देहरादून: सचिवालय सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों/कार्मिकों के वेतनमान भारत सरकार के अनुरूप रखने तथा इस सम्बन्ध में वेतन विसंगति समिति द्वारा की गयी संस्तुति के बाद 27 जुलाई को मंत्रिमण्डल की बैठक में लिये गये वेतनमान/ग्रेड वेतन डाउनग्रेड करने के फैसले के विरोध में शुक्रवार को सचिवालय संघ की आपातकालीन बैठक हुई जिसमें सभी पदाधिकारियों की उपस्थिति में रही। इस आपातकालीन बैठक में तय किये गये कार्यक्रमानुसार संघ की कार्यकारिणी द्वारा इस गहन व गम्भीर मुद्दे पर तत्काल मुख्यमंत्री से मुलाकात की गई।
सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी के नेतृत्व में संघ के सभी पदाधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री से भेंट कर अपनी नाराजगी/आक्रोश व्यक्त किया गया। साथ ही अपना प्रत्यावेदन मुख्यमंत्री को प्रस्तुत करते हुए उनसे कार्मिक विरोधी नीति को रोके जाने का अनुरोध किया।
CM से मुलाकात में ऐसे वरिष्ठ अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी ऐतराज जताते हुए सरकार की छवि खराब करने तथा कार्मिकों को अनावश्यक उद्वेलित करने वाले तथाकथित अधिकारियों को चिन्हित कर आवश्यक कार्यवाही किये जाने की बात रखी गयी। साथ ही इसके विरोध में संवर्गीय संघ तथा आपातकालीन आम सभा के निर्णय से अवगत कराया गया।
सचिवालय संघ की ओर से दिये गये विरोध पत्र का अध्ययन मनन करने के उपरान्त मुख्यमंत्री द्वारा किसी भी कार्मिक का सेवा हित प्रभावित न करने का आश्वासन सहित संघ के पदाधिकारियों से विस्तृत चर्चा की गयी। संघ को मंत्रिमण्डल के निर्णय को पुनः दिखाये जाने की बात कही गयी। इसके साथ-साथ सचिवालय संघ की ओर से गोल्डन कार्ड की व्याप्त परेशानी, सचिवालय में वित्त सेवा के सीमित मात्रा में अधिकारी तैनात करने तथा राजस्व वृद्धि व अनावश्यक खर्चों की बचत हेतु कुछ सुझाव दिये गये, जो राज्य हित में होने की स्थिति से मुख्यमंत्री द्वारा चिन्तन मनन किया गया।
संघ के साथ सौहार्द पूर्ण व विस्तृत चर्चा के उपरान्त मुख्यमंत्री के स्तर से डाउनग्रेड के मामले को स्थगित रखे जाने पर विचार किये जाने का आश्वासन दिया गया। इसके बाद संघ के अध्यक्ष जोशी द्वारा कहा गया है कि मुख्यमंत्री द्वारा गहनता से इस महत्वपूर्ण व संवेदनशील मुद्दे पर गम्भीरतापूर्वक बात सुनी गई है, फिलहाल मुख्यमंत्री के आदेशों के उपरान्त प्रकरण में होने वाली स्थगन/निस्तरीकरण की कार्यवाही की प्रतीक्षा की जायेगी। साथ ही यह भी संकेत दिये गये कि यदि इसके बाद भी अधिकारियों की हठधर्मिता जारी रही तो निश्चित रूप से सोमवार के उपरान्त कोई भी बड़ा आन्दोलन करने हेतु संघ स्वतन्त्र होगा।
उक्त वार्ता बैठक में संघ के उपाध्यक्ष सुनील लखेड़ा, महासचिव विमल जोशी, चन्दन सिंह बिष्ट, लालमणि जोशी, अनिल उनियाल, उल्लास भटनागर, बची सिंह, किशन असवाल, सन्दीप बिष्ट आदि उपस्थित रहे।