प्रति,
श्रीमान मुख्यमंत्री महोदय,
उत्तराखंड सरकार,
देहारादून.
महोदय,
बीते कुछ दिनों से बाबा रामदेव अपने बयानों को लेकर चर्चा में हैं.लेकिन यह स्पष्ट करना है कि इस पत्र का विषय बाबा रामदेव के बयान नहीं हैं बल्कि जिन स्थानों पर वे बयान दे रहे हैं,वह चिंता का विषय है.
महोदय, यह कोरोना काल है. प्रदेश में कोरोना कर्फ़्यू लागू है और समय-समय पर इसकी अवधि बढ़ाई जाती रही है. कोरोना कर्फ़्यू के दौरान शासन द्वारा जारी निर्देश में सभी भीड़ के जमावड़े वाले आयोजनों पर रोक लगा दी गयी है. शादी तथा अंतिम संस्कार जैसे कामों में भी मात्र 20 ही लोगों की अनुमति है.
इस बीच में यह देखा जा रहा है कि स्वामी रामदेव के फेसबुक पेज और आस्था चैनल पर उनके योगाभ्यास और प्रवचन के कार्यक्रमों का लाइव प्रसारण हो रहा है. जैसा नजर आ रहा है कि इन लाइव कार्यक्रमों में भारी संख्या में लोग दिखाई दे रहे हैं.
प्रश्न यह है कि क्या उत्तराखंड शासन या उत्तराखंड पुलिस द्वारा बाबा रामदेव को इस तरह रोज भीड़ जमा करके योग और भाषण देने की अनुमति दी गयी है ? यदि शासन अथवा पुलिस द्वारा अनुमति दी गयी है तो बाबा रामदेव को यह विशेष छूट दिये जाने का कारण क्या है ?
यदि उत्तराखंड शासन द्वारा बाबा रामदेव को भीड़ जमा करने की अनुमति नहीं दी गयी है तो फिर वे कोरोना कर्फ़्यू का खुला उल्लंघन करते हुए न केवल लोगों को इकट्ठा कर रहे हैं बल्कि उसका लाइव प्रसारण भी कर रहे हैं ! ऐसे में उनके विरुद्ध महामारी अधिनियम के तहत कार्यवाही की जानी चाहिए. अगर सिर्फ मास्क न लगाने के लिए जुर्माना किया जा सकता है तो इस तरह रोज भीड़ जमा करने पर तो गंभीर एवं कठोर कार्यवाही होनी चाहिए.
आप से निवेदन है कि उक्त प्रकरण की जांच के निर्देश अपने अधीनस्थों को देने की कृपा करें, इस तरह भीड़ जमा करने पर रोक लगाएँ और अब तक भीड़ जमा करने के लिए बाबा रामदेव के विरुद्ध विधि सम्मत कार्यवाही करने की कृपा करें.
सधन्यवाद,
सहयोगाकांक्षी
इन्द्रेश मैखुरी
गढ़वाल सचिव
भाकपा(माले)
(नोट : ऐसा ही पत्र उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक, जिलाधिकारी हरिद्वार और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार को भी भेजा गया है)