न्यूज़ 360

IMA ने PM मोदी से की रामदेव की शिकायत: पत्र में कहा- योगगुरु ने दावा किया कि दो वैक्सीन डोज के बाद 10 हजार डॉक्टर और लाखों लोग मारे गए, देशद्रोह की कार्रवाई हो

Share now

दिल्ली: योगगुरु स्वामी रामदेव की मुश्किलें उनके बड़बोले बयानों के चलती बढ़ती दिख रही हैं। उनके विवादित बयान की शिकायत लेकर आईएमए प्रधानमंत्री मोदी तक पहुंच गई है। IMA ने बुधवार को पीएम को चिट्ठी लिखकर शिकायत की है कि पतंजलि प्रमुख रामदेव एंटी कोविड वैक्सीनेशन को लेकर गलत सूचना परोस रहे जिसे रोका जाना चाहिए।
IMA ने लिखा है कि रामदेव एक वीडियो में दावा करते हैं कि दोनों डोज लेने के बाद भी 10 हजार डॉक्टर और लाखों लोग मारे गए हैं। आईएमए ने कहा है कि ऐसी बातों के खिलाफ देशद्रोह के एक्शन लिया जाना चाहिए। आईएमए ने अपने दो पेज के पत्र में कहा है कि अब तक पूरे प्रोटोकॉल के साथ 20 करोड़ लोगों को टीका लगाया जा चुका है और ये दुनिया में सबसे तेज वैक्सीनेशन है।
आईएमए ने लिखा है कि वैक्सीन के दोनों डोज लेने के बाद लगभग 0.06 फीसदी लोगों को कोरोना संक्रमण हुआ है। आईएमए ने मांग की है कि जब टीकाकरण स्वास्थ्य मंत्रालय, ICMR और National Task Force की गाइडलाइंस और प्रोटोकॉल के तहत हो रहा तब ऐलोपैथिक दवाओं से लोगों के मरने का दावा करना सीधे स्वास्थ्य मंत्रालय को ही चुनौती है।
आईएमए ने प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी में कहा है कि पहली लहर में फ्रंटलाइन में डटे 753 डॉक्टरों ने अपनी जान गँवाई जिनमें से किसी को भी वैक्सीन की एक भी खुराक नहीं लग पाई थी। जबकि दूसरी लहर में 513 डॉक्टरों की जान गई जिन्हें में ज़्यादातर को किसी न किसी वजह से वैक्सीन डोज नहीं लग पाई थी।
IMA ने पीएम से मांग की है कि ऐसे बयानों से लोगों में वैक्सीन को लेकर गलत बातें फैलाने की कोशिश हो रही जो देशद्रोह है।आईएमए ने प्रधानमंत्री से अपील की है कि अगले ‘मन की बात’ कार्यक्रम में वैक्सीनेशन को लेकर लोगों को मॉटिवेशन देने की कोशिश करें।
आईएमए उत्तराखंड ने स्वामी रामदेव पर एक हजार करोड़ रु ता मानहानि केस दर्ज कराया है और 15 दिन में माफी का वीडियो जारी नहीं करते हैं और लिखित रूप में माफी नहीं मांगते, तो उनसे एक हजार करोड़ रु की क्षतिपूर्ति की मांग की जाएगी।

Show More

The News Adda

The News अड्डा एक प्रयास है बिना किसी पूर्वाग्रह के बेबाक़ी से ख़बर को ख़बर की तरह कहने का आख़िर खबर जब किसी के लिये अचार और किसी के सामने लाचार बनती दिखे तब कोई तो अड्डा हो जहां से ख़बर का सही रास्ता भी दिखे और विमर्श का मज़बूत मंच भी मिले. आख़िर ख़बर ही जीवन है.

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!