Uttarakhand Politics News: अब इसे लोकसभा सीट को लेकर पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की दावेदारी से मिल रहे कंपीटीशन का असर कहिए या कुछ और आज अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने के लिए हो रहे महिला कांग्रेस के धरना प्रदर्शन के मंच से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सबको चौकाने वाला बेतुका बयान दे डाला है।
राज्य की पुष्कर सिंह धामी सरकार के संभावित मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर पूछे गए सवाल पर हरदा ने कहा दिया कि अगर सीएम धामी ने मंत्रिमंडल के खाली पद भरे तो उनकी सरकार धड़ाम से गिर जाएगी। अब भला हरदा का यह बयान किसी के भी गले उतर पाएगा?
हरदा ने कहा कि जो भी सीएम धामी को समझा या सलाह दे रहा है, वह ठीक ही कर रहा है । उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री ने कैबिनेट के खाली मंत्रीपद भरे तो उनकी सरकार धड़ाम से गिर जाएगी। इसलिए समझदारी इसी में हैं कि वे दो तीन कुर्सी खाली रखें ताकि उनकी सरकार सुरक्षित रहे।
ज्ञात हो कि पिछले साल बनी धामी सरकार 2.0 में मंत्री चंदन राम दास के निधन के बाद से चार कैबिनेट बर्थ खाली हैं। माना जा रहा है कि जुलाई माह में ही मोदी मंत्रिमंडल में भारी फेरबदल संभावित है। इसके बाद उत्तराखंड में भी कैबिनेट विस्तार संभव है।
इस लिहाज से 47 विधायकों के बहुमत से बनीं धामी सरकार में जगह पाने को एक दो नहीं बल्कि दो दर्जन विधायक लालायित हैं लेकिन जिस तरह से हरदा दावा कर रहे कि कैबिनेट विस्तार किया तो धामी सरकार धड़ाम होगी, ऐसे हालात कतई नजर नहीं आते हैं।
उल्टे बीजेपी के मुकाबले अंदरूनी झगड़ों को लेकर विपक्षी कांग्रेस की हालत जरूर खेमों में बंटी दिखाई दे रही। खुद हरदा बताएं कि आखिर कांग्रेस को मजबूती देने के लिए वे और पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह कब आखिरी बार एक छत के नीचे बैठे थे? या प्रीतम और प्रदेश प्रभारी कब आखिरी बार एक कक्ष में बैठे थे?
जाहिर है कांग्रेस हाउस कतई ऑर्डर में नजर नहीं आ रहा। आए दिन चर्चाएं यहां तक की चलती रहती हैं कि के पूर्व कैबिनेट मंत्री बीजेपी के साथ पींगें बढ़ा रहा है और कांग्रेस आलाकमान ने मांगें पूरी नहीं की तो लोकसभा चुनाव से पहले एक और “ऑपरेशन लोटस” झेलने की नौबत आ सकती है। लेकिन हरदा ठहरे हरदा! लिहाजा घर के झगड़ों से ध्यान भटकाने को दे डाला “कैबिनेट विस्तार तो धामी सरकार धड़ाम” बयान!