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माफिया अतीक के बेटे असद और शूटर गुलाम का एनकाउंटर: लॉ एंड ऑर्डर पर योगी की खींची लकीर के आगे ‘सब’ बौने!

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Gangster turned politician Atiq Ahmad’s son Asad and shooter Ghulam killed in encounter by UP STF: खबर ये है कि यूपी एसटीएफ ने प्रयागराज उमेश पाल मर्डर केस में वांटेड गैंगस्टर असद अहमद और उसके साथी शूटर गुलाम का गुरुवार को एनकाउंटर कर दिया है। माफिया टर्न्ड पॉलिटीशियन अतीक अहमद के बेटे असद और गुर्गे गुलाम का एनकाउंटर झांसी के बड़ागांव में परीछा डैम के पास किया गया।

ज्ञात हो कि इन दोनों आरोपियों पर पांच-पांच लाख रुपए का इनाम यूपी पुलिस ने घोषित कर रखा था और दोनों जान बचाने को दिल्ली के संगम विहार से लेकर जाने कहां कहां अपने मददगारों के माध्यम से छिपे फिर रहे थे। यूपी पुलिस ने बताया है कि दोनों के पास विदेशी पिस्टल आदि हथियार बरामद किए गए हैं।

जब यूपी STF के एनकाउंटर एक्शन की खबर प्रयागराज कोर्ट में पेशी देने पहुंचे अतीक अहमद तब पहुंची तो वह बेटे के एनकाउंटर की खबर सुनकर रोने लगा। गला सूखा तो पानी मांगा और सिर पकड़कर बैठ गया।

ज्ञात हो कि 24 फरवरी को प्रयागराज में उमेश पाल का मर्डर करने के बाद से असद और शूटर गुलाम फरार थे। STF 54 दिन से लगातार इन्हें ट्रेस कर रही थी और आखिरकार झांसी में इनकी लोकेशन मिलने पर एनकाउंटर में मार गिराया। एनकाउंटर को डिप्टी एसपी नवेंदु और डिप्टी एसपी विमल लीड कर रहे थे। STF डीआईजी अनंत देव तिवारी ने कहा, ‘असद-मकसूद को हमारी टीम ने मार गिराया है। इनके पास से पिस्टल, रिवाल्वर और विदेशी हथियार बरामद हुए हैं।’

अब यह तो महज बारहवीं पास करने के बाद अपराध की दुनिया में अपने बाप और चाचा के नक्शे कदम पर चल पड़े असद अहमद के अंत की ख़बर भर थी लेकिन इस एनकाउंटर ने साबित कर दिया कि यूपी में अपराधियों का बोलबाला अब गुजरे वक्त की कहानी है।

दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानून और व्यवस्था के मोर्चे पर जो लीड बना ली है उसने बाकी बीजेपी और गैर बीजेपी मुख्यमंत्रियों को मुकाबले में बहुत पीछे छोड़ दिया है। हां यह सही है की योगी राज में ही रहे एनकाउंटर्स पर सवाल भी खूब उठाए जा रहे लेकिन योगी जहां जहां मैसेज देना चाहते हैं वहां इंपैक्ट भारी पड़ रहा है।

लॉ एंड ऑर्डर पर खींची इसी लकीर का नतीजा है कि आज यूपी में योगी के मुकाबले कहने को न पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पास कुछ खास है और न बसपा सुप्रीमो मायावती के पास ही। आखिर गैंगस्टर टर्न्ड पॉलिटीशियन अतीक अहमद सपा और बसपा दोनों की ही तो दुखती रग है जिसे योगी ने उमेश पाल हत्याकांड के बाद विधानसभा में दहाड़ते अखिलेश को शांत करने के लिए दबाया था। अतीत के इस सच से न सपा मुंह मोड़ सकती और न बसपा कि अतीक अहमद बारी बारी सपा और बसपा के साथ चिपकता रहा।

लॉ एंड ऑर्डर के रास्ते में विकास दुबे आए या असद,योगी राज में एनकाउंटर होगा जवाब

कानपुर के बिकरू गांव में हुई एक मुठभेड़ में डीएसपी सहित आठ पुलिस कर्मियों को शहीद कर देने वाले हिस्ट्री शीटर विकास दुबे को ला रही पुलिस की गाड़ी कानपुर पहुंचने से पहले पलट गई और एनकाउंटर में गैंगस्टर विकास दुबे को निपटा दिया गया था। उसके बाद जब प्रयागराज में खुले आम माफिया अतीक अहमद के बेटे असद अहमद और कई शूटर्स ने मिलकर सारे राह राजू पाल हत्याकांड के मुख्य और अंतिम गवाह उमेश पाल को गोलियों से भून डाला और सुरक्षा में लगे यूपी पुलिस के दो जवानों की भी जान ले ली तब बहुतों को लगा कि गुजरात से यूपी लाए जा रहे गैंगस्टर अतीक अहमद की भी गाड़ी पलट सकती है। लेकिन ऐसा न हुआ और न होने वाला था क्योंकि प्रयागराज में दिन दहाड़े हुए उमेश पाल मर्डर के बाद जिस तरह से अकेले यूपी नहीं बल्कि पूरे देश में योगी राज में लॉ एंड ऑर्डर को लेकर सवाल खड़े हुए उसने सीएम आदित्यनाथ को हिलाकर रख दिया था।

यही वजह रही कि उमेश पाल मर्डर के ठीक अगले दिन जब सीएम योगी आदित्यनाथ नेता विपक्ष अखिलेश यादव के लॉ एंड ऑर्डर पर किए हमले का जवाब यह एलान करते हुए देते हैं कि इस माफिया को मिट्टी में मिला देंगे। संभव है तब कई सौ मील दूर गुजरात की जेल में बंद माफिया अतीक अहमद और उमेश पाल की हत्या कर फरार हुए उसके बेटे असद अहमद को योगी के दावों पर यकीन न रहा हो लेकिन योगी जानते थे कि प्रयागराज में हुए उमेश पाल मर्डर ने उनके लॉ एंड ऑर्डर के पूरे दमखम पर ही प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है।

लिहाजा भले टीवी मीडिया गुजरात से अतीक अहमद की लेकर चले काफिले को फॉलो करता रहा और विकास दुबे की तर्ज पर गाड़ी पलटने की हेडलाइन का इंतजार करता रहा। लेकिन योगी के दिमाग में प्रयागराज में खुले आम गोलियां और बम बरसाते चेहरे खटक रहे थे। नतीजा उमेश पाल हत्याकांड के करीब डेढ़ महीने बाद माफिया अतीक अहमद का फरार बेटा असद गुरुवार को यूपी एसटीएफ के हाथों एनकाउंटर में मारा गया।

जाहिर है आबादी और सियासी लिहाज से देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर बहुत बड़ा मुद्दा है और चाहे कोई कुछ भी कहता रहे यह दांव विकास के तमाम दावों से एक कदम आगे दिखाई देता है। लॉ एंड ऑर्डर पर सख्त इमेज ने योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्रियों की रेस से कहीं आगे कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बरक्स लाकर खड़ा कर दिया है। इसी इमेज का असर है कि आज पीएम मोदी के बाद योगी की डिमांड बीजेपी की चुनावी रैलियों में रहती है।

…तो क्या लॉ एंड ऑर्डर के मुद्दे को अपने सियासी तरकश का सबसे धारदार और असरदार तीर बनाकर योगी 2024 में मोदी और 2027 के लिए यूपी में अपनी राह आसान कर रहे हैं?

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