- केवल खुराना को वर्ष 2021 की फिक्की बेस्ट प्रैक्टिस स्मार्ट पुलिसिंग स्पेशल ज्यूरी अवार्ड 2021 प्रदान किया गया। निदेशक यातायात के रुप में नियुक्ति के दौरान उत्तराखण्ड ट्रैफिक आईज एप्प तैयार करने पर मिला अवार्ड
- एसएससी अजय सिंह को ई सुरक्षा चक्र के लिए दिया गया अवार्ड
दिल्ली/देहरादून: उत्तराखण्ड पुलिस ने अपने बेहतर कार्य के जरिए एक बार फिर प्रदेश का मान राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ाया है। शुक्रवार को फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) ने राज्य के दो पुलिस ऑफ़िसर्स को नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में अवार्ड देकर सम्मानित किया है। फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ( FICCI ) ने आईजी केवल खुराना और STF के एसएसपी अजय सिंह को स्मार्ट पुलिसिंग अवार्ड से सम्मानित किया है। DGP अशोक कुमार ने दोनों अधिकारियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन आगे भी बेहतर पुलिसिंग में जारी रखें।
वर्ष 2021 में देश भर से विभिन्न राज्यों, सेंट्रल पारा मिलिट्री संगठनों से कुल 192 आवेदन आए थे जिनमें से उत्तराखंड के दो अधिकारी बेहतर पुलिसिंग को लेकर अवार्ड पाने में सफल रहे।
उत्तराखंड ट्रैफ़िक आई एप के लिखे मिला आईजी केवल खुराना को अवार्ड
आईजी केवल खुराना को यातायात निदेशक पद पर रहते हुए बेहतर सड़क सुरक्षा और ट्रैफ़िक सिस्टम बनाने तथा उत्तराखंड आई एप तैयार करने के लिए अवार्ड दिया गया है।
अपराध और अपराधियों को स्मार्ट पुलिस के जरिए धरपकड़ करने के लिए किए गए प्रयासों के लिए एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह को अवार्ड
एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह को साइबर क्राइम मैनेजमेंट कैटेगरी में स्मार्ट पुलिस की पहल ई सुरक्षा चक्र के लिए फ़िक्की ने अवार्ड देकर सम्मानित किया है। एसएसपी अजय सिंह की अगुआई में स्पेशल टास्क फोर्स यानी एसटीएफ ने कई तरह के जटिल साइबर क्राइम, क्रिप्टो करेंसी के जरिए धोखाधड़ी करने वाले अपराधियों को सैलाखों के पीछे भेजने के साथ साथ राजस्थान, हरियाणा, झारखंड और बिहार से साइबर क्रिमिनल्स की धरपकड़ की है।
ट्रैफ़िक आईज एप
प्रायः देखने में आता है कि पुलिस की चैकिंग के दौरान आम जन नियमों का पालन करते है लेकिन पुलिस की अनुपस्थिति में खुले आम यातायात नियमों का उल्लंघन करते है। प्रत्येक चौराहा/तिराहा यातायात की दृष्टि से संवेदनशील होता है परन्तु इसके अनुरूप यातायात पुलिस की जनशक्ति में अपेक्षित वृद्धि नही होने के कारण प्रत्येक स्थान पर यातायात पुलिस को नियुक्त किया जाना सम्भव नहीं हो पाता है। आम जन के द्वारा यातायात नियमों के उल्लंघन से सड़क दुर्घटनाएं होती हैं तथा दुर्घटनाओं में बड़ी संख्या में जनहानि होती है। इस प्रकार यातायात नियमों के खुले आम उल्लंघन करने वाले उल्लंघनकर्ता बड़ी संख्या में कार्यवाही से बच जाते है।
पुलिस अथवा यातायात पुलिस की अनुपस्थिति में सार्वजनिक स्थान पर यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के विरुद्व मोबाईल फोन का प्रयोग कर एंड्रॉयड मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से कार्यवाही करने के उदृदेश्य से वर्ष 2020 में ट्रैफिक आईज एप्प को एड्रायड वर्जन तैयार किया गया। Public की मांग पर पुनः Uttarakhand Traffic Eyes App को Android & iOS हाईब्रिड वर्जन में Upgrade किया गया। वर्ष 2022 में Uttarakhand Police App के रूप में संचालित है।
एप्लिकेशन को Google Play Store एवं Apple store से डाउनलोड कर यातायात नियमों का उल्लंघन करनें वाले वाहन की फोटो अथवा शार्ट वीडियो Traffic Eyes पर अपलोड की जाती है। फोटो/वीडियो अपलोड करनें के बाद offence को select कर सबमिट किया जाता है ।सम्बंधित जनपद में Admin के रूप में नामित पुलिस अधिकारी द्वारा अपनी Login Id का प्रयोग कर उल्लघंनकर्ता का विवरण निकालकर चालान किया जाता है।
