- महाराष्ट्र में क़रीब 70 शुगर मिल ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट लगा रही
- उत्तरप्रदेश में एक दर्जन से ज्यादा शुगर मिल ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट लगा चुकी
- उत्तराखंड अब जगा चीनी मिलों में ऑक्सीजन जनरेशन की संभावना खोजने के लिए
देहरादून: पिछले एक साल में कोविड जंग में केरल, महाराष्ट्र से लेकर राजस्थान में समय समय पर कई मॉडल अपनाए गए। उत्तराखंड कोरोना के खिलाफ जंग में अपना ऐसा कोई मॉडल तो तैयार नहीं कर पाया साल भर में, हाँ ग़नीमत की बात ये है कि तीरथ सरकार के मंत्री अन्य राज्यों से कई चीज़ें सीखकर यहाँ अमल में लाने की कोशिश करते जरूर दिख रहे हैं। इसी कड़ी में प्रदेश के गन्ना विकास और चीनी उद्योग मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने महाराष्ट्र और यूपी की तर्ज पर चीनी मिलों में स्थापित एथनॉल प्लांट से ऑक्सीजन जनरेशन की संभावनाएं खोजने के निर्देश दिए थे। गन्ना मंत्री के निर्देश के बाद अब गन्ना विकास सचिव चन्द्रेश कुमार ने लक्सर चीनी मिल और उत्तम शुगर मिल प्रबंधकों को चिट्ठी लिखी है। चन्द्रेश कुमार ने दोनों मिल प्रबंधकों को कहा है कि ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट स्थापित करने में राज्य सरकार या किसी भी विकाग सो किसी भी तरह की मदद की दरकार होगी तो तुरंत दी जाएगी।
दरअसल कोरोना की दूसरी लहर में जिस तरह से अस्पतालोें में ऑक्सीजन संकट खड़ा हुआ और उसने कई जानें लील दी। उसके बाद अब राज्य सरकारें मेडिकल ऑक्सीजन संकट से निपटने को जाग रही हैं।
इस दिशा में महाराष्ट्र के उस्मानाबाद की चीनी मिल में ऑक्सीजन प्लांट चलना शुरू हो चुका है और यूपी में भी ऐसे प्रयास जारी हैं। इसे लेकर गन्ना मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद खुद उस्मानाबाद की धाराशिव चीनी मिल प्रबंधन से फोन पर वार्ता भी कर चुके हैं। मंत्री यतीश्वरानंद ने उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों के बारे में भी जानकारी जुटाई तो पता चला कि वहां दर्जन भर चीनी मिलों में ऑक्सीजन प्लांट लगाया जा रहा है। इस संबंध में उन्होंने उत्तर प्रदेश के गन्ना मंत्री सुरेश राणा से वार्ता की तो उन्होंने जानकारी दी कि एथेनॉल का उत्पादन कर रही चीनी मिलों में ऑक्सीजन प्लांट आसानी से लगाया जा सकता है।
बहरहाल, दो-दो राज्यों में चीनी मिलों में एथनॉल प्लांट की मदद से ऑक्सीजन जेनरेशन की प्रगति देखने के बाद उत्तराखंड गन्ना विकास और चीनी उद्योग विभाग की नींद टूटी तो सही! आखिर देर आए दुरुस्त आए!