UKPSC Paper Leak case: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग यानी UKSSSC स्नातक स्तरीय भर्ती पेपर लीक कांड से लेकर नकल माफिया की जकड़ में पाया गया तो धामी सरकार ने भर्ती परीक्षा कराने का बड़ा जिम्मा उत्तराखंड राज्य लोक सेवा आयोग यानी UKPSC को सौंपा लेकिन अब पटवारी लेखपाल भर्ती परीक्षा पेपर लीक से लेकर AE/JE परीक्षा पेपर लीक कांड के बाद यह आयोग भी सवालों के घेरे में है। AE/JE पेपर लीक कांड में शुक्रवार को मुकदमा भी दर्ज हो गया है लेकिन इस मामले ने सत्ताधारी दल बीजेपी की मुश्किलें फिर से बढ़ा दी हैं।
UKSSSC पेपर लीक कांड के बाद बीजेपी ने पार्टी नेता हाकम सिंह रावत के नकल गैंग का सरगना निकलने के बाद उसे बाहर का रास्ता दिखाकर किसी तरह पिंड छुड़ाने का प्रयास किया था लेकिन अब UKPSC पेपर लीक कांड में एक और बीजेपी नेता पर मुकदमा दर्ज होने से सत्ताधारी दल असहज हो गया है। बताया जा रहा है कि नए साल में बीजेपी ने पार्टी नेता संजय धारीवाल को मंगलौर देहात क्षेत्र का मंडल अध्यक्ष बनाकर उसकी सेवाओं के इनाम दिया था।
मंडल अध्यक्ष बनने के बाद संजय धारीवाल ने हरिद्वार सांसद डॉ रमेश पोखरियाल निशंक से लेकर मुख्यमंत्री धामी और प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कुछ पोस्टरबाजी की। लेकिन पटवारी लेखपाल परीक्षा पेपर लीक और AE/JE भर्ती परीक्षा पेपर लीक कांड में मंडल अध्यक्ष संजय धारीवाल के टैलेंट (संलिप्तता) का पुलिस के माध्यम से सत्ताधारी दल बीजेपी को पता चलने के बाद मोहम्मदपुर जट गांव में प्रधानी के काम का बोझ बताकर झटपट धारीवाल से इस्तीफा करा लिया गया था।
इसीलिए उस पर एक्शन में देरी बरती गई ताकि मामले को पहले ठंडा किया जाए और उसके बाद यह मैसेज देकर कि संजय धारीवाल का बीजेपी से कोई लेना देना नहीं है, उस पर मुकदमा दर्ज होने दिया जाए। सीएम के सख्त संदेश के बाद नौ लोगों पर मुकदमा दर्ज किया जा चुका है।
हालांकि आपके The News ADDA ने संजय धारीवाल के कच्चे चिट्ठे की खबर पिछले हफ्ते ही खुलासा कर आप तक पहुंचा दी थी और और UKPSC परीक्षा पेपर लीक कांड में मुकदमा दर्ज हो चुका है। हालांकि अब बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट दलील पेश कर रहे हैं कि अब संजय धारीवाल बीजेपी में नहीं है और पार्टी ने धारीवाल को कभी मंडल अध्यक्ष घोषित नहीं किया था।
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दरअसल न केवल संजय धारीवाल बल्कि हरिद्वार के सियासी गलियारों में चर्चा है कि बीजेपी की महिला नेता से लेकर पिछला विधानसभा चुनाव लड़ चुका बीजेपी प्रत्याशी के परिजन भी पटवारी लेखपाल भर्ती परीक्षा और AE/JE भर्ती परीक्षा पेपर लीक कांड में संलिप्त हो सकते हैं। देखना होगा कब तक जांच ऐसे नेताओं तक पहुंचती है।
दरअसल, कभी हाकम तो कभी धारीवाल, सत्ता संरक्षण और भर्ती आयोगों में बैठे दगाबाज लोगों की मार्फत उत्तराखंड में नकल माफिया भर्ती परीक्षाओं पर इस कदर मकड़ी के जाले की तरह अपनी पकड़ बना चुका है कि अब कौनसी परीक्षा का पेपर लीक हो जाए कुछ भी कहा नहीं जा सकता है और नीचे से ऊपर तक कौन संलिप्त हो अंदाज लगाना भी आसान नहीं है।
यही वजह है कि UKSSSC स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा पेपर लीक कांड के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को कहते रहे कि सरकार के सख्त एक्शन पर भरोसा रखें, अब आगे नकल माफिया पेपर लीक करना तो दूर सपने में भी नहीं सोचेगा। लेकिन बेरोजगार युवाओं के सरकारी नौकरी के सपनों पर लगातार डाका डालते आ रहे बेखौफ नकल माफिया ने UKSSSC से लेकर पटवारी लेखपाल भर्ती परीक्षा करा रहे UKPSC के तमाम चाक चौबंद इंतजामों को धता बताते हुए आठ जनवरी 2023 को हुआ पेपर लीक कर सत्ता और सिस्टम को खुली चुनौती दे डाली।
अब UKPSC की AE/JE परीक्षा पेपर लीक की पुष्टि और नौ लोगों पर मुकदमा होना साबित करता है कि नकल माफिया के आगे आयोग और सिस्टम फेल है।
अब जिस तरह से पहले बीजेपी से जुड़े रहे हाकम सिंह रावत पकड़े गए और अब संजय धारीवाल का लपेटे में आ जाना गंभीर सवाल खड़ा करता है की क्या सरकारी नौकरी को लेकर होने वाली भर्ती परीक्षाओं पर पेपर लीक कराकर युवा सपनों पर डकैती डाल रहे नकल माफिया के तार सत्ताधारी भाजपा के नेताओं से बड़े गहरे तक जुड़े हैं?