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एसडीसी फाउंडेशन का “स्वच्छता ही सेवा – स्वभाव स्वच्छता और संस्कार स्वच्छता” थीम पर 40 स्कूलों के साथ कैंपेन

एसडीसी फाउंडेशन ने "स्वच्छता ही सेवा - स्वभाव स्वच्छता और संस्कार स्वच्छता" की थीम पर 40 स्कूलों के साथ चलाया स्वच्छता अभियान एवं बड़े पैमाने पर किया गया प्लास्टिक कचरे का संग्रहण।

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Dehradun:,गांधी जयंती और स्वच्छ भारत दिवस के पूर्व दिवस पर 1 अक्टूबर को पर्यावरण, सतत शहरीकरण, कचरा प्रबंधन और उत्तराखंड के सामाजिक मुद्दों पर कार्यरत सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटीज (एसडीसी) फाउंडेशन द्वारा देहरादून में स्वच्छता पखवाड़ा के अंतर्गत “स्वभाव स्वच्छता और संस्कार स्वच्छता” की थीम पर वृहद् स्तर पर अलग अलग स्थानों पर विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समाज और छात्र, छात्राओं को कचरा प्रबंधन के प्रति सामूहिक चेतना के साथ जागरूक बढ़ाना और प्लास्टिक कचरे के बड़े पैमाने पर संग्रहण कर रीसाइक्लिंग करना था।


इस सामूहिक पहल के तहत देहरादून के 40 स्कूलों, मुख्य डाकघर (जीपीओ), आरडब्ल्यूए और अन्य संस्थानों में जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन एवं वृहद रूप से प्लास्टिक कचरे का संग्रहण किया गया। इन जागरूकता कार्यक्रमों में छात्रों और समुदाय के सदस्यों को प्लास्टिक कचरे के हानिकारक प्रभावों के बारे में जानकारी दी गई। विशेष रूप से स्कूल प्रबंधन और छात्रों ने प्लास्टिक के विकल्पों के उपयोग और सही कचरा प्रबंधन के तरीकों पर चर्चा की। स्कूली छात्र, छात्राओं और स्थानीय समुदाय के सहयोग से इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संपन्न किया गया।

कार्यक्रम में भाग लेने वाले छात्रों और शिक्षकों ने स्वच्छता के महत्व पर अपने विचार साझा किए और अपने-अपने क्षेत्रों में स्वच्छता के प्रति अपने दायित्वों को निभाने का संकल्प लिया। इस अभियान के अंतर्गत कई स्थानों पर “स्वच्छता की शपथ” का आयोजन भी किया गया, जिसमें सभी ने मिलकर स्वच्छता बनाए रखने का प्रण लिया।

कार्यक्रम में एसडीसी फाउंडेशन के दिनेश सेमवाल ने अपने संबोधन में कहा कि प्लास्टिक कचरे के उचित प्रबंधन हेतु प्लास्टिक बैंक प्रोजेक्ट अभियान के माध्यम से उनकी संस्था द्वारा देहरादून में पिछले 11 महीनों में 210 प्लास्टिक बैंकों की स्थापना की गयी है। उन्होंने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि वर्तमान में एसडीसी फाउंडेशन देहरादून- किमाड़ी-मसूरी रूट पर 69 मैगी प्वाइंट, 64 स्कूलों, 40 हॉस्टल, 9 विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों, 7 रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन, 7 शोरूम और बहुत से अन्य संस्थानों के लगभग 80 हजार से अधिक लोगों के सहयोग से प्लास्टिक बैंकों को संचालित कर रही है।

 

एसडीसी फाउंडेशन के प्रवीण उप्रेती ने कहा कि स्वच्छता केवल व्यक्तिगत जिम्मेदारी नहीं है बल्कि सामूहिक प्रयासों का परिणाम है। हम सभी को मिलकर इस दिशा में कदम उठाना होगा ताकि हम अपने समाज और पर्यावरण को सुरक्षित और स्वस्थ रख सकें। उन्होंने कहा की आने वाले दिनों में एसडीसी फाउंडेशन देहरादून में कुल 300 प्लास्टिक बैंक स्थापित कर लगभग एक लाख छात्र, छात्राओं और सोसाइटी के साथ प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट पर काम करने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहा है।

एसडीसी फाउंडेशन ने इस सामूहिक अभियान के माध्यम से यह संदेश दिया कि प्लास्टिक कचरे को केवल एक समस्या के रूप में नहीं, बल्कि इसे हल करने की आवश्यकता के रूप में देखना चाहिए। इस तरह यह आयोजन स्वच्छ भारत मिशन की अवधारणा को आगे बढ़ाते हुए एक सामाजिक आंदोलन बनने की दिशा में अग्रसर रहा।

एसडीसी फाउंडेशन के सदस्यों ने सभी स्थानीय निवासियों, छात्रों और संस्थानों का आभार व्यक्त किया जिन्होंने इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लिया और इसे सफल बनाया। उन्होंने उम्मीद जताई कि आगे भी ऐसे कार्यक्रम होते रहेंगे, जो न केवल स्वच्छता को बढ़ावा देंगे, बल्कि समाज में जागरूकता भी फैलाएंगे।

 

कार्यक्रम में राजा राम मोहन राय, गुरु नानक पब्लिक स्कूल, विद्या स्थल चिल्ड्रन मॉडर्न अकादमी, मोंटेसरी स्कूल, महावीर जैन कन्या इंटर कॉलेज, भवानी बालिका इंटर कॉलेज,जीजीआईसी राजपुर रोड़, जीजीआईसी लखीबाग,एसजीआरआर रेसकोर्स, माउंट फोर्ट एकडेमी, बीएस नेगी पॉलिटेक्निक,जीजीआईसी कौलागढ और कई और स्कूल और संस्थाओं ने एसडीसी फाउंडेशन द्वारा आयोजित स्वच्छ भारत दिवस की थीम स्वभाव स्वच्छता और संस्कार स्वच्छता आधारित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।

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