देहरादून: नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा है कि तीर्थ नगरी ऋषिकेश से लगे पौड़ी जिले के यमकेश्वर में हुई अंकिता की हत्या ने न केवल राज्य की कानून व्यवस्था बल्कि भाजपा सरकार के “बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ” नारे की हकीकत भी सामने ला दी है। उत्तराखण्ड की मासूम बेटी के नृशंस हत्याकांड पर उन्होंने कहा कि भाजपा पदाधिकारियों के परिजन की मुख्य अभियुक्त के रूप में गिरफ्तारी के बाद अब इस नारे को “भाजपा के दरिंदों से बेटी बचाओ” कर देना चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह प्रदेश के लिए अफ़सोसजनक स्थिति है कि मृत लड़की का अभागा पिता चार दिन तक अपनी बेटी की गुमशुद की रिपोर्ट लिखाने के लिए घूमता रहा लेकिन उसकी रिपोर्ट नहीं लिखी गयी। रिपोर्ट लिखने में ना-नुकुर के पीछे निश्चित ही सत्ता पक्ष भाजपा का दबाव होगा। नेता प्रतिपक्ष आर्य ने आरोप लगाया कि चार दिन बाद भी गुमशुदा लड़की के पिता के सामने होने के बाद भी गिरफ्तार मुख्यभियुक्त द्वारा रिपोर्ट लिखवाना सिद्ध करता है कि सरकार ने अंतिम समय तक आरोपी को बचाने की कोशिश की और मामले को कमजोर करने की हर तकनीकी कोशिश की है।
यशपाल आर्य ने कहा,”यह भी बेहद चिंताजनक स्थिति है कि सोशल मीडिया में गुमशुदगी का शोर मचने के बाद भी माननीय मुख्यमंत्री सहित किसी भी जिम्मेदार अधिकारी का न तो कोई बयान आया न ही मुकदमा दर्ज किया गया।*
आर्य ने कहा कि पुलिस ने इस मामले में भाजपा नेता व पूर्व राज्य मंत्री विनोद आर्य के पुत्र रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य सहित रिजॉर्ट में कार्यरत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के बाद रेगुलर पुलिस ने 2 अलग प्रेस नोट जारी किए हैं उनमें भी भ्रांति पैदा की गई है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इन सभी से निष्कर्ष निकलता है कि भाजपा सरकार हर तरह से अपराधियों को मदद कर रही है। पिता के अलावा पुलकित का बड़ा भाई अंकित आर्य भी ओबीसी आयोग में पदाधिकारी बताया जा रहा है।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि अंकिता हत्याकांड सिद्ध करता है कि भाजपा सरकार में शांत पहाड़ों में भी अब बेटियाँ सुरक्षित नहीं हैं और बिगड़ती कानून व्यवस्था के लिए भाजपा नेता और उनके करीबी लोग जिम्मेदार हैं।