फैसला: कोरोना काल में सफ़ेद हाथी साबित हुए गोल्डन कार्ड जल्द सीईओ स्वास्थ्य प्राधिकरण की टेबल पर पटकेंगे कार्मिक

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  • सफ़ेद हाथी साबित हुए गोल्डन कार्ड पर कुंभकर्णी नींद तोड़ने में नाकामी के बाद फैसला
  • 19 से 24 मई तक सचिवालय संघ कार्यालय में जमा होंगे गोल्डन कार्ड
  • स्वास्थ्य बेनेफिट नहीं तो कोरोना संकट में वेतन में अंशदान कटौती भी नहीं: संघ

देहरादून: गोल्डन कार्ड की ख़ामियों को दूर कराने की सचिवालय संघ की कोशिशें बेअसर साबित होती दिख रही है. यहां तक कि उत्तराखंड सचिवालय संघ स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी के बाद सीएम तीरथ सिंह रावत से भी गुहार लगा चुका है. लेकिन लंबा इंतजार करने के बाद राज्य की सर्वोच्च कार्यकाल इकाई सचिवालय संघ के पदाधिकारियों ने बड़ा फैसला कर लिया है। संघ के आह्वान पर अब कार्मिक 19 से 24 मई के बीच अपने गोल्डन कार्ड सचिवालय संघ के कार्यालय में जमा कराएंगे जिन्हें बाद में राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की टेबल पर पटका जाएगा।
सचिवालय संघ का कहना है कि उनकी तरफ से न केवल सचिवालय बल्कि प्रदेशभर के कार्मिकों, पेन्शनर्स और उनके आश्रितों का दर्द सरकार में हर स्तर तक पहुँचाने का काम किया गया। संघ ने सफेद हाथी साबित हो रहे गोल्डन कार्ड की खामियां दुरूस्त न होने के कारण कोरोना काल की भयावह स्थिति में कार्मिकों, पेन्शनर्स और उनके परिवार के आश्रितों का संकट स्वास्थ्य सचिव से लेकर सीएम तक साझा किया। साथ ही संघ ने ज़िम्मेदार अधिकारियों को गोल्डन कार्ड के बावजूद चिकित्सा सुविधा न मिल पाने पर ख़ामियां दूर करने के लिए एक पखवाड़े का समय दिया था. लेकिन 15 मई को समयावधि समाप्त हो चुकी है और समाधान दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहा लिहाजा प्रारंभिक चरण में सचिवालय संघ ने कार्मिकों के गोल्डन कार्ड एकत्रित कराने का बड़ा निर्णय लिया है।

दीपक जोशी, अध्यक्ष, सचिवालय संघ


प्रदेश की सर्वोच्च कार्यालय इकाई के संघ द्वारा आज अपने सदस्यों की स्वास्थ्य सुविधाओं के सन्दर्भ में लिए गये बड़े निर्णय पर संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग और राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण को गोल्डन कार्ड की खामियों को दुरूस्त करने के लिए बारम्बार अनुरोध किए गए और पर्याप्त समय दिया गया। जोशी ने कहा कि ऐसा लगता है जैसे कार्मिक वर्ग को कोरोना काल में हो रही तकलीफ़ों को दूर् करने में न स्वास्थ्य महकमे के आलाधिकारियों की दिलचस्पी है और न स्वास्थ्य प्राधिकरण की ही। उन्होंने कहा कि सचिवालय तथा प्रदेश के कार्मिकों, पेन्शनर्स का प्रतिमाह वेतन से अंशदान काटे जाने के बाद भी कोई सुविधा नही दी जा रही है,जिससे लगता है कि मानो स्वास्थ्य प्राधिकरण कार्मिकों को महज अपनी आय बढ़ाने का स्रोत भर मानकर बैठ गया है।

सचिवालय संघ अध्यक्ष ने कहा कि अगर प्राधिकरण का यही रुख और सोच है तो इसे अब किसी भी रूप में बर्दाश्त नही किया जायेगा। सचिवालय संघ के आज के निर्णय पर अध्यक्ष व महासचिव की ओर से सचिवालय सेवा संवर्ग के सभी सदस्यगणों को परिवार सहित अपने-अपने गोल्डन कार्ड 19 से 24 मई तक सचिवालय संघ के कार्यालय मे अनिवार्य रूप से जमा कराए जाने का अनुरोध किया गया है। जोशी ने कहा कि इसके बाद इन सभी निष्प्रयोज्य गोल्डन कार्ड को समेकित रूप से मुख्य कार्यकारी अधिकारी,स्वास्थ्य प्राधिकरण को लिखित रूप में जमा करा दिया जाएगा।
संघ ने सोमवार कोयह भी निर्णय लिया कि गोल्डन कार्ड के एवज में की जा रही मासिक अंशदान की कटौती को अब, तब तक स्वीकार नही किया जाएगा, जब तक गोल्डन कार्ड की खामियां धरातल पर अपेक्षित रूप से दुरूस्त न हो जाएं। इस कड़ी में इस माह होने वाली अंशदान कटौती को संघ के स्तर पर तत्काल रोका जाएगा तथा गोल्डन कार्ड की खामियां दूर होने तक चिकित्सा प्रतिपूर्ति की पूर्व व्यवस्था, जो स्वतः ही तब तक लागू रहनी चाहिए थी जब तक नई व्यवस्था कारगर न हो जाए, को वैकल्पिक व्यवस्था के रूप मे अमल मे लाए जाने की स्वीकार्यता करायी जाएगी। संघ ने कहा है कि अगर इसके बाद भी अगर इस माह पुनः अंशदान की कटौती जबरन की जाती है तो सचिवालय संघ और मुखर होकर आवाज उठाने को मजबूर होगा।


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