
देहरादून: उत्तराखंड बेरोजगार संघ के आह्वान पर हजारों की तादाद में बेरोजगार युवाओं ने परेड ग्राउंड से सचिवालय कूच किया। इस दौरान नियुक्तियों में हुई धांधली और भ्रष्टाचार के खिलाफ युवाओं का गुस्सा सड़क पर दिखा।
उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने पेपर लीक प्रकरण की सीबीआई जाँच सहित 9 मांगों को लेकर रैली निकाली और युवाओं ने सिस्टम पर सवाल उठाते हुए कहा की एसटीएफ की जांच के बजाय सीबीआई जांच की जानी चाहिए।

उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने कहा कि स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामला सफेदपोशों की संलिप्तता की ओर इशारा कर रहा है। बॉबी पंवार ने कहा कि कई सफेदपोशों के नाम उनके पास हैं, अगर मुखिया या एसटीएफ उनका नाम सार्वजनिक नही करती तो वे जल्द इसका खुलासा करेंगे।
वहीं युवा नेता लूशुन टोडरिया ने कहा कि पेपर लीक मामले में एसटीएफ की जाँच नाकाफी है। इसलिए राज्य के बेरोजगार युवा मांग करते हैं कि सीबीआई से इस मामले की जाँच कराई जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यह जाँच उच्चत्तम न्यायालय के सिटिंग जज की निगरानी में की जानी चाहिए ।
इस मौके पर महिलाओं ने पीसीएस परीक्षा में उत्तराखंड मूल की महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण जारी करने की माँग की।
युवा आंदोलनकारी सजेंद्र कठैत ने कहा कि उत्तराखंड सरकार अगर भर्तियों की सीबीआई जाँच के आदेश नही देती है तो पूरे प्रदेश में युवा सड़को पर आएगा और उग्र आंदोलन करेगा।

प्रदर्शन में राज्य के सभी जनपदों से बड़ी संख्या में बेरोजगार युवाओं ने शिरकत की। प्रदर्शन में ह्रदयेश शाही, गणेश धामी, नरेंद्र रावत, तौलवीर चौहान, प्रदीप कुकरेती, जगमोहन नेगी, प्रेम रावत, गौरव नेगी, ऋषि चौहान आदि मौजूद रहे ।
इसके अलावा विभिन्न संगठनों एवं अभिभावकों ने भी बेरोजगार संघ को अपना समर्थन दिया।