नैनीताल/हरिद्वार: दुष्कर्म के आरोपी बीजेपी विधायक को भले सोमवार को हाईकोर्ट से गिरफ़्तारी पर रोक को लेकर राहत न मिली हो।लेकिन ऐसा लगता है पार्टी और धामी सरकार पूरी मजबूती से विधायक के साथ खड़े हैं। फिर भले दुष्कर्म जैसे संगीन आरोप पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश हरिद्वार की निचली अदालत ने दिया हो और गिरफ़्तारी पर रोक और FIR निरस्त करने की याचिका पर हाईकोर्ट से भी राहत मिल पा रही हो।
आज नैनीताल हाईकोर्ट ने हरिद्वार की ज्वालापुर सीट से बीजेपी विधायक सुरेश राठौर की याचिका पर सुनवाई करते हुए न तो गिरफ़्तारी की रोक की मांग मंजूर की और न ही FIR निरस्त करने की मांग पर राहत बख़्शी। जस्टिस एनएस धानिक की सिंगल बेंच ने राज्य सरकार से 19 जुलाई तक मामले में शपथपत्र पेश करने को कहा है। इस मामले में अब अगली सुनवाई 19 जुलाई को होगी।
ज्ञात हो कि बीजेपी विधायक सुरेश राठौर पर एक जुलाई को बीजेपी की ही एक पूर्व नेत्री ने दुराचार करने का मुकदमा दर्ज कराया था। विधायक आरोप बेबुनियाद और छवि खराब करने की साज़िश करार दे रहे और महिला पर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगा रहे। लेकिन खास बात ये है कि निचली अदालत के आदेश के बाद पुलिस हरकत में आई और केस दर्ज किया।
अब कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने मुद्दा बना दिया है कि जब सीएम हरिद्वार हरकी पैड़ी पर पूजा-अर्चना करने आए तब दुराचार के आरोपी को बगलगीर बनाकर कैसा न्याय होगा इसकी बानगी पेश कर दी है।
कांग्रेस नेता और वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी धीरेन्द्र प्रताप ने कहा कि सीएम धामी ने दुष्कर्म के आरोपी के साथ गंगा पूजन कर माँ गंगा और संपूर्ण मातृशक्ति का अपमान कर दिया है, जिसके लिए माफी माँगनी चाहिए।