देहरादून: अपने बयानों और सोशल मीडिया स्टेट्स से सत्ताधारी भाजपा के पसीने छुड़ाते रहे हरदा यानी पूर्व सीएम हरीश रावत जिनके कंधों पर कांग्रेस की इलेक्शन कैंपेन की कमान है, अब घिरते नजर आ रहे हैं। दरअसल, कांग्रेस की विजय संकल्प शंखनाद रैली में हरदा ने भाजपा सरकार पर हल्लाबोल करते ऐलान किया था कि अगर पांच सालों में 3200 लोगों की भी सरकारी नौकरी लगी होगी तो वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे। लेकिन अब धामी सरकार के मंत्रियों ने हरदा की घेराबंदी तेज कर दी है। पहले शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने हरदा को आईना दिखाया और फिर कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने भी पूर्व सीएम रावत को राजनीति से रिटायर होने का संदेश दिया है।
कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने हरदा के वार पर पलटवार करते हुए कहा कि वक्त आ गया है कि हरीश रावत राजनीति से संन्यास ले लें। उनियाल ने दावा किया कि साल 2017-18 से अब तक 25 हजार से ज्यादा पदों पर या तो नियुक्तियां हो चुकी हैं या प्रक्रिया गतिमान है। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि हरीश
रावत जब चाहें उनको रोजगार प्राप्त करने वाले 3200 से ज्यादा लोगों की लिस्ट मुहैया करा दी जाएगी जिसके बाद अपने वायदे के अनुसार रावत राजनीति से संन्यास ले लें।
कैबिनेट मंत्री उनियाल ने भाजपा सरकार के पौने पांच साल में विभागवार हुई नियुक्तियों का आंकड़ा रखा दिया है। उनियाल ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, एमएसएमई, स्टार्टअप, प्रधानमंत्री कृषि विकास योजना आदि के माध्यम से भी बड़ी संख्या में स्वरोजगार मुहैया कराया गया है। उन्होंने कहा कि हरीश रावत के संन्यास लेने के लिए ये पर्याप्त आधार हैं।
इससे पहले शुक्रवार को शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने भी पलटवार करते हुए कहा कि बेसिक, माध्यमिक स्तर पर शिक्षकों की भर्ती का आंकड़ा पेश किया। पांडे ने बेसिक शिक्षा में 1881 नियुक्ति करने और 2648 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया गतिमान होने का दावा किया था। जबकि माध्यमिक शिक्षा में 1818 पदों पर नियुक्तियां करने, 1431 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया गतिमान होने का आंकड़ा रखा। वहीं प्रवक्ता पद पर 1414 पदों नियुक्ति होने की बातें कही। पांडे ने कहा कि 571 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है। पांडे ने 4410 पदों पर बेरोज़गारों क अतिथि शिक्षक के तौर पर 15 हजार की बजाय 25 हजार रुपए मानदेय देने का ब्योरा भी पेश किया।