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टीम धामी की धमक: सीएम कार्यालय में पॉवरफुल आनंद वर्धन के दिन लदे, रतूड़ी की एंट्री, मीनाक्षी को मौका, अभिनव फिर सबसे चहेते, पंकज पांडेय को ‘स्वीट’ पनिशमेंट, क्या सीएस संधु का अब नहीं लग रहा मन?

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  • ऐसा लगता है कि सीएम धामी आईएएस पांडेय की क़ाबिलियत के क़ायल हैं लिहाजा उनको स्वीट पनिशमेंट देकर स्वास्थ्य लिया तो औद्योगिक विकास देकर पुरस्कृत भी कर दिया।

देहरादून: पुष्कर सिंह धामी सरकार 2.0 में नौकरशाही की पहली सर्जरी मुख्यमंत्री ने कर डाली है। धामी ने मुख्यमंत्री सचिवालय को ताकतवर बनाने के लिए 4 IAS अफसरों को इसमें शामिल किया है। धामी की कोर टीम में कई नए आईएएस एंट्री पा गए हैं तो पुराने और सबसे भरोसेमंद IPS अभिनव कुमार (IPS Abhinav Kumar) को स्पेशल प्रमुख सचिव बनाते हुए सूचना जैसा सीएम के प्रचार विंग से जुड़ा अहम विभाग थमा दिया है। जबकि पहले कार्यकाल में करीबी रहें ACS आनंद वर्धन को सीएम कार्यालय से बाहर का रास्ता दिखाते हुए ACS राधा रतूड़ी की वापसी कराई गई है। राधा रतूड़ी को ACS मुख्यमंत्री, गृह और कारागार जैसे अहम दायित्व दिए हैं। वहीं अपनी परफ़ॉर्मेंस से किसी भी मुख्यमंत्री की नज़रों में चढ़ जाने वाले माहिर IAS आर मीनाक्षी सुंदरम भी सचिव मुख्यमंत्री बनकर टीम धामी में एंट्री पा गए हैं। मीनाक्षी को ऊर्जा और वैकल्पिक ऊर्जा, श्रम, वित्त और अध्यक्ष उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड जैसे अहम विभागों का जिम्मा दिया गया है। हालाँकि उनसे शिक्षा विभाग ले लिया गया है।

दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल की सीनियर फिज़िशियन और एसोसिएट प्रोफेसर डॉ निधि उनियाल को अपनी बीवी की तीमारदारी में घर बुलाने और शान में ग़ुस्ताख़ी होने पर अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज अटेच करने के बाद उठे बवंडर का पनिशमेंट सीएम धामी ने डा पंकज कुमार पांडेय से स्वास्थ्य सचिव का ज़िम्मा छीनकर दे दिया है। सीएम धामी ने ऐसा कर ब्यूरोक्रेसी को सिर पर चढ़कर न बैठने की नसीहत दी है। अब न चुनाव है और न ही धामी जल्दबाज़ी में लिहाजा कई हनक दिखाने वाले अफसरोें को तबियत से नापने की तैयारी करके मुख्यमंत्री बैठे हैं।

दरअसल, धामी सरकार 2.0 के गठन के बाद से ही इंतजार था कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कब तक नए सिरे से नौकरशाही के पत्ते फेंटते हैं। सीएम के दिल्ली दौरे में केन्द्रीय नेतृत्व से हरी झंडी मिलते ही धामी ने धमक दिखा दी है। ट्रांसफर लिस्ट मे अधिकतर सीनियर आईएएस अफसरोें के विभागों में तब्दीली की गई है। कुल 21 IAS और एक IPS के पदभार बदले गए हैं। चीफ सेक्रेटरी डॉ एसएस संधु को भी एडिशनल ज़िम्मेदारी के तौर पर स्थानिक आयुक्त, नई दिल्ली बनाया गया है। अब क्या इसे डॉ संधु की दिल्ली वापसी की पॉवर कॉरिडोर्स में चलती चर्चा से जोड़कर देखा जाना चाहिए? क्या सीएस डॉ एसएस संधु का अब प्रदेश में लंबा कामकाज करने का मन नहीं कर रहा है?

एक जमाने में आनंद वर्धन को ताकत देने के एवज में कमजोर कर दी गई ACS राधा रतूड़ी फिर हैवीवेट हो गई हैं। राधा रतूड़ी को सीएम कार्यालय में दोबारा एंट्री देकर धामी ने मैसेज देने की कोशिश की है। हालाँकि उनसे ऊर्जा, वैकल्पिक ऊर्जा, उच्च शिक्षा और अध्यक्ष, उत्तराखंड परिवहन निगम व समाज कल्याण जैसे दायित्व वापस ले लिए गए हैं। ACS मनीषा पंवार से ग्राम्य विकास एवं कृषि उत्पादन आयुक्त की जिम्मेदारी वापस लेते हुए अवस्थापना विकास आयुक्त एवं अध्यक्ष, परिवहन निगम का दायित्व दिया गया है। जबकि ACS आनंद वर्धन से वन, पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन तथा अवस्थापना विकास आयुक्त का दायित्व वापस लेकर ग्राम्य विकास, राजस्व, शहरी विकास, आवास, मुख्य प्रशासक उत्तराखंड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण तथा कृषि उत्पादन आयुक्त का जिम्मा दिया गया है।

