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हंसा धनाई, बेलमती चौहान की आत्मा रो रही होगी! निहत्थे बेरोजगारों पर लाठीचार्ज धामी सरकार के दामन पर खून का धब्बा, काला अध्याय: रावत

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हरक सिंह रावत ने की बेरोजगार युवक युवतियों पर धाकड़ धामी की पुलिस के लाठीचार्ज की तुलना मुलायम राज के रामपुर तिराहा कांड से की


कहा- धामी सरकार के इशारे पर पहले पथराव फिर लाठीचार्ज, निहत्थे बच्चों पर लाठियां धामी सरकार के दामन पर कभी न मिटने वाला खून का धब्बा, काला अध्याय

DSR Uncut Interview of Dr. Harak Singh Rawat: उत्तराखंड से संचालित डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म DSR Uncut को दिए एक वीडियो इंटरव्यू में उत्तराखंड के कद्दावर नेता और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के पहले कार्यकाल में उनके करीबी मंत्री रहे डॉ हरक सिंह रावत ने बेरोजगार युवाओं पर हुए पुलिस लाठीचार्ज की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए इसकी तुलना मुलायम सरकार में अविभाजित उत्तरप्रदेश में हुए रामपुर तिराहा कांड से की है।

हरक सिंह रावत ने आरोप लगाया है कि निहत्थे बेरोजगार युवक युवतियों पर जिस तरह से सीएम धामी के आदेश पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया है यह उत्तराखंड के इतिहास में काले अध्याय के रूप में हमेशा हमेशा के लिए दर्ज हो गया है। हरक ने कहा कि पारदर्शी परीक्षा तंत्र और पेपर लीक घोटालों की सीबीआई जांच की मांग लेकर गांधी पार्क के बाहर धरने पर बैठे छात्रों पर लाठी डंडे बरसाने की घटना धामी सरकार के दामन पर वह खून का वो धब्बा है जिसे वे कभी मिटा नहीं पाएंगे। यह वह अपराध है जिसकी कोई माफी नहीं बस प्रायश्चित कर सकते हैं।

सरकार के इशारे पर ही पथराव किया गया , हुआ लाठीचार्ज

हरक सिंह का मामला होता तो दो मिनट में CBI जांच हो जाती
सरकार के दामन पर लगा है खून का धब्बा
इस सरकार को लोग अच्छे काम के लिए याद नहीं करेंगे
सरकार सीबीआई जांच चाहती तो सीबीआई जांच हो सकती थी

हरक सिंह रावत ने इंटरव्यू में कहा कि आज हंसा धनाई और बेलमती चौहान सहित सैंकड़ों शहीद राज्य आंदोलनकारियों की आत्मा राजपुर रोड पर लाठी डंडों से बेरोजगार युवाओं को पीटते देख रही होगी तो उनकी आत्मा रो रही होगी और पूछ रही होगी कि क्या इसके लिए हमने अलग राज्य मांगा था? क्या हमारा बलिदान इसके लिए गया कि आज बच्चे और बेटियों पर पुलिस के लाठी डंडे बरसाए जाएंगे?

पारदर्शी और निष्पक्ष परीक्षा मांग रहे हैं तो क्या कोई नाजायज मांग कर रहे हैं ये बच्चे?

पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने कहा कि रात को बच्चे धरने पर बैठ गए तो लाठी चार्ज करने की क्या जरूरत थी। उल्टे बच्चों के खाने और ठंड से बचने को कंबल की व्यवस्था करता अगर मैं होता सीएम पुष्कर सिंह धामी की जगह।

घंटाघर पर जाम लगा दिया ठीक है कानून का उल्लंघन हुआ लेकिन क्या जब राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री आते हैं या किसी राजनीतिक दल का जुलूस या धार्मिक पदयात्रा निकाली जाती है तो क्या रूट डायवर्ट नहीं किया जाता है? फिर बच्चों के धरने प्रदर्शन को देखते हुए रूट डायवर्ट नहीं किया जा सकता था?

हरक सिंह रावत ने कहा कि वीडियो देखकर वे कह सकते हैं कि यह सरकार द्वारा एक सोची समझी साजिश के तहत किया गया।
हरक ने दावा किया कि ये छात्रों द्वारा नहीं बल्कि एक सोची समझी चाल के तौर पर सरकार के इशारे पर किया गया पथराव था। सरकार के इशारे पर पथराव और पहले लाठीचार्ज हुआ, जिसके बाद जरूर लड़कों ने पथराव किया होगा। लेकिन उनको पथराव के लिए प्रेरित किसने किया? पहले लाठीचार्ज हुई फिर पथराव हुआ।

हरक सिंह रावत ने कहा कि यह समझ से परे है कि आखिर पुलिस को लाठीचार्ज करने की ज़रूरत ही क्यों पड़ी? जिस तरह से बच्चों को मारा गया यह हमारा दुर्भाग्य है।

कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत ने कहा कि पुष्कर सिंह धामी उनका छोटा भाई है लेकिन यह घटना उनकी असफलता बताती है। हरक सिंह ने कहा कि पुष्कर सिंह धामी छोटे छोटे मामलों में सीबीआई जांच की सिफारिश कर देते हैं( बिल्डर सुधीर विंडलास का उदाहरण सामने है) फिर बच्चे सीबीआई जांच मांग रहे हैं तो ऐसा आपसे क्या मांग रहे हैं!

