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PM के साथ CM की गजब कैमेस्ट्री! धामी की दिल्ली दरबार में धमक दिखाने को ये तस्वीर काफी, मुलाकात में इन मुद्दों पर हुई मंत्रणा

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कंडाली के रेशों से निर्मित शाॅल भी भेंट की

CM Dhami Meets PM Narendra Modi in Delhi, in Parliament: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने दल या अन्य दल के राष्ट्रीय हों या क्षेत्रीय नेता, मुलाकातों में बेहद धीर गंभीर मुद्रा में ही नजर आते हैं। बहुत कम बार ऐसा देखने को मिलता हैं कि पीएम मोदी नेताओं से बेतकल्लुफ होकर हंसते हुए यूं मिलते हों, जैसे उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी के साथ उनकी तस्वीरें नजर आती रही हैं। फिर चाहे प्रधानमंत्री मोदी का केदारनाथ,बदरीनाथ और माणा का पिछला दौरा रहा हो जहां सीएम धामी की उनके साथ गजब की केमिस्ट्री देखने को मिली।

या फिर आज संसद में जब प्रधानमंत्री मोदी से मुख्यमंत्री धामी मिलने पहुंचे। वो कहावत है ना कि एक तस्वीर हजार शब्दों पर भारी पड़ती है और पीएम-सीएम मुलाकात की ऐसी तस्वीर धामी विरोधियों के लिए गहरे निहितार्थ लिए संदेश दे जाती है। अब बात आज की मुलाकात में उत्तराखंड के विकास के एजेंडे और मोदी मंत्र की।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संसद भवन, नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। मुख्यमंत्री धामी ने “सशक्त उत्तराखण्ड @25” के क्रम में राज्य सरकार के रोडमैप को साझा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी से मार्गदर्शन और उनका आशीर्वाद लिया। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को लोहाघाट स्थित मायावती आश्रम आने के लिये भी आमंत्रित किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री को बताया कि सशक्त उत्तराखण्ड @25 थीम पर नवम्बर में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी मसूरी में तीन दिवसीय चिन्तन शिविर का आयोजन किया गया। इस चिंतन शिविर में राज्य के सभी वरिष्ठ अधिकारियों सहित मंत्रियों ने हिस्सा लिया और अपना विजन रखा। चिन्तन शिविर में राज्य के विकास को लेकर अल्पकालिक, मध्यकालिक तथा दीर्घकालिक रोडमैप तैयार करने पर विचार-विमर्श किया गया।

प्रधानमंत्री मोदी के सांसद सत्र के चलते अति व्यस्त शेड्यूल के बावजूद सीएम धामी को उन्होंने पर्याप्त समय देकर सुना और विकास का मोदी मंत्र भी दिया। इस दौरान सीएम ने बताया कि राज्य सरकार आगामी पाँच वर्षों में राज्य की आर्थिकी को दोगुना करने का लक्ष्य रखकर आगे बढ़ रही है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राज्य में रोजगार सृजन एवं उद्यमिता प्रोत्साहन के दृष्टिगत आर्थिकी को बढ़ाने वाले खास सेक्टर चिन्हित किए गये हैं। विकास कार्यों की रफ्तार और तेज करने तथा व्यावहारिक रोडमैप तैयार करने व निवेश को बढ़ाने सम्बन्धी रणनीति, कार्ययोजना आदि हेतु Mckinsey जैसी प्रतिष्ठित एजेन्सी को भी जिम्मा दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि नीति आयोग की तर्ज पर सेतु यानी State Institute for Empowering & Transforming Uttarakhand (SETU) के गठन का कार्य आरम्भ कर दिया गया है।

