देहरादून: इंटरनेशनल योगा डे के मौक़े पर आयुष मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने ऐलान किया कि आयुष डॉक्टर भी ज़रूरत पड़ने पर एलोपैथिक दवा लिखा करेंगे। आयुर्वेदिक डॉक्टरों पर आयुष मंत्री का ये मेहरबानी IMA को नागवार गुज़री है। इंडियन मेडिकल असोसिएशन ने इस फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट की अवमानना क़रार देते हुए इसके ख़िलाफ़ कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की धमकी दी है।
आईएमए उत्तराखंड सचिव डॉ अजय खन्ना का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट, नेशनल मेडिकल कमीशन से लेकर कई स्तरों पर साफ़ निर्देश हैं कि मिक्सोपैथी यानी दो भिन्न पैथियों को मिलाकर उपचार में इस्तेमाल नहीं होगा। डॉ खन्ना ने कहा कि साफ साफ़ गाइडलाइन हैं कि आयुर्वेदिक डॉक्टर एलोपैथिक प्रैक्टिस नहीं कर सकता है। आईएमए सचिव ने कहा कि पहले भी ऐसा मुद्दा उठा तो उन्होंने चीफ़ सेक्रेटरी को चिट्ठी लिखी थी अब एक बार शासनादेश आए फिर आगे का एक्शन होगा। उन्होंने कहा कि मिक्सोपैथी से मरीज़ का ही नुक़सान होगा।
दरअसल मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने सोमवार को घोषणा की है कि सरकारी आयुर्वेद चिकित्सालयों में इमरजेंसी के समय आयुष डॉक्टर एलोपैथिक दवा लिख सकेंगे।