देहरादून: 22 बैटल जीतकर पिछले चार विधानसभा चुनावों से चले आ रहे ‘बारी-बारी सत्ता भागीदारी’ के मिथक को तोड़ने का दम भरते मैदान में उतरी भाजपा को अब डर सताने लगा है। कोरोना के चलती बड़ी रैलियों पर पाबंदी से जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैलियां नहीं हो पा रही, वहीं बिना मेगा रैलियों के मोदी मैजिक बनता नहीं दिख रहा जिससे कहीं चुनाव में हार न हो जाए यह डर अब उत्तराखंड भाजपा तो सता रहा है। अंदरूनी तौर पर अपनी राजनीतिक संभावनाओं का आकलन करने के बाद अब भाजपा रणनीतिकार नए सिरे से चुनावी कैंपेन प्लान करने में जुट गए हैं।
वैसे तो 7 फरवरी से प्रधानमंत्री मोदी की लगातार अगले पांच दिन उत्तराखंड में पांच वर्चुअल रैलियां तय हो चुकी हैं लेकिन पहले चार फरवरी को अल्मोड़ा लोकसभा क्षेत्र की 14 विधानसभा सीटों को लेकर होने वाली वर्चुअल रैली की जगह अब 10 फरवरी को अल्मोड़ा में बड़ी जनसभा कराने का प्रस्ताव PMO भेजा गया है।
इसी दिन माना जा रहा है कि कुमाऊं के साथ-साथ गढ़वाल भी साधने को प्रधानमंत्री मोदी को देवप्रयाग में भागीरथी और अलकनंदा के संगम पर लाने का प्रोग्राम बन रहा है। प्रधानमंत्री देवप्रयाग संगम पर आरती कर जहां उत्तराखंड को साधेंगे वहीं यूपी तक भी मैसेज दिया जाएगा। हालाँकि अभी PMO की तरफ से इस पर आधिकारिक मुहर लगना बाकी है लेकिन प्रदेश भाजपा रणनीतिकारों को लगता है कि देवप्रयाग संगम पर प्रधानमंत्री मोदी के आगमन के बाद देवप्रयाग विधानसभा सीट से लेकर श्रीनगर और गढ़वाल की कई कमजोर सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों को संजीवनी मिल जाएगी।
कल ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हरिद्वार में हरकी पैड़ी पर गंगा आरती की है लिहाजा अब भाजपा प्रधानमंत्री मोदी की हरकी पैड़ी की बजाय देवप्रयाग संगम पर आरती से जवाब देना चाह रही है।
दरअसल भाजपा ने चुनाव प्रचार के इस आखिरी हफ्ते में पूरी ताकत झोंकने की रणनीति बनाई है जिसके तहत आज दो दिवसीय दौरे पर पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा आ रहे हैं। इसी के साथ राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, शिवराज सिंह चौहान, स्मृति ईरानी, जनरल वीके सिंह सहित कई नेताओं के दौरे तय कर दिए गए हैं।