न्यूज़ 360

धामी की फिर दिखी धमक: चंपावत उपचुनाव के बाद अब हरिद्वार जिला पंचायत चुनाव में सीएम धामी के नेतृत्व में भाजपा ने रचा इतिहास

Share now

हरिद्वार पंचायत चुनावों में भाजपा की ऐतिहासिक जीत

मुख्यमंत्री धामी के काम और नीतियों पर लगाई हरिद्वार की जनता ने मुहर

जहां भाजपा का नेतृत्व टीम धामी ने संभाला वहीं कांग्रेस और बसपा को गुटबाजी ले डूबी।

Haridwar Panchayat Elections and Dhami Magic works again: उत्तराखंड की चुनावी राजनीति के इतिहास में आज तक हरिद्वार जिला पंचायत चुनाव जीत के लिहाज से भाजपा के लिए कड़वे अनुभवों भरा रहा है। राज्य बनने के बाद से लेकर मौजूदा चुनाव से पहले तक का इतिहास रहा है कि भाजपा के कदम इस क्षेत्र में आकर ठिठक जाते रहे हैं। लेकिन इस बार नतीजे अलग कहानी बयां कर रहे।

हरिद्वार जिला पंचायत चुनाव के जो नतीजे अब तक आए हैं उनमें भारतीय जनता पार्टी ने अभूतपूर्व जीत दर्ज की है। इस चुनाव में अब तक जितनी सीटें भाजपा ने हरिद्वार में जीती हैं, उतनी राज्य गठन से लेकर अब तक पार्टी की झोली में कभी नहीं आई। जाहिर है चंपावत उपचुनाव में कुल पोल वोटों के 93 फीसदी वोट लेकर ऐतिहासिक जीत दर्ज करने युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने Dhami Govt 2.0 की कमान संभालने के बाद हुई इस पहली चुनावी अग्निपरीक्षा में शत प्रतिशत अंकों के साथ कामयाबी हासिल कर अपने नेतृत्व का करिश्मा दोहरा दिया है।

हरिद्वार पंचायत चुनाव में भाजपा की जीत ऐसे समय हुई जब बीते एक डेढ़ माह में UKSSSC पेपर लीक कांड, विधानसभा में बैकडोर भर्ती का जिन्न बोतल से बाहर निकलने से लेकर पहाड़ की बेटी अंकिता भंडारी के साथ हुए जघन्य अपराध की छाया इन चुनावों पर रही। लेकिन जिस तरह से युवा सीएम धामी ने UKSSSC पेपर लीक कांड के खुलासे के बाद बेरोजगार युवाओं को पारदर्शी भर्ती परीक्षा तंत्र खड़ा करने का भरोसा देते हुए SIT गठित की और छोटे बड़े 40 से ज्यादा घपलेबाज घड़ियालों की गिरफ्तारियां हुई उसने सीएम धामी के कमिटमेंट को लेकर बड़ा मैसेज दे दिया।

विधानसभा में बैकडोर भर्ती विवाद का जिन्न बोतल से बाहर निकला तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बगैर देर किए विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी से जांच का अनुरोध कर डाला जिसका नतीजा यह हुआ कि बैकडोर से नौकरी पाने वाले आज बाहर कर दिए गए हैं और मुख्यमंत्री की घेराबंदी को बयान बहादुर बनते फिर रहे कई अपने और पराए चारों खाने चित हो गए।

पहाड़ की बेटी अंकिता भंडारी के साथ जिस तरह से जघन्य अपराध हुआ और इस हत्याकांड ने उत्तराखंड के आम जनमानस को जिस तरह झकझोरा, वह गुस्सा और उबाल सड़कों पर दिखा। लेकिन मुख्यमंत्री धामी ने खुद को पहाड़ की बेटी के दर्द में शरीक कर ना केवल उसके पिता वीरेंद्र सिंह भंडारी को ढांढस बंधाया बल्कि मुख्य हत्यारोपी के पिता के संबंध भाजपा से होने के बावजूद पिता पुत्र को तत्काल पार्टी से बाहर कराया और आरोपी बेटे को सख्त दंड दिलाने का दम दिखाया जिसके बाद जनभावनाओं का जो ज्वार सड़कों पर दिखा वह पहाड़ की बेटी अंकिता को न्याय की उम्मीद लेकर शांत होता चला गया।

