देहरादून: गुरुवार को भारत के संविधान निर्माता भारत रत्न बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने देहरादून के घंटाघर स्थित बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता यशपाल आर्य ने कहा कि बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर ने देश को एक मजबूत संविधान दिया है, जिसके आधार पर लोक कल्याणकारी और समतामूलक समाज की स्थापना हुई है।उन्होंने कहा कि देश इसके लिए सदा उनका ऋणी रहेगा।
वहीं, उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नवनियुक्त अध्यक्ष करण माहरा के नेतृत्व में संविधान निर्माता भारत रत्न बाबा साहब डाॅ0 भीमराव अम्बेडकर की जयंती के अवसर पर कांग्रेस नेताओ ने घण्टाघर स्थित बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्णण कर उन्हें अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए। बाबा साहब डाॅ0 भीमराव अम्बेडकर को श्रद्धांसुमन अर्पित करते हुए नव नियुक्त प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करण माहरा ने कहा कि बाबा साहब डाॅ0 भीमराव अम्बेडकर देश में सामाजिक स्थापना करना चाहते थे, वे समता मूलक समाज के परिचायक थे, उन्होंने संविधान निर्माण में प्रमुख भूमिका का निर्वहन करते हुए भारत निर्माण की मजबूत नींव रखी थी। उन्होंने समाज के कमजोर एवं उपेक्षित वर्ग के लोगों के जीवन स्तर को उठाने का सराहनीय कार्य किया। बाबा साहब अम्बेडकर देश में सामाजिक स्थापना करना चाहते थे। उन्होंने भारत के संविधान निर्माण के साथ-साथ समाज में फैली कुरीतियों के विरूद्ध भी अपनी आवाज बुलंद की। डाॅ0 अम्बेडकर ने देश के युवा वर्ग को संदेश दिया कि ’खुद उठो, दूसरों को उठाओ और शिक्षित बनों, संगठित होकर संघर्ष करो। उन्होंने कहा कि हम सब को मिलकर उनके बताये हुए रास्ते पर चल कर एक शक्तिशाली भारत के निर्माण के उनके सपने को साकार करने के लिए अपनी सहभागिता निभानी है यही उन्हें हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
करण माहरा ने कहा कि बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर एवं संविधान सभा ने हमारे देश को एक ऐसा गणराज्य घोषित किया जहां देश के लोग सर्वोच्च शक्ति रखते हैं। संविधान की प्रस्तावना का ‘हम’ शब्द इंगित करता है कि इस देश के लोग सरकार को शक्ति देते हैं और यह अपना अधिकार लोगों की इच्छा से प्राप्त करता है। हमारा संविधान समानता, स्वतंत्रता, बंधुत्व और न्याय की आकांक्षाओं को आवाज देता है। संविधान का उद्देश्य जाति, वर्ग, नस्ल, लिंग और धर्म के आधार पर भारत में मौजूद विशाल असमानताओं को दूर करना और सभी क्षेत्रों में सभी के लिए न्याय सुनिश्चित करना था। बाबा साहब द्वारा बनाये गये संविधान में समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, जीवन का अधिकार, शोषण के खिलाफ अधिकार, धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार, सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकार, संवैधानिक उपचार का अधिकार संविधान में प्रदत्त किया। उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने अपने अंतिम भाषण में चेतावनी दी थी कि यदि संविधान का अक्षरशः पालन नहीं किया गया तो भारत एकबार फिर से अपनी स्वतत्रंत्रता खो देगा। उन्होंने कहा था कि संविधान स्वयं दस्तावेज पर नहीं बल्कि इसे क्रियान्वित करने के प्रभारी लोगों के प्रभाव पर निर्भर है। उन्होंने कहा था राजनीति में नायक-पूजा गिरावट और तानाशाही का एक गारंटीकृत मार्ग होगा और केवल राजनीतिक लोकतंत्र पर्याप्त नहीं होगा, हमें सामाजिक लोकतंत्र को प्राप्त करने की आकांक्षा भी रखनी होगी। उन्होंने कहा कि आज कुछ ताकतों द्वारा भारत के संविधान में उल्लिखित अधिकारों से खिलवाड़ किया जा रहा है कांग्रेस पार्टी को इन अधिकारों की रक्षा करनी है।
श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में प्रदेश महामंत्री संगठन मथुरादत्त जोशी, पूर्व विधायक एवं प्रदेश अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष राजकुमार, महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा, प्रदेश महिला अध्यक्ष ज्योति रौतेला, प्रदेश प्रवक्ता डाॅ0 प्रतिमा सिंह, जसविन्दर सिंह गोगी, अनीता निराला आदि कांग्रेसजन शामिल थे। जबकि मीडिया प्रभारी राजीव महर्षि, रकित वालिया, विकास नेगी, राहुल सोनकर, ऋषभ जैन, सुधांशु पुंडीर, राकेश लाल, गौत्तम, मोहन काला, गुलशन सिंह ने भी बाबा साहब को श्रद्धांजलि अर्पित की।