्रधानमंत्री ने जो विश्वास दर्शाया है वह विरल नेताओं को ही नसीब होता है। लिहाजा अब सरकार अपने शुरूआती छह माह के अपने ‘हनीमून’ पीरियड से निकलकर मोदी मंत्र को एक कार्ययोजना बनाकर धरातल पर उतारने को आतुर है।

खासकर युवा मुख्यमंत्री की कोशिश है कि अब टीम धामी मिशन मोड में जुटे ताकि 2025 यानी राज्य की रजत जयंती अवसर को लेकर जो स्वप्न जनता को दिखाया गया है, उस पर शत प्रतिशत खरा उतरा जा सके। मुख्यरमंत्री अपनी टीम धामी को न केवल 2025 बल्कि 2030 के लक्ष्यों को लेकर भी अभी से फोकस्ड होकर जुटने का संदेश देने जा रहे हैं।

अपने जन्मदिन के मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आज राज्य के बजट का एक बड़ा हिस्सा करीब साढ़े 3 लाख कार्मिकों और पेंशनर्स पर खर्च हो रहा है। जबकि वर्ल्ड बैंक से लेकर कई और वित्तीय देनदारियों का बोझ राज्य पर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम खुद संकल्प लेकर कड़े फैसले ले रहे हैं ताकि राज्य की आमदनी और संसाधन बढ़ें और जनता से अपील है कि वह भी संकल्पित होकर स्वर्णिम उत्तराखंड बनाने के अभियान में साथ जुट जाए। सीएम ने मीडिया से भी इस अभियान में सहयोग मांगा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास के साथ साथ राज्य 2025 तक ड्रग्स फ्री हो सके इसके लिए एंटी नारकोटिक्स सेल गठित होगी। सीएम धामी ने उदाहरण देकर कहा कि आज राज्य के एसजीडीपी/जीडीपी में सीमांत जिले चम्पावत का मात्र दो फीसदी का योगदान है और इसी तरह सभी नौ पर्वतीय जिलों की हिस्सेदारी बेहद कम है।

सारी आर्थिकी और विकास की दौड़ अधिकतम पांच जिलों तक सीमित हो रही जिसे 22 सालों में अब तक अछूते रहे पर्वतीय जिलों तक लेकर जाना हमारा उद्देश्य होगा। सीएम ने कहा कि हमें इस पर रणनीति बनाकर काम करना होगा कि चम्पावत जिले में विकास और आर्थिकी की मजबूती के लिए क्या किया जाए और चमोली, टिहरी या पिथौरागढ़, उत्तरकाशी जिले में विकास का आधारभूत मॉडल क्या हो।

उन्होंने कहा कि कहीं खेत, खलिहान, बाग़वानी से रोजगार पैदा होंगे तो कहीं स्वरोज़गार के दूसरे साधन तैयार करने होंगे और इसी पर तीन दिन तक मंत्रिमंडल, अधिकारी और नीति आयोग आदि के एक्सपर्ट मंथन कर रोडमैप तैयार करेंगे जिस पर सरकार आगे बढ़ेगी।

दरअसल, रामनगर में 29 सितंबर को मुख्यमंत्री धामी तीन दिवसीय मंथन शिविर का शुभारंभ करेंगे जिसमें मंत्री, नौकरशाह और नीति आयोग के विशेषज्ञ छोटे-छोटे ग्रुप में राज्य के कोर इश्यूज पर चर्चा करेंगे। मंथन शिविर के पहले दिन सचिव, विभागाध्यक्ष, विशेषज्ञ, अर्थशास्त्री और राज्य की विभिन्न एजेंसियों के एक्सपर्ट्स में परस्पर संवाद होगा। जबकि दूसरे दिन, पहले सेशन में प्रेजेंटशन होगा और दूसरे सेशन में अलग अलग ग्रुप्स में चर्चा होगी। इसके बाद समापन सत्र में मंत्री और सचिव अपने सुझाव देंगे।

रामनगर चिंतन शिविर में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट, तकनीकी आधारित खेती, मानव संसाधन विकास, प्राकृतिक संपदा जैसे अहम मसलों पर विचार रखे जाएंगे। साथ ही राज्य का राजस्व बढ़ाने और रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में भी विचार मंथन किया होगा। दावा किया जा रहा है कि रामनगर चिन्तन शिविर से 2025 और 2030 को केन्द्रित करते हुए शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म आधारित दो एकशन प्लान बनेंगे जो अपने आप में एक दूसरे के पूरक भी होंगे।

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