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हरदा ने लिखा मुख्यमंत्री तीरथ रावत को खुला पत्र, NHM कर्मियों, स्टाफ नर्स भर्ती और डिप्लोमा होल्डर इंजीनियरिंग भर्ती पर कही ये बात!

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देहरादून: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को लेटर बम फोड़ने का पुराना सियासी शौक रहा है। तिवारी सरकार से लेकर बहुगुणा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकारों में हरदा लगातार लेटर बम फोड़ते रहे हैं। अब कांग्रेस में विपक्ष में बैठी है लिहाजा हरदा भी लेटर बम की बजाय मशविरों की खुली पाँती भेजने लगे हैं। चार साल हरदा का ये पत्राचार टीएसआर – एक के साथ जब तब चलता रहा, अब उन्होंने वात्सल्य योजना को लेकर सीएम तीरथ सिंह रावत की तारीफ की है तो लगे हाथ मंगलवार को एक खुला पत्र लिखकर एनएचएम कर्मियों, स्टाफ़ नर्स भर्ती में अनुभव वेटेज देने से लेकर डिप्लोमाधारी इंजीनियरिंग युवाओं की भर्ती को लेकर भी सुझाव दिए हैं।

आप ख़ुद पढ़ लीजिए हरदा का खुला पत्र

मुख्यमंत्री जी को भूतपूर्व_मुख्यमंत्री की सुझाव पत्रिका।

    माननीय तीरथ_सिंह जी, मैं आपको यह ई-पत्र, NHM कर्मियों व बेरोजगार डिप्लोमा होल्डर नौजवानों की ओर से लिख रहा हूँ। NHM के कर्मचारियों की कुछ मांगों को हमारी सरकार ने मान लिया था, मेरे साथ अधिकारियों की बैठक में एक अंडरस्टैंडिंग बन गई थी और शासनादेश निकालने के आदेश कर दिये गये थे। शासनादेश निकलते-निकलते चुनाव आ गये, अब कुछ और मांग हैं जिनमें कोरोनाकाल के लिए बीमाकृत होने की मांग भी सम्मिलित है, उसको लेकर के आगे आये हैं और उन्होंने कहा है कि वो काम बंद कर देंगें, यदि उनकी मांगें नहीं मानी गई। मैंने भी उनसे आग्रह किया है कि वो मुख्यमंत्री जी पर भरोसा करें और मैं आपसे आग्रह करना चाहता हूँ कि आप उनको वार्ता के लिए बुलाईये, कोरोना के खिलाफ लड़ाई में वो हमारे बड़े महत्वपूर्ण अंग हैं, उनसे वार्ता करिये और जो आप कर सकते हैं, उन मांगों को पूरा कर दीजिये। 
     एक इसी से संबद्ध समस्या है कि आप जितनी नियुक्तियां स्टाफ नर्स आदि की निकाल रहे हैं, उसमें पास्ट एक्सपीरियंस को कंसीडर नहीं कर रहे हैं। आज सारी परीक्षाएं वर्चुअल होनी हैं और आप जानते हैं पुराने लोग इतने टेक्नोसेवी नहीं हैं, उनकी तुलना में जो नये अभ्यर्थी हैं, वो ज्यादा टेक्नोसेवी हैं। मगर उन्होंने भी सरकार की ही गाइडेंस में ट्रेनिंग ली है और अलग-अलग स्थानों पर कोई उपनल कर्मी के रूप में, कोई किसी रूप में काम भी कर रहा है तो उनके इस अनुभव का कोई वेटेज तो होना चाहिये, उनको कुछ वेटेज दीजिये, ताकि उस वेटेज के साथ वो भी परीक्षा में सम्मिलित हों और अच्छी बात है आप परीक्षाएं करवाइये और इन परीक्षाओं को टालते मत रहिये, ये एक प्रकार की जरूरी सर्विसेस है, जिनमें वैकेंसीज का रहना जिस तरीके से कोरोना संक्रमण की तीसरी व चौथी लहर की बात हो रही है। मैं समझता हूँ, लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ होगा। 
   दूसरी मांग हमारे डिप्लोमा_होल्डर्स नौजवानों की है, जो हमारे कोर इंजीनियरिंग सेक्टर हैं, उस सेक्टर में 2016 में हमने पब्लिक सर्विस कमीशन से हमने भर्तियां की थी और उसके बाद से आज तक भर्तियाँ नहीं निकल रही हैं। जबकि हर साल कुछ लड़के पास होकर के आ रहे हैं और पद भी रिक्त हैं। मैं देख रहा था, पिछले दिनों जलसंस्थान में कुछ पद निकले हैं तो ये टुकड़ों-टुकड़ों में निकलने के बजाय एक साथ PWD, जल निगम में जो हमारे ग्रामीण इंजीनियरिंग सेवा, इनमें जहाँ भी पद रिक्त हैं, उन पदों को एक साथ निकाल दीजिये और इन लड़को को अवसर दीजिये और मुझे भरोसा है कि आप मेरे इस ई-पत्र पर अवश्य गौर करेंगे। 
                  सादर, 
                                    भवदीय 
                                  हरीश रावत
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