देहरादून/नैनीताल: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा शुरू होने को लेकर आज नैनीताल हाईकोर्ट की सुनवाई में रास्ता निकल सकता है। वैसे भी तीरथ सरकार पहले 15 जून से सीमित चारधाम यात्रा का ऐलान कर यू टर्न ले चुकी क्योंकि उसे एसओपी बनाते-बनाते याद आया कि चारधाम यात्रा को लेकर हाईकोर्ट सख्ती से न केवल मॉनिटरिंग कर रहा बल्कि देवस्थानम बोर्ड और टूरिज्म के कर्ताधर्ताओं को कोविड प्रोटोकॉल के जमीनी हालात जानने को पैदल दौड़ने को मजबूर कर चुका है। लिहाजा तीरथ सरकार दो कदम बढाकर चार कदम पीछे हट गई थी और उसे आज हाईकोर्ट से मिलने वाले निर्देशों का इंतजार है। इसी लिए सरकार ने चमोली जिले के लोगों के लिए बदरीनाथ, उत्तरकाशी जिले के लोगों के लिए गंगोत्री और यमुनोत्री तथा केदारनाथ धाम दर्शन की अनुमति रुद्रप्रयाग जिले के लोगों को दे दी थी।
दरअसल हाईकोर्ट पिछली सुनवाई के दौरान कपाट खुलने के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पालन ठीक से न हो पाने के चलते देवस्थानम बोर्ड और टूरिज्म मंत्रालय को कड़ी फटकार लगा चुका है। ऐसे मे सरकार की नजर आज हाईकोर्ट से मिलने वाले दिशानिर्देशों पर है। साथ ही टूरिज्म सेक्रेटरी दिलीप जावलकर और रविनाथ रमन चारों धामों में हालात कोविड गाइडलाइंस के पालन को लेकर अपनी रिपोर्ट भी देंगे। इसी पर दारोमदार रहने वाला है कि हाईकोर्ट चारधाम यात्रा के सीमित रूप में ही सही, लेकिन क्या मार्गदर्शन देता है।