अगर आपकी सरकार निष्पक्ष है और सत्ताधारी भाजपा के बड़े नेताओं की संलिप्तता भर्ती भ्रष्टाचार या पेपर लीक घोटाले में नहीं है तो फिर सीबीआई जांच की सिफारिश करने में क्या हर्ज है? आखिर केंद्र में भी तो बीजेपी की ही सरकार है फिर किस बात का डर है? हाई कोर्ट के जज की निगरानी के सीबीआई जांच की मांग क्यों नहीं पूरी कर पा रहे हैं।

हाई कोर्ट का बहाना क्यों बना रहे हैं आपको एक पत्र केंद्र को भेजना होता है सिफारिश का। हरक सिंह रावत ने कहा कि अगर उनके खिलाफ कोई मामला होता तो पुष्कर धामी एक मिनट नहीं लगाते सीबीआई की संस्तुति करने में फिर इन बच्चों की मांग क्यों नहीं पूरी की जा रही, आखिर किसका डर है आपको?
धामी के पिछले कार्यकाल में उनके कैबिनेट मंत्री रहे हरक सिंह रावत ने कहा कि आज तो केंद्र ने बीजेपी की सरकार है लेकिन अगर 2024 में केंद्र में सरकार बदल जायेगी तो इनको मुश्किल हो सकती है क्योंकि अभी तो ये सीबीआई को अपने हिसाब से चलाएंगे लेकिन फिर निष्पक्षता से जांच हो गई तो दिक्कत हो सकती है इसलिए एसबीआई जांच की सिफारिश नहीं कर रहे हैं।

हरक सिंह रावत ने सीएम धामी से सीधा सवाल पूछा कि आखिर इन तमाम पेपर लीक घोटालों में क्यों किसी लेफ्ट, यूकेडी, बसपा या कांग्रेस नेता का नाम सामने नहीं आ रहा क्यों हर बीजेपी नेता ही फंस रहे हैं? नकल माफिया हाकम सिंह के फोटो किसके साथ थे और वह किस दल का कार्यकर्ता था जरा सीएम धामी यह बताएं। क्या हाकम कांग्रेस, यूकेडी या AAP का कार्यकर्ता था या बीजेपी का था? अभी लोक सेवा आयोग के पेपर लीक कांड में जिनके नाम सामने आए वे किसके थे,बीजेपी के थे। अंकिता भंडारी हत्याकांड में कौन संलिप्त पाए गए बीजेपी से जुड़े लोग पकड़े गए।

हरक ने सीएम धामी से सीधा सवाल किया कि आप सोचिए दिल्ली और प्रदेश में आपके दल की सरकार है और तमाम मामलों में आपकी पार्टी से जुड़े लोग ही पकड़े क्यों जा रहे हैं ? हरक ने कहा मुझपर भले दल बदल के आरोप लगे लेकिन मैने कभी उत्तराखंड के सम्मान का सौदा नहीं किया न स्वाभिमान से समझौता किया। सच कहने की हिम्मत थी, है और रहेगी।

पूर्व कैबिनेट मंत्री ने कहा कि आज ये हालात देखकर मन खिन्न हो गया है और ऐसा लगता है कि सीएम धामी को यह घमंड हो गया है कि जो चाहे वे कर लेंगे। केंद्र की मोदी सरकार द्वारा किसान आंदोलन के दौरान सवा साल तक किसानों पर लाठी चार्ज न करने और यहां सीएम पुष्कर सिंह धामी द्वारा चार घंटे के धरने के बाद लाठीचार्ज करा देने के सवाल पर हरक सिंह रावत ने कहा कि किसी भी शासक प्रशासक या सरकार की सूझबूझ और निर्णय क्षमता का आकलन मुश्किल भरे हालात में लिए निर्णयों से ही होता है कि वह कितना अनुभवी है।

किसान आंदोलन में महीनों नेशनल हाईवे जाम रहा पर कहीं लाठीचार्ज हुआ हो यह नहीं सुना। हरक ने कहा कि मूर्ख से मूर्ख शासक प्रशासक भी अपने पैरों में कुल्हाड़ी नहीं मारेगा लेकिन इस धामी सरकार के दामन पर लगे इस खून के धब्बे को आप कभी नहीं मिटा सकते हैं। इतिहास के पन्नों में धामी सरकार के दामन पर लगे ये खून के धब्बे हमेशा हमेशा के लिए याद रखे जाएंगे।

हरक सिंह रावत ने धामी से सवाल किया कि आखिर कैसे हम इतने निर्दयी हो गए। रावत ने कहा कि आज लोग कार्टून बना रहे हैं कि धामीजी अपने बच्चे को दुलार और उत्तराखंड के नौजवान के सिर पर लाठी।

