

Justice for Ankita Bhandari: शुक्रवार को चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोटद्वार की एडीजे कोर्ट ने तीनों आरोपियों पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को दोषी करार दिया है। हत्या के आरोपियों पर 302, 201, 354 धाराओं में दोष सिद्ध हुआ है। एडीजे कोर्ट द्वारा तीनों आरोपियों को दोपहर तक सजा सुनाई जा सकती है। फैसले के मद्देनजर एडीजे कोर्ट कोटद्वार परिसर के 200 मीटर के दायरे में धारा 163 लागू कर दी है।
आज दिनांक 30 /5 /25 को मुकदमा अपराध संख्या 1/22 धारा 302 /201/ 354 ए आईपीसी व 3(1)d अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम बनाम पुलकित आर्य आदि ( अंकिता भंडारी मर्डर केस) में माननीय न्यायालय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोटद्वार महोदय द्वारा
1. अभियुक्त पुलकित आर्य को धारा 302 / 201 / 354 ए आईपीसी व धारा 3(1)d आईटीपीए एक्ट में दोषसिद्ध।
2. अभियुक्त सौरभ भास्कर व अंकित गुप्ता को धारा 302 / 201 आईपीसी व3(1)d आईटीपीए एक्ट में दोषसिद्ध किया है ।
सजा की अवधि दोपहर में घोषित की जाएगी।
अंकिता भंडारी हत्याकांड में तीनों आरोपियों में वनंत्रा रिसॉर्ट के मालिक हरिद्वार निवासी पुलकित आर्य, उसके कर्मचारी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को हत्या का दोषी पाया है।
ज्ञात हो कि तीनों पर आरोप तय होने के बाद 28 मार्च, 2023 से अभियोजन पक्ष की गवाही शुरू हुई थी और दो साल और आठ महीने तक इस मामले में सुनवाई के बाद अब फैसला आया है। केस में अभियोजन पक्ष की ओर से विवेचक समेत 47 गवाह अदालत में परीक्षित कराए गए। हालांकि एसआईटी ने इस मामले में 97 गवाह बनाए थे, जिनमें से 47 अहम गवाहों को ही अदालत में पेश कराया गया।
राजनीतिक लिहाज से बेहद अहम इस मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और राज्य सरकार लगातार इसी कोशिश में दिखी कि आरोपी छूट ना पाएं और जल्द से जल्द कड़ी सजा सुनाई जाए। दरअसल, विपक्ष लगातार इस मुद्दे पर ‘वीवीआईपी कौन था?’ के सवाल पर आक्रामक होकर बीजेपी को निशाने पर ले रहा था और यही वजह है कि धामी सरकार इस मामले का जल्द से जल्द अदालत के माध्यम से पटाक्षेप हो इसके लिए तमाम कानूनी कोशिशें जारी रखे हुई थी।
धामी सरकार ने किए ये अहम प्रयास
अंकिता की हत्या के बाद तीनों आरोपियों को 24 घंटे के भीतर जेल भेजा गया और दोषी करार दिए जाने तक अपराधी जेल में क़ैद रहे
अंकिता भंडारी हत्याकांड में जांच के लिए सरकार ने त्वरित कार्यवाही करते हुए SIT का गठन किया
अंकिता हत्याकांड के आरोपियों पर गैंगस्टर अधिनियम के तहत भी हुआ केस दर्ज
अंकिता हत्याकांड मामले में 500 पन्नों की चार्जशीट तैयार की गई और 100 गवाहों के बयान दर्ज किए गए
सरकार की मुहिम थी कि इस प्रकरण में जल्द से जल्द निर्णय आए
तीनों आरोपियों पर हुए आरोप तय, जल्द ही कोर्ट सुनाएगा सजा
अंकिता के परिजनों की मांग पर 3 बार सरकारी वकील बदले गए।
हत्याकांड के आरोपियों को किसी भी कीमत पर जमानत न मिल पाए
सरकार ने सुनिश्चित किया कि परिजनों के मुताबिक अभियोजन अधिकारी दिया जाए।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा राज्य सरकार द्वारा कराई जा रही जाँच को संतोषजनक पाया जाना भी सरकार की कोशिशों की सही साबित कर चुका था।
धामी सरकार द्वारा अंकिता भंडारी के परिवार को ₹25 लाख की आर्थिक मदद दी गई।
दिवंगत बेटी अंकिता के भाई और उसके पिता को सरकारी नौकरी दी गई।
कोर्ट में सरकारी वकील द्वारा की गई सख्त पैरवी की वजह से आरोपियों द्वारा दी गई जमानत अर्जी हर बार हुई खारिज
ज़ाहिर है VIP को लेकर मुख्य विपक्षी कांग्रेस रही हो या फिर आशुतोष नेगी आदि, कोर्ट में कुछ भी तथ्य रखने की बजाय इस मुद्दे पर बाहर राजनीतिक फायदे के लिए बयानबाजी करते रहे। सवाल है कि क्या अब जब आरोपियों को अदालत से कड़ी सजा मिल चुकी है तब भी इस प्रकरण में राजनीति होती रहेगी?
जानिए अंकिता प्रकरण में कब क्या हुआ?
- रिजॉर्ट मालिक पुलकित आर्य ने 20 सितंबर 2022 को अंकिता भंडारी के गुम होने की राजस्व क्षेत्र पट्टी उदयपुर पल्ला में शिकायत की।
- लोगों का प्रदर्शन शुरू हुआ तो 22 सितंबर 2022 को जिलाधिकारी के आदेश पर मामला रेगुलर पुलिस लक्ष्मणझूला थाने को दिया गया।
- लक्ष्मणझूला पुलिस ने जांच की और पुलकित, अंकित और सौरभ से पूछताछ में पता चला कि उन्होंने 18 सितंबर को उसकी हत्या कर दी।
- हत्या का कारण यही आया कि तीनों उस पर अनैतिक कार्यों को करने का दबाव डाल रहे थे। राज बाहर न आए इसलिए उसे चीला नहर में धक्का दे दिया।
- 22 सितंबर को पुलिस ने मुकदमे से अपहरण की धारा हटाकर हत्या, साक्ष्य छुपाने और आपराधिक षडयंत्र की धारा जोड़ दी।
- 23 सितंबर को न्यायालय के आदेश पर तीनों आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। इस दौरान भी लोगों ने उग्र प्रदर्शन किया।
- 24 सितंबर को अंकिता भंडारी का शव घटनास्थल से 13 किलोमीटर दूर चीला नहर बैराज इंटेक से बरामद किया गया।
- 24 सितंबर को ही अंकिता का एम्स ऋषिकेश के विशेषज्ञों की टीम ने पोस्टमार्टम किया।
- 24 सितंबर एडीजी अपराध एवं कानून व्यवस्था के निर्देश मुकदमे की विवेचना के लिए डीआईजी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया।
- 26 सितंबर को तीनों आरोपियों को पुलिस कस्टडी रिमांड में लेकर क्राइम सीन दोहराया गया।
- विवेचना के दौरान आरोपियों के खिलाफ अनैतिक देह व्यापार अधिनियम की धाराएं भी मुकदमे में जोड़ दी गईं।
16 दिसंबर को पुलकित, अंकित और सौरभ के खिलाफ हत्या, साक्ष्य छुपाने, छेड़खानी और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की गई। 12. 30 मई 2025 को आया फैसला।