देहरादून: पहाड़ पॉलिटिक्स के सबसे ऊर्जावान नेताओं में शुमार करते प्रदेश के नए ऊर्जा मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने ऐलान किया है कि फिलहाल तो सौ यूनिट फ्री बिजली का प्रस्ताव कैबिनेट को जाएगा। लेकिन अगर 2022 में दोबारा बीजेपी सरकार सत्ता में आती है और उनको फिर से ऊर्जा विभाग मिलता है तो वे अगले 3-4 सालों में घरेलू बिजली पूरी तरह मुफ्त कर देंगे। ऊर्जा मंत्री ने दावा किया है कि वे ऊर्जा विभाग को इतने प्रोफ़िट में लेकर आ जाएंगे कि बड़ी आसानी से पूरे प्रदेश में सबको मुफ्त बिजली मिलने लगेगी।
सवाल है कि हरक सिंह रावत ने अपनी भविष्य की योजना का खाका इतना ख़ूबसूरत खींचा है तब बीजेपी नेतृत्व बल्लियां क्यों न उछल रहा! आखिर एक तो हरक सिंह ने खुद ही मान लिया कि वे मुख्यमंत्री की दौड़ से बाहर हैं, दूसरा 3000 करोड़ के घाटे वाले निगम को मुनाफ़े में लाने की योजना भी समझा रहे। लेकिन न सीएम पुष्कर सिंह धामी ने ऊर्जा मंत्री की मुफ्त बिजली ऐलान को तवज्जो दी और न अब भविष्य में ऊर्जा मंत्री बनकर घाटे से लाभांश तक ले जाने के दावे का वेलकम हो रहा है।
अब एक तरफ कहां तो कंपनियों से बिजली लेकर यूपीसीएल भुगतान के लिए उधार लेता फिर रहा, न सरकार को रॉयल्टी के 1200 करोड़ सालाना दे पा रहा, अब जब घाटे से लाभांश लाने वाले मंत्री मिले हैं तो सब मुँह चुरा रहे उनकी सौ यूनिट फ्री बिजली की योजना पर। दूसरा लाइन एंड लॉस के दरिए सालाना हजार एक करोड़ का चूना लग रहा जिसे रोकने को नए मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू परेशान हैं। जबकि मंत्री लाइन एंड लॉस घटाकर आत्मनिर्भर निगम बनाने का दम भर रहे।
या फिर हकीकत ये है कि डॉ हरक सिंह रावत ने जिस तरह से मुफ्त बिजली का शिगूफ़ा छोड़ा है उसने देहरादून से दिल्ली तक बीजेपी नेतृत्व को असहज कर दिया है। कहां तो पीएम मोदी रसोई गैस से लेकर तमाम चीज़ों की सब्सिडी छोड़ने की आए दिन अपील करते रहते हैं और कहां डॉ हरक ने केजरीवाल की क्रीज़ पर कूदकर छक्के के चक्कर में गिल्ली उखड़वाने वाला शॉट खेल दिया है।