जबकि प्रमुख सचिव आरके सुधांशु से गृह और कारागार वापस लेकर वन, पर्यावरण संरक्षण तथा जलवायु परिवर्तन का दायित्व सौंपा गया है। प्रमुख सचिव एल फैनई से प्रमुख सचिव सैनिक कल्याण वापस लेकर आयुक्त समाज कल्याण का जिम्मा दिया गया है। वहीं टीम धामी में वज़नदार बनकर एंट्री पा गए सचिव मीनाक्षी सुंदरम से पशुपालन, मत्स्य, सहकारिता, दुग्ध एवं दुग्ध विकास, कृषि एवं कृषक कल्याण, खनन, विद्यालयी शिक्षा जैसे विभाग वापस लिए गए हैं। जबकि सचिव मुख्यमंत्री शैलेश बगोली से शहरी विकास, आवास व मुख्य प्रशासक उत्तराखंड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण का पदभार वापस लेकर सचिव कार्मिक एवं सतर्कता, मंत्रिपरिषद, कृषि एवं कृषक कल्याण व उच्च शिक्षा का जिम्मा दिया गया है।

सचिव नितेश कुमार झा से तकनीकी शिक्षा लेकर ग्रामीण निर्माण की जिम्मेदारी दी गई है। जबकि चुनाव से पहले छुट्टी पर चली गई सचिव राधिका झा फिर से ताकतवर होकर लौटी हैं, उनको चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा का जिम्मा दिया गया है। जाहिर है स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत का खास ख्याल मुख्यमंत्री धामी ने रखा है ताकि वे हेल्थ सेक्टर में रिजल्ट दे सकें। वहीं सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी से कार्मिक एवं सतर्कता की जिम्मेदारी वापस लेकर सचिव परिवहन का जिम्मा दिया गया है। जबकि सचिव सचिन कुर्वे से ग्रामीण निर्माण वापस लेकर ग्राम्य विकास, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति व उपभोक्ता मामले और आयुक्त खाद्य की जिम्मेदारी दी गई है। सचिव सौजन्या को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग की जिम्मेदारी दी गई है।

जबकि सचिव बीवीआरसी पुरुषोत्तम से स्थानिक आयुक्त नई दिल्ली का पदभार वापस लेकर सचिव पशुपालन, मत्स्य, दुग्ध एवं दुग्ध विकास, सहकारिता, निदेशक दुग्ध विकास तथा निदेशक महिला डेयरी की जिम्मेदारी देकर उनका कामकाज बढ़ाया गया है। सचिव रविनाथ रमन को हल्का करते हुए उनसे राजस्व, आबकारी एवं वन जैसे अहम विभाग वापस लेकर विद्यालयी शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा में कुछ कर दिखाने का टास्क दिया है। डॉ निधि उनियाल प्रकरण में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा व सूचना विभाग गंवा बैठे डॉ पंकज कुमार पांडेय को सचिव औद्योगिक विकास, खनन व आयुष एवं आयुष शिक्षा जैसे अहम विभागों का जिम्मा दिया गया है। डा. रंजीत सिन्हा से परिवहन एवं पुनर्गठन वापस लेकर आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, परियोजना निदेशक बाह्य सहायतित परियोजनाओं की जिम्मेदारी दी गई है।

वहीं, सचिव हरिचंद्र सेमवाल को आबकारी एवं आयुक्त आबकारी का अतिरिक्त जिम्मा सौंपा गया है। सचिव चंद्रेश यादव से आयुष एवं आयुष शिक्षा व श्रम वापस लेकर पुनर्गठन तथा संस्कृत शिक्षा की जिम्मेदारी दी गई है। सचिव विजय कुमार यादव से वन एवं पर्यावरण संरक्षण तथा जलवायु परिवर्तन का जिम्मा वापस लिया गया है। प्रभारी सचिव दीपेंद्र कुमार चौधरी से उच्च शिक्षा, खेल एवं युवा कल्याण का जिम्मा वापस लेकर सैनिक कल्याण तथा राजस्व का जिम्मा सौंपा गया है।

जाहिर है मुख्यमंत्री धामी ने नौकरशाही के पत्ते फेंटकर कई संदेश देने की कोशिश की है। एक मैसेज तो आनंद वर्धन की जगह राधा रतूड़ी को तवज्जो देकर दिया है। दूसरा चीफ सेक्रेटरी को लेकर जो चर्चाएं हैं उनको नई हवा मिल गई है। जबकि सबसे बड़ा मैसेज यही है कि धामी सरकार 2.0 में तमाम आईएएस के बीच आईपीएस अभिनव कुमार पहले से कहीं और ज्चादा ताकतवर होकर उभरे हैं। जाहिर है ये समीकरण देखकर कईयों के सीने पर छुरियाँ भी चल रही होंगी!

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