Dehradun News: ये रहस्य अब किसी के समझ में नहीं आ रहा कि जाने क्यों गोल्डन कार्ड की बेहतर चिकित्सा सुविधाओं से वंचित प्रदेश के कार्मिक, शिक्षक पेंशनर्स व उनके आश्रित सदस्यों की पीड़ा का निदान करने में राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण विफल साबित हो रहा है?
जबकि प्रतिमाह अंशदान की कटौती के बाद भी कार्मिक वर्ग, पेंशनर्स और आश्रितों को वाजिफ उपचार/सुविधायें प्राप्त नहीं हो पा रही हैं और कई बार तो प्राणों पर बन आई लेकिन स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही जिसके एवज में पैसा वसूला जा रहा।
अब उत्तराखंड अधिकारी कार्मिक शिक्षक महासंघ ने कार्मिक-शिक्षक, पेशनर्स के अंशदान की इस लूट के लिए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण को जिम्मेदार मानते आक्रोश रैली निकालने का एलान करने को मजबूर हो गया है। वजह यह है कि महासंघ के स्तर से स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत से समय देने के लिए किये गये अनुरोध पर अपेक्षित समय न मिलने की स्थिति के बाद अब उत्तराखण्ड अधिकारी-कार्मिक-शिक्षक महासंघ मुखर हो गया है।
महासंघ के अध्यक्ष दीपक जोशी ने बताया है कि बार-बार अनुरोध के बाद भी स्वास्थ्य मंत्री के स्तर पर अब तक गोल्डन कार्ड को लेकर राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा की जा रही गैर-जिम्मेदार एवं उदासीन रवैये तथा मात्र अंशदान की लूट खसोट के खिलाफ प्रदेश कार्मिकों, शिक्षकों, पेशनर्स व आश्रितों को चिकित्सा सुविधा से वंचित कर दिये जाने पर न ही कोई कार्यवाही की गई। और महासंघ के इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर बैठक के लिए समय न दिये जाने के उपरान्त अब शीघ्र ही महासंघ अपनी बैठक बुलाकर राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण पर निशाना साधने की तैयार दिखेगा।
महासंघ के अध्यक्ष जोशी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण सरकार की योजना को धरातल पर क्रियान्वित करने में नाकाम रहा है। उन्होंने कहा कि आज मात्र प्रतिमाह अंशदान वसूलने की प्रक्रिया तेजी में है, जबकि कार्मिकों-पेशनर्स के चिकित्सा दावों तथा उनकी सुविधाओं से किसी भी अधिकारी को कोई सरोकार नहीं हैं।
जोशी ने कहा कि प्रदेश के कार्मिक-शिक्षक- पेशनर्स की भावनाओं के अनुरूप महासंघ द्वारा तय किया गया है कि अब अंशदान के रूप में की गयी कटौतियों को वापस कराते हुए जब तक गोल्डन कार्ड की योजना को अक्षरशः धरातल पर क्रियान्वित नहीं कर दिया जाता, तब तक समानान्तर रूप से चिकित्सा प्रतिपूर्ति की पूर्व व्यवस्था भी लागू किये जाने तथा कार्मिक-शिक्षक-पेशनर्स के गोल्डन कार्ड की सुविधा के मामले में राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की भूमिका का उत्तरदायित्व निर्धारण किये जाने की मांग कोे लेकर महासंघ शीघ्र ही अपनी कार्यकारिणी बैठक करेगा।
इस बैठक में तय किया जायेगा कि राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के खिलाफ आक्रोश रैली कब निर्धारित की जाए तथा अपनी मांग के अनुरूप कार्मिक-शिक्षक-पेशनर्स व आश्रित सदस्यों को वाजिफ सुविधायें मुहैया करायी जा सके।