देहरादून: उत्तराखंड के चार धामों में गैर हिन्दुओं के प्रवेश पर रोक की मांग के संतों के अल्टीमेटम पर धामी सरकार ने सरेंडर कर दिया है। संत समाज से यह मांग जोर-शोर से उठाई जा रही थी कि बदरीनाथ और केदरानाथ सहित चारों धामों में गैर हिन्दुओं का प्रवेश वर्जित किया जाए और अगर राज्य सरकार ऐसा कदम नहीं उठाती है तो संत समाज इस दिशा में कदम उठाएगा। सीएम ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत में चारधाम में गैर हिन्दुओं के प्रवेश संबंधी तेज होती मांग पर कहा कि उत्तराखंड शांत प्रदेश है और यहाँ की धर्म व संस्कृति की रक्षा हर हाल में होनी चाहिए।
सीएम ने कहा कि राज्य सरकार एक अभियान चलाकर जिन लोगों का ठीक से वैरिफिकेशन नहीं हुआ उनका वेरिफ़िकेशन सुनिश्चित करेगी। सीएम ने कहा कि इस बात का पूरा ख्याल रखा जायेगा कि राज्य में कोई ऐसा व्यक्ति न आए जिसके कारण यहाँ की शांति व्यवस्था खराब हो। हालाँकि कांग्रेस ने सीएम धामी के इस बयान पर हमलावर तेवर अपनाते हुए इसे संविधान के खिलाफ करार दिया है।
कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने सीएम धामी के लोगों के वेरिफ़िकेशन संबंधी बयान को धर्म विशेष के टारगेट करने वाला और संविधान विरोधी बताया है। पीसीसी चीफ माहरा ने कहा कि सीएम का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि आपराधिक रिकॉर्ड देखकर एक्शन होना चाहिए न कि जाति-धर्म देखकर लोगों की आवाजाही पर नजर रखी जाए।
जबकि नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि उत्तराखंड में सभा वर्गों और धर्मों के बीच सौहार्द फैलाने की दरकार है लेकिन सीएम का बयान इसके विपरीत भेदभाव व मतभेद बढ़ाने वाला है।