Tokyo Olympics2020 टोक्यो में शनिवा को भाला फेंककर नीरज चोपड़ा ने भारत के भाल पर स्वर्ण तिलक लगा दिया है। इसी के साथ ऑलिंपिक में एथलेटिक्स मेडल जीतने का भारत का 121 साल का इंतजार भी खत्म हो गया है। नीरज चोपड़ा ने 87.58 मीटर की दूरी कर भाला फेंककर भारत को झूमने का ऐतिहासिक मौका दे दिया है।
नीरज ने पहले प्रयास में 87.03 मीटर, दूसरी बार में 87.58 मीटर दूर भाला फेंका। तीसरे प्रयास में 76.79 मीटर दूर भाला फेंका और चौथे और पांचवें प्रयासों में फाउल थ्रो किया। अंतिम छठवें प्रयास में नीरज ने 84.24 मीटर दूर भाला फेंका।
नीरज इस समय बेहतरीन फॉर्म में चल रहे और टोक्यो ऑलिंपिक में जेवलिन थ्रो के क्वालिफाइंग इवेंट में 86.65 मीटर का थ्रो किया था। उन्होंने क्वालिफाइंग के ग्रुप A और ग्रुप B को मिलाकर पहला स्थान हासिल किया था। नीरज का पर्सनल बेस्ट 88.06 मीटर है। इस थ्रो के साथ उन्होंने 2018 एशियन गेम्स का गोल्ड मेडल जीता था।
नीरज को गोल्ड मिला तो सिल्वर और ब्रॉन्ज ले गए चेक खिलाड़ी जीते। चेक रिपब्लिक के जाकुब वेदलेच 86.67 मीटर थ्रो के साथ सिल्वर और वितेस्लाव वेसेली ने 85.44 मीटर के थ्रो के साथ ब्रॉन्ज मेडल जीता।
नीरज चोपड़ा के गोल्ड पर इसलिए भी देश को गर्व हो रहा क्योंकि ट्रैक एंड फील्ड में यह देश को पहला मेडल है और भी खरा सोना
दरअसल, ट्रैक एंड फील्ड स्पर्धाएं यानी एथलेटिक्स ऑलिंपिक खेलों का मुख्य आकर्षण होते हैं लेकिननीरज से पहले भारतीय खिलाड़ी एथलेटिक्स में मेडल नहीं जीत पाया था। ब्रिटिश इंडिया की तरफ से खेलते हुए नॉर्मन प्रिटचार्ड ने साल 1900 में हुए ओलिंपिक में एथलेटिक्स में दो मेडल जीते थे, लेकिन वे भारतीय नहीं अंग्रेज थे।
ऑलिंपिक गोल्ड से पहले नीरज जीत चुके 5 बड़े इवेंट्स में गोल्ड
इंडियन आर्मी में सूबेदार मेजर नीरज चोपड़ा अपने करियर में टोक्यो लिंऑपिक से पहले 5 मेगा स्पोर्ट्स इवेंट में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं। उन्होंने एशियन गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियन चैंपियनशिप, साउथ एशियन गेम्स और वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल अपने नाम किया है।
जर्मन कोच ली थ्रोइंग स्किल्स की ट्रेनिंग
जेवलिन थ्रो की शुरुआती ट्रेनिंग देश में ही करने के बाद नीरज चोपड़ा ने जर्मनी के बायो मैकेनिक्स एक्सपर्ट क्लाउस बार्तोनित्ज से अपनी थ्रोइंग स्किल्स को बेहतर बनाने की ट्रेनिंग ली है। इसके बाद उनके प्रदर्शन में निरंतरता आई और उन्होंने बड़े मुकाबले जीते।
नीरज चोपड़ा ने अपने पहले ही ऑलिंपिक गेम्स में गोल्ड जीता है। पिछले रिकॉर्ड और अच्छी फॉर्म को देखते हुए देश को उनसे आगे भी काफी उम्मीदें हैं।
हरियाणवी छोरा वेट घटाने को आया एथलेटिक्स में और देश को दिला गया गोल्ड
नीरज चोपड़ा हरियाणा के पानीपत जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने वजन कम करने के लिए एथलेटिक्स जॉइन की थी लेकिन जल्द ही वे अपने एज ग्रुप प्रतियोगिताओं में अच्छा परफॉर्म करने लगे और कई टूर्नामेंट में जीत हासिल की। उन्होंने 2016 में इंडियन आर्मी जॉइन की थी और अब एक सैनिक की तरह भारत का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया।
भारत को 13 साल बाद ऑलिंपिक में मिला गोल्ड
ऑलिंपिक गेम्स में भारत को 13 साल बाद किसी इवेंट में गोल्ड मेडल मिला है। इससे पहले, 2008 के बीजिंग ऑलिंपिक में शूटिंग में अभिनव बिंद्रा ने गोल्ड जीता था। बिंद्रा ने 10 मीटर एयर राइफल इवेंट का गोल्ड अपने नाम किया था।
भारत का अब तक का 10वां गोल्ड
नीरज चोपड़ा के ज़रिए भारत को ऑलिंपिक गेम्स में अब तक का 10वां गोल्ड मेडल मिला है। भइससे पहले हॉकी में 8 और शूटिंग में 1 गोल्ड मेडल जीता है। इस तरह भारत का यह अभिनव बिंद्रा के बाद व्यक्तिगत स्पर्धा में दूसरा गोल्ड मेडल है।लेकिन भारत ने एथलेटिक्स में आज पहला गोल्ड मेडल जीता है। नीरज ने ऑलिंपिक के इस इवेंट में 121 साल के सूखे को खत्म किया है।
अब तक का भारत का सबसे सफल ऑलिंपिक है टोक्यो ऑलिंपिक
जेवलिन थ्रो के साथ ही भारत का टोक्यो ओलिंपिक में अभियान समाप्त हो गया। नीरज ने इस सफर का स्वर्णिम अंत किया। भारत के लिए यह सबसे सफल ऑलिंपिक बन गया है। भारत ने इसमें 1 गोल्ड, 2 सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज सहित कुल 7 मेडल जीते। 2012 के लंदन ओलिंपिक में भारत ने 6 मेडल जीते थे।
टोक्यो ऑलिंपिक में नीरज चोपड़ा के गोल्ड के अलावा मीराबाई चानू ने वेटलिफ्टिंग में सबसे पहले सिल्वर मेडल जीता था। फिर पीवी सिंधु ने बैडमिंटन में ब्रॉन्ज और लवलिना बोरगोहेन ने बॉक्सिंग में ब्रॉन्ज मेडल जीता। रेसलिंग में रवि दहिया ने सिल्वर मेडल और बजरंग पूनिया ने ब्रॉन्ज मेडल जीता।टीम इवेंट्स में इस बार भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने ब्रॉन्ज मेडल जीतकर 41 साल बाद मेडल हासिल किया है।