नैनीताल/ देहरादून: नैनीताल हाईकोर्ट ने हरिद्वार महाकुंभ कोविड टेस्टिंग फर्जीवाड़े की आरोपी मैक्स कॉरपोरेट को फ़ौरी राहत दी है। नैनीताल हाइकोर्ट की एकल पीठ ने मैक्स कॉरपोरेट संचालक की गिरफ़्तारी पर रोक लगाते हुए घोटाले की जांच में सहयोग करने के आदेश दिये हैं। मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज़ संचालकों को 25 जून को एसआईटी जांच अधिकारियों के सामने पेश होना पड़ेगा।
ज्ञात हो कि हरिद्वार में कुंभ के दौरान कोरोना टेस्टिंग के नाम पर लाखों फ़र्ज़ी जांच रिपोर्ट बनाने का भंडाफोड़ हुआ है। फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद मैक्स कॉरपोरेट, नालवा लैबोरेट्रीज प्राइवेट लिमिटेड, डॉ लाल चंदानी लैब्स लिमिटेड
के खिलाफ आईपीसी की धारा 420,468, 471, 188, 120B, 269 तथा 270 और आपदा एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था। सीएमओ द्वारा दायर की गई FIR को खारिज कराने के लिए मैक्स कॉर्पोरेट और डॉ लाल चंदानी लैब हाईकोर्ट पहुँची थी। बुधवार को इस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस नारायण सिंह धनिक की सिंगल बेंच ने सुप्रीम कोेर्ट द्वारा दिए अरनेश कुमार बनाम बिहार सरकार फैसले को आधार मानते हुए मैक्स कॉरपोरेट के प्रबंधक/संचालक की गिरफ़्तारी पर रोक लगा दी है। पुलिस को गिरफ़्तारी से पहले नोटिस देना होगा।
मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज़ के अधिवक्ता डॉ कार्तिकेय हरि गुप्ता ने ये कहा है:-
दरअसल मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज़ को हरिद्वार स्वास्थ्य विभाग ने ठेका देने से इंकार कर दिया था लेकिन मेला स्वास्थ्य विभाग की तरफ से 26 मार्च को इस फ़र्म को ठेका दे दिया जाता है।