सीएम ने कहा कि जनपद चमोली में माणा गाँव को प्रदेश का प्रथम गाँव मानते हुए वहां कैबिनेट की बैठक आयोजित करना भी प्रस्तावित है।
ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री के पिछले उत्तराखण्ड दौरे पर पर्यटकों से अपने यात्रा खर्च का कम से कम पाँच प्रतिशत हिस्सा स्थानीय सामग्री खरीदने की अपील को राज्य सरकार ने अपने प्रमुख एजेण्डा में शामिल किया है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य में ग्रीन फील्ड सिटी विकसित करने के लिए पर्वतीय एवं मैदानी जनपदों में 15 स्थलों को चिन्हित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कुपोषण को समाप्त करने तथा पारम्परिक तौर पर उत्पादित मोटे अनाज उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु State Millet Mission लाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि अधिक मूल्य वाली कृषि/बागवानी को क्लस्टर फार्मिंग एप्रोच के रूप में प्रोत्साहित किया जा रहा है, वर्तमान में 6624 क्ल्सटर चिन्हित किये गये है।

मिशन प्राकृतिक खेती का क्रियान्वयन 11 जनपदों में आरम्भ किया जाना प्रस्तावित
है। यह मिशन क्ल्सटर फार्मिंग एपरोच के आधार पर प्रस्तावित है, जिसमें प्रत्येक जनपद में 500-500 हेक्टेयर के दो क्ल्सटर का गठन किया जायेगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वतमाला योजना के अन्तर्गत 35 रोपवे चिन्हित किये गये हैं, जिन पर निर्धारित अवधि में कार्य आरम्भ तथा उसे पूर्ण करने हेतु रणनीति तैयार की जा रही है।

आर०सी०एस० के अन्तर्गत 13 हैलीपोर्टस क्रियाशील हैं। जबकि राज्य के प्रमुख पर्यटक स्थलों हेतु 19 हैलीपैड प्रस्तावित किये गये हैं।

राज्य में स्थानीय नागरिकों को पर्यटन गतिविधि से जोड़ने के लिए होम स्टे का विकास किया जा रहा है। पर्यटकों के लिए सिंगल विंडो के अन्तर्गत ऑनलाइन एग्रीगेटर की व्यवस्था की जा रही है, जिससे होमस्टे में देश-विदेश के पर्यटकों को आसानी से आने-जाने में सुविधा हो सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में चारधाम जैसे धार्मिक पर्यटन की तरह “मानसखण्ड माला तैयार करने का कार्य आरम्भ किया गया है। इसके अन्तर्गत वे सभी पौराणिक धार्मिक क्षेत्र पर्यटन सर्किट से जुड़ेंगे, जो अभी तक मुख्यधारा में शामिल नहीं थे। इस कॉरिडोर को तैयार करने से स्थानीय स्तर पर पर्याप्त रोजगार की सम्भावना बनेंगी। मुख्यमंत्री ने इसके लिए स्वदेश दर्शन 2.0 के अन्तर्गत वित्तीय सहयोग का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति 2020 के अन्तर्गत प्रस्तावित बाल वाटिका कार्यक्रम आरम्भ कर दिया गया है। पी०पी०पी० मॉडल के अन्तर्गत सैनिक स्कूल के गठन हेतु 04 जनपदों में स्थल चयनित कर दिये गये है।

पी0एम0 गतिशक्ति के अन्तर्गत राज्य गतिशक्ति मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन के लिए जहाँ विभिन्न उद्योगों के साथ नये एमओयू कराये जाने का प्रस्ताव है, वहीं औद्योगिक पार्कों की स्थापना तथा नये औद्योगिक क्ल्सटर व ग्रोथ सेन्टर का विकास करते हुए एक जिला- दो उत्पाद के अन्तर्गत स्वरोजगार को बढ़ावा देने की रणनीति तैयार की जा रही है।

