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IAS DEEPAK RAWAT की PITCUL से होगी छुट्टी! IAS दीपक रावत की मनोकामना पूर्ण कर अपनी कामना की पूर्ति भी कराना चाह रहे ऊर्जा मंत्री डॉ हरक सिंह रावत? क्या CM धामी होने देंगे दोनों की ‘Wish’ पूरी!

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देहरादून: याद कीजिए हरीश रावत राज में ऊर्जा निगम में एसएस यादव का दौर और उस दौरान पॉवर सेक्टर के भ्रष्टाचार को लेकर विपक्ष में बैठी भाजपा का हो-हल्ला! तब एसएस यादव की नियुक्ति से लेकर तमाम मामलों में भाजपा को भ्रष्टाचार की बू आ रही थी. सिविल इंजीनियर रहे विवादित बीसीके मिश्रा को विजय बहुगुणा सरकार में, जब एसएस संधु ऊर्जा सचिव हुआ करते थे, तब निदेशक जल विद्युत निगम पद से बर्खास्त कर दिया गया था। लेकिन हरदा सरकार में विवादित मिश्रा को संधु के डेपुटेशन पर जाने के बाद फिर से बहाल कर दिया गया था। फिर भाजपा के सत्ता में आने पर त्रिवेंद्र सिंह रावत ने विवादित मिश्रा को ऊर्जा निगम का एमडी नियुक्त कर दिया था जिसके बाद मिश्रा तीन साल तक पद पर रहा। लेकिन मिश्रा का विवादों से चोली दामन का साथ रहा और भ्रष्टाचार का हल्ला भी मचता रहा जिसके बाद टीएसआर ने आईएएस नीरज खैरवाल को यूपीसीएल व पिटकुल के एमडी पद पर बिठाया।

नीरज खैरवाल जैसे तेज़तर्रार आईएएस को यूपीसीएल की एमडी बनाकर पुरानी लकीर मिटाकर ऊर्जा निगमों में IAS की एंट्री कराकर करप्शन पर नकेल कसने का दांव चला। इससे पहले ऊर्जा निगमों में एमडी की नियुक्ति को लेकर पदों की बोली लगने का हल्ला पॉवर कॉरिडोर्स में चर्चा का आम टॉपिक रहा है। वैसे भी उत्तराखंड में खूब चर्चा रही है कि करप्शन और लूट के खेल का आरोप भले खनन और आबकारी या PWD जैसे विभागों पर लगता रहा हो लेकिन करप्शन और घोटालों का ‘दीए तले असल अंधेरा’ अगर कहीं होता आया है तो वह है ऊर्जा विभाग! जहां बड़े बड़े ‘खेल’ ऐसे पचा लिए जाते हैं कि ये कांड जांच की रौशनी में आ जाएं तो सिस्टम की आँखें चुंधियां जाएं!

हरक सिंह रावत,ऊर्जा मंत्री

खैर, अब खबर आई है कि तेज़तर्रार IAS Deepak Rawat के हाथों से पिटकुल यानी Power Transmission Corporation of Uttarakhan Ltd- PITCUL की ज़िम्मेदारी वापस लेने की तैयारी हो रही है। खबर इसलिए पक्की है क्योंकि खुद ऊर्जा मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने ईटीवी भारत को दिए एक बयान में कहा कि जैसे ही IAS के तबादले होंगे, तो उन्होंने सीएम पुष्कर सिंह धामी से निवेदन किया है कि अब यूपीसीएल में भी परमानेंट एमडी की नियुक्ति हो गई है लिहाजा वे दीपक रावत को अब कोई और ज़िम्मेदारी दें। यानी पिटकुल के एमडी पद से दीपक रावत को हटाया जाए ताकि ऊर्जा मंत्री वहां फिलहाल किसी को चार्ज देंगे और आगे यूपीसीएल की तर्ज पर पिटकुल में भी परमानेंट एमडी की नियुक्ति की जाएगी।

अब सवाल उठता है कि क्या IAS Deepak Rawat को यूपीसीएल के बाद पिटकुल एमडी पद से भी हटाया जाएगा तो क्या ऐसा कर उनके पर कतरे जा रहे या उनको हल्का किया जा रहा? या फिर असल में अगर ऊर्जा निगमों से दीपक रावत को मुक्ति मिल जाती है तो यह उनके लिए मनोकामना पूर्ण होने जैसा होगा क्योंकि पॉवर कॉरिडोर्स में बीते महीनों में इस पर खूब चर्चा हो चुकी कि फ़ील्ड में काम कर तेज़तर्रार छवि चमका चुके आईएएस दीपक रावत को एमडी की दफ़्तरी जॉब कम ही जम रही है। वे तो उलटा चाहते थे कि उनको ऊधमसिंहनगर या हरिद्वार जैसे किसी बड़े जिले की डीएम के रूप में कमान मिल जाए या कुमाऊं-गढवाल कमिश्नरी मिले ताकि वे फील्ड में चमक कर रियल वर्ल्ड से वर्चुअल वर्चुअल वर्ल्ड यानी सोशल मीडिया में चमक बिखेर सकें।

जाहिर है ऊर्जा मंत्री डॉ हरक सिंह रावत को भी दीपक रावत जैसा तेज़तर्रार और रसूखदार आईएएस कहां जमेगा! वरना कहां तो सूबे में IAS अफसरोें की कमी का रोना रोया जाता है और यहां एक मंत्री एक के बाद एक चाह रहे कि उनको विभागीय निगमों से आईएएस से मुक्ति मिले और मर्ज़ी के एमडी तैनात किये जा सकें। अब ऊर्जा सेक्टर के ये अनुभवी एमडी किस तरह के ‘कलाकार’ होते हैं इसका अंदाज़ा गुज़रे दौर के कई एमडी करा चुके हैं।

बहरहाल, अगर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ऊर्जा मंत्री डॉ हरक सिंह रावत के आग्रह पर पिटकुल से आईएएस दीपक रावत की छुट्टी करते हैं तो यह तेज़तर्रार आईएएस को हल्का करना कम और मंत्री व अफसर की मनोकामना पूर्ण करना अधिक होगा! आखिर दीपक रावत अरसे से परेशान हुआ जा रहे कि उनके जिलों वाले अच्छे दिन लौट आएं और हरक दा भी चाहते हैं कि हरदा राज वाले दिन पूरी तरह से ऊर्जा निगमों में लौट आएं। देखिए चुनावी दहलीज़ पर खड़े युवा सीएम धामी किस तरह का संदेश देते हैं! युवा नेतृत्व पर युवा प्रदेश टकटकी लगाए देख रहा। आखिर ऐसे ही संदेश जो दिया जाता है!

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