इस APP के माध्यम से कोई भी व्यक्ति किसी वाहन चालक के यातायात नियमों का उल्लंघन करते पाये जाने पर वाहन के रजिस्ट्रेशन संख्या के साथ मोबाइल से फोटो खींचकर अथवा न्यूनतम 30 सेकेण्ड वीड़ियो बनाकर यातायात नियमों के उल्लंघन जैसे बिना हेलमेट वाहन चलाना, तीन सवारी दुपहिया वाहन चलाना, वाहन चलाते समय माबालइ फोन का प्रयोग करना, बिना सीट बैल्ट के वाहन चलाना, गलत दिशा में वाहन चलाना, रैश ड्राईविंग, सिग्नल का उल्लंघन करना, खतरनाक तरीके से वाहन चलाना, वाहन में छत पर सवारियां बैठाकर ले जाना आदि वाहन के नम्बर सहित फोटो/वीडियों क्लिप अपलोड की जाती है। प्रत्येक जनपद में कम से कम 01 पुलिस अधिकारी को Traffic Eyes Web की Login id/Password प्रदान किया गया है जो अपने-अपने जनपदों में प्रयोक्ताओं के द्वारा प्रेषित की गयी फोटो/वीडियो का सत्यापन करते हैं। सत्यापन के उपरान्त वाहन स्वामी का नाम, पता मोबाइल नम्बर फीड करने के बाद submit करके नोटिस वाहन स्वामी के मोबाइल पर चला जाता है तथा चालान नम्बर जनरेट हो जाता है। जिस वाहन स्वामी का मोबाइल नम्बर उपलब्ध नहीं होता है उसको पोस्ट के द्वारा नोटिस प्रेषित किया जाता है। इसमें फोटो खींचकर/वीडियो बनाकर भेजने वाले प्रयोक्ता का नाम-पता गुप्त रखा जाता है।वर्तमान में एप्प के 15000 से अधिक यूजर है जिनके द्वारा बड़ी संख्या शिकायते शेयर की जाती है।
एप्प के उदघाटन से जुलाई, 2022 तक तक लगभग 45 लाख का संयोजन शुल्क वसूल किया गया है।
एप पर प्राप्त शिकायतों को नोटिस चालानों के रूप में Generate किये जाने हेतु उत्तराखण्ड शासनकीअधिसूचना संख्या 907/xx-5-2021-03(24)2020 के द्वारा Uttarakhand Traffic Eyes App के चालानों को विधिक मान्यता प्रदान की गयी है।
वर्ष 2021 में फिक्की स्मार्ट पुलिसिंग एवं बेस्ट प्रैक्टिस हेतु नामांकन मांगे गये थे उत्तराखण्ड राज्य के उत्तराखण्ड Traffic Eyes App का नामांकन फिक्की को प्रेषित किया गया उत्तराखण्ड राज्य सहित अन्य 19 राज्यों एवं 4 CAPF से कुल 192 Entry प्राप्त हुई थी इनमें से Uttarakhand Traffic Eyes App को Special Jury Award 2021 के लिए श्री केवल खुराना,पुलिस महानिरीक्षक,एस0सी0आर0बी0/कमाण्डेन्ट जनरल,उत्तराखण्डकोसम्मानित किया गया जिसे आज दिनांक 2 सितम्बर, 2022 को Federation of Indian Chambers of Commerce and Industry Federation House, Tansen Marg, New Delhi में प्राप्त किया ।जो उत्तराखण्ड पुलिस एवं राज्य के लिए गौरव की बात है।
Uttarakhand Traffic Eyes App को वर्तमान में Uttarakhand Police App में इंट्रीग्रेड किया गया है। यह एप आम लोगों में काफी प्रसिद्व होने के कारण उत्तराखण्ड पुलिस एप में भी काफी अच्छे परिणाम दे रहा है। Uttarakhand Traffic Eyes App के माध्यम से वर्ष 2020 से वर्ष 2022 तक लगभग 70247 कुल शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिन पर कार्यवाही करते हुए लगभग 44,84,400 संयोजन शुल्क वसूला गया है।
स्मार्ट पुलिस अगेंस्ट साइबर क्राइम
FICCI द्वारा दूसरा अवार्ड अजय सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ को Cyber Crime Management श्रेणी में स्मार्ट पुलिसिंग की पहलों के लिए शुरू किए गए e-Suraksha Chakra 2.0 के लिए प्रदान किया गया। स्पेशल टास्क फोर्स उत्तराखण्ड राज्य में घटित गम्भीर प्रकृति के अपराधों एंव साइबर क्राईम के अपराधों की रोकथाम हेतु नोडल एजेन्सी के रुप में कार्यरत है । स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा सयुक्त रुप से घटित साइबर क्राईम, वित्तीय हानि के अपराधों के प्रति आम जनता को जागरुक किये जाने हेतु व्यापक स्तर पर कार्य किया जा रहा है । साथ ही समय समय- पर सम्पूर्ण भारतवर्ष से ऐसे अपराधियों की गिरफ्तारी कर साइबर क्राईम के अपराधों में काफी हद तक अंकुश लगाया गया है।
स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा साइबर क्राईम के क्षेत्र में उच्च कार्यदक्षता का परिचय दिया गया तथा उत्तराखण्ड की वह प्रथम एजेन्सी बनी जिसके द्वारा क्रिप्टो करेन्सी के माध्यम से धोखाधडी करने वाले अपराधियों के विरुद्व कानूनी कार्यवाही कर ऐसे अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजा गया। साथ ही मेवात (राजस्थान/झाऱखण्ड) के ऐसे दुर्गम क्षेत्रों में जहाँ पर साइबर अपराधियों द्वारा साइबर अपराध सम्बन्धी घटनाओं को कारित किया जा रहा था।
स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा ऐसे दुर्गम स्थानों पर अपनी पकड़ बनाते हुये इन क्षेत्रों से साइबर अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुचाया गया। देश की विभिन्न नोडल एजेन्सियों (ई0डी0/आई0बी0/आर0ओ0सी0/दूरसंचार/रिर्जव बैक) से सम्पर्क स्थापित कर साइबर क्राईम के क्षेत्र में बढ रहे अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाया गया है। साइबर अपराधों से निपटने के लिए साइबर हैकाथॉन का दूसरा संस्करण (Hackathon 2.0) आयोजित करने वाली देश की पहली राज्य पुलिस बनी।