हरक सिंह रावत ने कहा कि पुष्कर धामी छोटा भाई है उनका और इस नाते उनसे कहते है कि गलती हुई है आपसे इसलिए किस बात का इगो है क्योंकि ये कुर्सियां हमेशा नहीं रहेंगी इसलिए माफी मांगने में क्या जा रहा है।
हरक सिंह ने की राजपुर रोड धामी पुलिस लाठीचार्ज घटना की तुलना रामपुर तिराहा कांड में बरती गई मुलायम पुलिस की बर्बरता से

हरक सिंह ने कहा कि रामपुर तिराहा कांड के चलते उत्तराखंड के लोगों के मन में आज भी मुलायम सिंह यादव की छवि अच्छी नहीं थी और उनके जाने के बाद भी लोग उनको खलनायक की नजर से ही देखते हैं। इसी तरह में मानता हूं कि धामी सरकार से इतनी बड़ी गलती हुई है जिसको माफ नहीं किया जा सकता है बल्कि उसका सिर्फ प्रायश्चित ही किया जा सकता है।

हरक सिंह रावत ने कहा कि प्रायश्चित ऐसे ही हो सकता है कि जिन बेरोजगारों पर मुकदमे ठोके हैं मुख्यमंत्री उनको तत्काल वापस लेकर सीबीआई जांच की संस्तुति करें और घायलों पर लाठीचार्ज करने वालों पर कार्रवाई करें और नौजवानों से माफी मांगकर प्रायश्चित कर सकते हैं।

हरक सिंह रावत ने हत्या के प्रयास जैसी संगीन धाराओं में बेरोजगार युवाओं पर मुकदमे दर्ज करने की धामी सरकार के कदम पर कहा कि सारा उत्तराखंड और पुलिस, सरकार सब जानते हैं कि यह कोई नियोजित प्रयास नहीं था बेरोजगार युवाओं का फिर कैसे इतनी गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज करने की कोशिश की गई।

हरक सिंह रावत ने कहा धामी सरकार jod तोड़ कर अपने आप को सही ठहराने की कोशिश करेगी और मीडिया को भी सरकार से विज्ञापन और सहयोग चाहिए इसलिए मीडिया भी जस्टिफाई करेगा कि असामाजिक तत्व आंदोलन में घुस गए थे पथराव किया इसलिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। उन्होंने कहा कि यही बीजेपी और धामी सरकार की कोशिश भी नजर आती है। रावत ने कहा कि डिजिटल मीडिया में भले सच दिखाया जा रहा हो लेकिन प्रदेश और राष्ट्रीय अखबार और टीवी मीडिया में ऐसा दिखाया जा रहा है मानो इस आंदोलन में अराजक तत्व घुस आए हों।

हरक सिंह ने कहा कि वे दो सौ प्रतिशत दावा करते हैं कि अगर कभी भविष्य में इस मामले की निष्पक्ष जांच हुई तो यह साबित होगा कि एक प्लानिंग के तहत यह पथराव कराया गया और फिर लाठीचार्ज हुआ। रावत ने सीएम धामी की तरफ इशारा करते हुए कहा कि कुछ लोगों को अपने खिलाफ मुर्दाबाद के नारे और चोर है के नारे अखर गए और यही अहम ले डूबेगा।

हरक सिंह रावत ने कहा कि मैंने कई मुख्यमंत्री बनते और बदलते देखें है। रावत ने कहा कि तमाम मुख्यमंत्री देख लीजिए जिनका कोई योगदान नहीं रहता वे अचानक मुख्यमंत्री बनकर आ जाते हैं। हरक ने सीएम धामी व अन्य पर तंज कसते हुए कहा कि ये लोग गलती पर गलती करते रहते हैं लेकिन भले बने रहते हैं जबकि हकीकत में उनसे दुर्जन कोई नहीं। लेकिन इमेज ऐसी बनी रहती है कि उनसे सज्जन कोई नहीं है।

हरक सिंह रावत ने कहा कि अगर वे सीएम होते तो आज छात्रों को ये दिन न देखने पड़ते और सीबीआई जांच की सिफारिश कर देता। पुलिस को लाठीचार्ज की इजाजत नहीं देता भले चार पत्थर उनकी तरफ आ भी गए होते तब भी। हरक सिंह रावत ने कहा कि ये बच्चे कोई पाकिस्तानी या चीन के हैं क्या और निहत्थे लोगों पर तो कोई सेना भी हथियार नहीं उठाती और इन लोगों ने निहत्थे बच्चे लाठी डंडों से पिटवा डाले। रावत ने कह कि धामी सरकार अपनी ताकत का दुरुपयोग कर रही है और बेरोजगार युवाओं पर लाठीचार्ज उत्तराखंड के इतिहास के काले पन्नों में दर्ज हो गया है हमेशा हमेशा के लिए।

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Credit: DSR Uncut
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