हरिद्वार पंचायत चुनाव से ठीक पहले जिस तरह से पथरी थानाक्षेत्र में शराब कांड हुआ उसने भी धामी सरकार और हरिद्वार प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती पेश की लेकिन दोषियों की धरपकड़ और SIT गठित कर युवा मुख्यमंत्री ने साफ संदेश दे दिया कि चुनौती जैसी भी हो वे मुकाबला अपने सहज और सरल स्वभाव पर दमदार फैसलों के दम पर करना जानते हैं।

जाहिर है महज छह माह पूरे करने वाली धामी सरकार 2.0 को पिछले एक-डेढ़ माह के भीतर तीन चार ऐसे बड़े मामलों से दो चार होना पड़ा जिनके सामाजिक और राजनीतिक तौर पर गहरे निहितार्थ थे, इन मामलों में फेल होना प्रधानमंत्री मोदी से लेकर गृहमंत्री शाह तक जिस अंदाज में युवा सीएम से अपेक्षाएं हैं उस लिहाज से खासा नुकसान दे जाता लेकिन पुष्कर धामी ने चुनौतियों के पार जाने का हौसला दिखाकर दिल्ली दरबार में अपने नंबर पहले से और बढ़ा लिए हैं।

यही वजह है कि सत्ता के गलियारों की तमाम अप्रत्यक्ष चुनौतियों से दो चार होते हुए भी हरिद्वार पंचायत चुनाव के नतीजों ने साबित कर दिया है कि सूबे की तपती सियासी जमीन पर अभी दूर-दूर तक कोई नहीं जो मुख्यमंत्री से मुकाबले को कुछ दूर तक भी दौड़ सके। सीएम पुष्कर सिंह धामी के साथ साथ भाजपा के नए नवेले प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के लिए भी विधानसभा चुनाव के बाद यह पहली राजनीतिक परीक्षा थी। लेकिन इस जोड़ी ने पहली लेकिन कठिन चुनावी परीक्षा में शानदार प्रदर्शन कर सबके मुँह बंद कर दिए हैं।

आपको बता दें कि हरिद्वार जिला पंचायत चुनाव में भाजपा ने कभी भी 4 से ज्यादा जिला पंचायत की सीटें नहीं जीती थी लेकिन अब तक आये हरिद्वार पंचायत चुनाव के नतीजों में भाजपा 14 सीटों पर बढ़त बना चुकी है। पूर्व मंत्री यतीश्वरानंद की विधानसभा में भाजपा सबसे ज्यादा 7 सीट जीत रही है। भाजपा ने इतना बेहतर प्रदर्शन आज तक जिले में नहीं किया। जाहिर है इसका सीधा श्रेय मुख्यमंत्री धामी को ही जाता है।

मुख्यमंत्री धामी ने किए हरिद्वार के कई दौरे

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार क्षेत्र में पिछले कुछ समय में कई दौरे किए। स्थानीय जनता ने मुख्यमंत्री की मेहनत और काम को सराहते हुए उन्हें चुनावी जीत का गिफ्ट दे दिया है। पार्टी नेतृत्व का कहना है कि भाजपा की जीत मुख्यमंत्री धामी के काम और उनकी नीतियों पर जनता की मुहर लगना है।

कांग्रेस का सूपड़ा साफ

इधर पंचायत चुनावों में हरिद्वार ग्रामीण सीट से पूर्व सीएम हरीश रावत और उनकी बेटी कुछ ख़ास नहीं कर पाई। विधायक अनुपमा रावत के क्षेत्र से ​चारों सीटों पर कांग्रेस बुरी तरह हारी है। सबसे अधिक सीट पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतिश्वरानंद के क्षेत्र से मिली हैं यहां सात सीटों पर रिकॉर्डतोड़ जीत मिली है। उधर, लक्सर में भी भाजपा ने तीन सीट जीती हैं यहां एक सीट से कांग्रेस के संजय सैनी को जीत मिली है। जबकि रानीपुर की दोनों सीटों पर भाजपा ने विजय प्राप्त की है। रानीपुर से चमन चौहान अपनी पत्नी को जीत दिलाने में कामयाब हो गए है। औरंगाबाद से भी भाजपा ने जीत दर्ज की है।

जहां भाजपा का नेतृत्व टीम धामी ने संभाला वहीं कांग्रेस और बसपा को गुटबाजी ले डूबी।

Show More

The News Adda

The News अड्डा एक प्रयास है बिना किसी पूर्वाग्रह के बेबाक़ी से ख़बर को ख़बर की तरह कहने का आख़िर खबर जब किसी के लिये अचार और किसी के सामने लाचार बनती दिखे तब कोई तो अड्डा हो जहां से ख़बर का सही रास्ता भी दिखे और विमर्श का मज़बूत मंच भी मिले. आख़िर ख़बर ही जीवन है.

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!