
Chardham Yatra 2022: चारधाम यात्रा पर आए श्रद्धालुओं की मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। गुरुवार को रिकॉर्ड 13 श्रद्धालुओं की मौत हुई। यात्रा शुरू होने से लेकर अब तक 23 दिनों में 88 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है।
सरकार अपने स्तर पर लोगों को जागरूक करने और यात्रियों से स्वास्थ्य सावधानी बरतने की हिदायतें दे रही है और स्वास्थ्य ढांचा दुरुस्त करने का भी दावा कर रही। लेकिन गुरुवार को रिकॉर्ड 13 यात्रियों की मौत हुई और अकेले केदारनाथ धाम में 4 श्रद्धालुओं ने दम तोड़ा।
केदारनाथ और यमुनोत्री में 4-4 श्रद्धालुओं की मौत
केदारनाथ में मरने वाले यात्रियों में नालन्दा बिहार के नंदू (65 वर्ष) बलरामपुर, यूपी के हरिद्वार तिवारी (62वर्ष), लखनऊ, यूपी के रामनारायण त्रिपाठी (65 वर्ष) और राजस्थान के हेमराज सोनी (61वर्ष) शामिल हैं।
चारधाम यात्रा 2022 में अब तक केदारनाथ में कुल 42 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है।
यमुनोत्री यात्रा रूट पर हार्ट अटैक से 4 और श्रद्धालुओं की मौत हो गई। जानकीचट्टी में तमिलनाडु के सिददेराजन (57 वर्ष), पुणे, महाराष्ट्र के दिलीप परांसपे (75 वर्ष), इलाहाबाद, यूपी के रामचन्द्र शाहु (67 वर्ष) और राजस्थान के लाल चन्द राठी (56 वर्ष) की हार्ट अटैक से मौत हो गई।
ज्ञात हो कि अब तक इस यात्रा सीजन में यमुनोत्री यात्रा पर आए 23 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है।
गुरुवार को बदरीनाथ में 3, गंगोत्री में 2 श्रद्धालुओं की हो गई मौत
गुरुवार को बदरीनाथ धाम में 3 और श्रद्धालुओं की मौत हो गई। कर्नाटक के जीवी विजयकुमार (62 वर्ष) और राजस्थान की कमला बाई (62 वर्ष) सहित एक अन्य यात्री की मौत बदरीनाथ धाम मे हो गई। जबकि गंगोत्री धाम में गुरुवार को 2 यात्रियों की मौत हुई।
सरकार अपने स्तर पर खूब अपील कर रही है कि श्रद्धालु पूरी तरह फिट होने पर ही चार धामों की यात्रा पर जाए लेकिन उसका असर होता नहीं दिख रहा। कम से कम श्रद्धालुओं की दैनिक मौतों का बढ़ता आंकड़ा यही कह रहा है।
यात्रियों को भी जागरूकता का परिचय देना होगा और ऊंचाई वाले क्षेत्रों को लेकर तय प्रोटोकॉल का पालन अपने जीवन की रक्षा के लिए तो कम से कम करना ही होगा। ऑक्सिजन की कमी और मौसमी चुनोतियों के मद्देनजर अन्य राज्यों से आ रहे श्रद्धालुओं खासकर बुजुर्ग यात्रियों को बेहद सावधानी बरतने की दरकार है।
बहरहाल सरकार को भी सिर्फ एडवाइजरी जारी करने से आगे बढ़ना होगा।आखिर अब तक 88 यात्रियों की मौत हो चुकी है।जहां यात्रियों को रोकने और रजिस्ट्रेशन कराने की ज़रूरत है वहां सख्ती बरतने से भी परहेज नही करना चाहिए। आखिर यात्रियों के जीवन का सवाल जो है।