राज्य में उद्योगों में निवेश को प्रोत्साहित करने हेतु लाँजिस्टिक पाॅलिसी, सर्विस सेक्टर पाॅलिसी, प्राईवेट औद्योगिक नीति और नयी एमएसएमई नीति लायी जा रही है। ईज ऑफ डूविंग बिजनेस के अन्तर्गत सिंगल विन्डो सिस्टम को सुदृढ़ करते हुए कम्प्लाइन्स बर्डन को कम किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में यदि वर्षा पर निर्भर नदियों को ग्लेशियर आधारित नदियों से जोड़ दिया जाए तो इस अभिनव प्रयोग का लाभ राज्य ही नहीं बल्कि पूरे उत्तर भारत को प्राप्त हो सकता है। हिमालयी राज्यों में ग्लोबल वार्मिंग के कारण जल स्रोत का तेजी से हास हो रहा है। इन जलधाराओं के पुर्नजीविकरण हेतु एक वृहत कार्यक्रम मिशन मोड में करने की प्रबल आवश्यकता है। बहुप्रदेशीय महत्व का यह कार्यक्रम भारत सरकार के तकनीकी एवं वित्तीय सहयोग के बिना सम्भव नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा तथा हरिद्वार में कांवड़ यात्रा सहित अन्य धार्मिक यात्राओं के कारण राज्य में फ्लोटिंग जनसंख्या, जो लगभग प्रतिवर्ष 4-5 करोड़ होती है, के लिए न्यूनतम अवस्थापना सुविधाएं आवश्यक हैं। सामान्यतः तीर्थ यात्रियों के माध्यम से राज्य के राजस्व में बढ़ोत्तरी नहीं के बराबर है। मुख्यमंत्री ने वित्तीय संसाधनों के आवंटन में इस महत्वपूर्ण तथ्य को ध्यान में रखे जाने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यद्यपि ऑलवेदर रोड का कार्य राज्य में द्रुतगति से चल रहा है, परन्तु सामरिक दृष्टिकोण से इसे सीमान्त क्षेत्र तक बढ़ाने की आवश्यकता है।

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन की तरह टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन का निर्माण सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा। मुख्यमंत्री ने आग्रह किया कि सामरिक दृष्टि से संवेदनशील राज्य तथा सीमित संसाधनों के कारण तथा राज्य को रेल परियोजनाओं की लागत में 50 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी वहन करने की शर्त पर छूट आवश्यक है। जिन रेल परियोजनाओं का रेट ऑफ रिर्टन निगेटिव है उनकी भी स्वीकृति इस राज्य हेतु आवश्यक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सामरिक दृष्टिकोण तथा पर्यटन एवं पर्वतीय क्षेत्र की आर्थिकी को बढ़ावा देने नैनी सैनी, गौचर तथा चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी का विस्तारीकरण एयरपोर्ट के रूप में आवश्यक है। सामरिक दृष्टिकोण तथा पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु जौलीग्रान्ट तथा पन्तनगर एयरपोर्ट का भी विस्तारीकरण आवश्यक है।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से अनुरोध करते हुए कहा कि ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के निकट चौखुटिया क्षेत्र में नये एयरपोर्ट/ हवाई पट्टी की स्थापना करना आर्थिक एवं सामाजिक दृष्टि से आवश्यक होगा। आपदा भूस्खलन, अतिवृष्टि वनाग्नि ग्लेशियर खिसकना आदि के दृष्टिगत एक सशक्त वेदर फोरकास्टिंग सिस्टम, डॉप्लर रडार से युक्त अवस्थापना की अत्यन्त आवश्यकता हैं ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सौर ऊर्जा व लघु जलविद्युत परियोजनाओं में निवेश को प्रोत्साहित करने हेतु नवीकरणीय ऊर्जा/ लघु जलविद्युत् नीति बनायी जा रही है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में परिवार पहचान पत्र तैयार करने का कार्य आरम्भ किया जा रहा है। इसमें सभी प्रकार की लाभार्थीपरक योजनाओं को इस प्रकार से लिंक किये जाने का प्रस्ताव है कि किसी भी परिवार से लाभार्थी का चयन निर्धारित मानकों एवं योग्यता के आधार पर ऑटोमेटिक हो जाए। ईज ऑफ लिविंग के अन्तर्गत नागरिकों की आसानी के लिए अपुणी सरकार पोर्टल में 475 से अधिक सेवाओं को ऑनलाइन कर दिया गया है।

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