देहरादून: उत्तराखंड में नए कोरोना मामलों में तेजी से गिरावट देखी जा रही है। रविवार को पिछले 50 दिनों में सबसे कम मरीज मिले हैं। नए पॉजीटिव मरीजों का आंकड़ा 1,226 रहा। इससे पहले नौ अप्रैल को 748 कोरोना पॉजीटिव मिले थे। रविवार को 1927 मरीज़ महामारी को मात देकर स्वस्थ हुए। राज्य में रविवार को 32 मरीज़ों की मौत हुई।जबकि देहरादून, हरिद्वार और नैनीताल में नौ बैकलॉग डेथ डिटेल सामने आई। प्रदेश में कोरोना महामारी से अब तक 6401 मरीज़ों की मौत हो चुकी है।
अगर जिलों में नए पॉज़ीटिव मरीज़ों की संख्या देखें तो देहरादून में बड़ा सुधार हुआ है। जबकि रविवार को सबसे ज़्यादा पॉज़ीटिव पिथौरागढ़ में मिले। पिथौरागढ़ में 276, देहरादून में 241, हरिद्वार में 159, पौड़ी में 100, टिहरी में 94, उधमसिंह नगर में 89, चमोली में 87, नैनीताल में 59, रुद्रप्रयाग में 50, उत्तरकाशी में 24, चंपावत में 22, अल्मोड़ा में 21 और बागेश्वर में हुई 4 नए संक्रमित मरीजों की पुष्टि हुई।
24 घंटे में नए पॉजीटिव केस: 1,226
24 घंटे में ठीक हुए : 1927
24 घंटे मे कोरोना से हुई मौतें: 32 (बैकलॉग डेथ: 9)
राज्य में कुल संक्रमित: 3 लाख 28 हज़ार 338
राज्य में ठीक हुए : 2 लाख 85 हज़ार 889
राज्य में कुल मौतें: 6401
राज्य में एक्टिव केस: 30 हजार 357
रिकवरी रेट: 87.07 फ़ीसदी
संक्रमण दर: 6.89 फ़ीसदी
कोरोना की दूसरी लहर में जितना तेजी से मरीजों का आंकड़ा बढ़ा, उसके मुकाबले पिछले 10 दिनों में उसी रफ्तार से एक्टिव केस घटे जिससे मरीजों की संख्या आधी रह गई। स्वास्थ्य विभाग के आँकड़ों के अनुसार 20 मई को राज्य में 68 हजार एक्टिव मरीज थे। जबकि 30 मई को एक्टिव मरीजों की तादाद घटकर 31 हजार रह गई। इस दौरान रिकवरी रेट बढ़ने से एक्टिव मरीजों की तादाद तेज़ी से कम होती चली गई है। पिछले हफ़्ते यानी 23 मई से 29 मई के दौरान 42,532 मरीज़ों ने कोरोना महामारी को मात दी।
राज्य में फिलहाल कोरोना संक्रमण दर 6.89 फीसदी है। जबकि रिकवरी रेट 87 फीसदी पर पहुंच गई है। पिछले 10 दिनों में रिकवरी रेट 73 फीसदी से करीब 14 फीसदी बढ़कर 87 फीसदी होना संकेतक है कि आने वाले दिनों में एक्टिव केस का लोड अस्पतालों पर और कम हो जाएगा।
हालाँकि, कोरोना की दूसरी लहर के बाद शुरू हुआ मौतों का आंकड़ा जरूर राज्य सरकार और स्वास्थ्य महकमे के लिए चिन्ता का सबब होना चाहिए। पिछले 10 दिनों में जहां रिकवरी रेट बढ़ा और पॉजीटिविटी रेट घटा, तब Case Fatality Rate (CFR) यानी मृत्यु दर 1.74 फ़ीसदी से बढ़कर 1.94 फ़ीसदी पहुँच गई है जो ख़तरे की घंटी है। साथ ही विभिन्न अस्पतालों से लगातार आ रहे बैकलॉग डेथ के आँकड़े बताते हैं कि लापरवाही बदस्तूर जारी है और हेल्थ विभाग इन अस्पतालों पर कुछ कर नहीं पा रहा।