Pervez Musharraf passes away: पुरानी दिल्ली में जन्म भारत पर करगिल जंग थोप पाकिस्तान की एक और हार कराने वाले परवेज़ मुशर्रफ का दुबई में निधन

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Pakistan’s former president Pervez Musharraf passes away in Dubai: पाकिस्तान के सैन्य तानाशाह रहे पूर्व राष्ट्रपति 79 वर्षीय परवेज़ मुशर्रफ़ का रविवार को दुबई में निधन हो गया। परवेज़ मुशर्रफ़ वो सेना जनरल थे जिसने भारत पर कारगिल युद्ध थोपा और बाद में पाकिस्तान को दुनिया में बदनामी और हार झेलने को मजबूर किया। बाद में उसी मुशर्रफ को पाकिस्तान ने देशद्रोही माना और मौत की सजा सुनाई। दुबई में इलाज करा रहे मुशर्रफ लंबे समय से बीमार चल रहे थे और उनके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। पूर्व सैन्य शासक परवेज़ मुशर्रफ 20 जून 2001 से 18 अगस्त 2008 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे।

साल 1998 में सेना प्रमुख बने परवेज मुशर्रफ को जिन तत्कालीन पाक प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ ने सेना की कमान सौंपी थी, 12 अक्तूबर 1999 को उन्हीं के खिलाफ तख्तापलट कर सत्ता अपने हाथ में ले ली थी। परवेज़ मुशर्रफ़ ने जून 2001 में खुद को पाकिस्तान का राष्ट्रपति घोषित कर दिया था। अपनी जीवनी “इन द लाइन ऑफ फायर – अ मेमोयर” में मुशर्रफ ने कहा कि उसने करगिल पर कब्जे की कसम खाई थी लीइंग नवाज शरीफ के कारण ऐसा नहीं कर सके।

बाद में मुशर्रफ को पाकिस्तान छोड़कर भागना पड़ा और 2013 में जनरल इलेक्शन के लिए लौटे तो उन पर देशद्रोह का मुकदमा चला। लेकिन मार्च में मुशर्रफ मेडिकल ग्राउंड्स पर दुबई इलाज के लिए गए। लेकिन जब नहीं लौटे तो पाकिस्‍तान की एक अदालत ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया था और 17 दिसंबर 2019 में पाक अदालत ने मुशर्रफ को मृत्यु दण्ड की सजा सुना दी थी। आज 5 फरवरी को मुशर्रफ का दुबई के अस्पताल में निधन हो गया।

मुशर्रफ कई महीने से अस्पताल में भर्ती थे। जून 2022 में उनके परिवार ने सोशल मीडिया पर कहा था कि वे अमाइलॉइडोसिस नाम की बीमारी से जूझ रहे हैं। इसकी वजह से उनके सभी अंगों ने काम करना बंद कर दिया।

दरअसल,अमाइलॉइडोसिस बीमारी में इंसान के शरीर में अमाइलॉइड नाम का असामान्य प्रोटीन बनने लगता है और यह दिल, किडनी, लिवर, नर्वस सिस्टम, दिमाग आदि अंगों में जमा होने लगता है। इसकी वजह से इन अंगों के टिशूज ठीक से काम नहीं कर पाते।

करगिल ही नहीं 1965,1971 के भारत पाक युद्ध में भी मुशर्रफ का रोल रहा

1999 में भारत पर करगिल जंग थोपने वाले पाक सेना प्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ 1965 में भी भारत के खिलाफ पाक सेना की तरफ से युद्ध लड़ चुके थे। हालांकि इस युद्ध में भी पाकिस्तान को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी लेकिन पाकिस्तानी सेना ने मुशर्रफ को मेडल दिया था। 21 साल की उम्र परवेज मुशर्रफ ने बतौर जूनियर अफसर पाकिस्तान सेना में भर्ती हुए थे।

मुशर्रफ का 1965 के बाद 1971 के भारत पाक युद्ध में भी रोल रहा था। इस लड़ाई के बाद पाकिस्तान सरकार ने मुशर्रफ को प्रमोशन दिया और बाद में नवाज शरीफ ने 1998 में परवेज मुशर्रफ को सेना का जनरल बनाया। सेना प्रमुख बनते ही मुशर्रफ ने भारत के खिलाफ करगिल की साजिश रची और इस जंग में भी हार के साथ साथ दुनियाभर में पाकिस्तान की छीछालेदर करा बैठे।

3 नवंबर 2007 की इमरजेंसी और फिर मार्शल लॉ की घोषणा के मामले में 2013 में मुशर्रफ पर देशद्रोह का केस चला, इसके बाद नवाज शरीफ की सरकार ने अप्रैल 2013 में उनकी अंतरराष्ट्रीय यात्राओं पर बैन लगा दिया था।

मुशर्रफ का परिवार भारत पाक बंटवारे से पहले पुरानी दिल्ली में रहा करता था। मुशर्रफ के दादा टैक्स कलेक्टर हुआ करते थे और उनके पिता भी अंग्रेज हुकूमत में बड़े ओहदेदार हुआ करते थे। मुशर्रफ अपने जन्म के करीब चार साल तक पुरानी दिल्ली की अपने पुरखों की कोठी में ही रहे थे।


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