दिल्ली: लगता है नवजोत सिंह सिद्धू के राहुल-प्रियंका से मुलाकात के बाद कांग्रेस और पंजाब प्रभारी हरीश रावत का ‘ऑल इज वेल’ दावा धराशायी होने वाला है। ऐसे समय जब दिल्ली में चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर यानी पीके राहुल-प्रियंका से मिल रहे थे उसी दौरान पंजाब कांग्रेस विधायक नवजोत सिंह सिद्धू ने आम आदमी पार्टी की तारीफ़ों के पुल बांधकर नए सियासी समीकरणों का संकेत दे दिया है। कहा जा रहा है कि पीके के साथ राहुल-प्रियंका पंजाब के साथ साथ यूपी-उत्तराखंड आदि चुनावी राज्यों की रणनीति पर मंथन कर सकते हैं लेकिन इसी दौरान सिद्धू झटका देते दिख रहे हैं।
दरअसल मंगलवार को सिद्धू ने ट्विट कर कहा कि पंजाब विधानसभा में विपक्षी दल AAP ने हमेशा उनके विजन और काम को पहचाना है। 2017 में बेअदबी, ड्रग्स, बदहाल किसान और भ्रष्टाचार के मुद्दे हों या अब राज्य की मौजूदा बिजली संकट हो या फिर अब मैं पंजाब मॉडल पेश कर रहा हूँ। वो जानते हैं कि असल में पंजाब के लिए कौन लड़ रहा है।
दरअसल पंजाब में कांग्रेस की सरकार है और सीएम कैप्टेन अमरिंदर सिंह वर्सेस नवजोत सिंह सिद्धू जंग चल रही है। अभी कुछ रोज पहले ही सीएम कैप्टेन अमरिंदर सोनिया गांधी से मिलकर भी गए थे लेकिन समाधान निकल नहीं सका है। मिलने को सिद्धू भी राहुल-प्रियंका से मिल चुके लेकिन समाधान नहीं निकल पाया है।
सियासी गलियारे में चर्चा है कि केजरीवाल और पूर्व क्रिकेटर सिद्धू में परदे के पीछे से नए समीकरण को लेकर कुछ खिचड़ी पक रही है। पिछले दिनों अरविंद केजरीवाल ने ऐलान भी किया था कि AAP सरकार बनी तो सीएम सिख ही होगा।
अब जब कांग्रेस नेतृत्व और प्रभारी हरीश रावत सिद्धू को मना नहीं पा रहे तो सिद्धू ने ट्विट कर नए संकेत दे दिए है। अब अगर सिद्धू कांग्रेस छोड़ देते है तो चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए ये किसी झटके से कम नहीं होगा।