Backdoor Recruitment Scam in Uttarakhand Assembly: जिस तरह के आसार थे उसी अनुरूप विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भूषण ने आज प्रेस वार्ता कर फैसला सुना दिया है। स्पीकर खंडूरी ने सबसे पहले तो पूर्ववर्ती विधानसभा अध्यक्ष और इस वक्त संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा विशेषाधिकार का ‘दुरुपयोग’ कर प्रमोशन पाकर सचिव बनाए गए मुकेश सिंघल को छुट्टी पर भेज दिया है। मुकेश सिंघल पर किस कदर प्रेमचंद अग्रवाल मेहरबान हुए इसका पता अब पूरे प्रदेश को चल चुका है।अग्रवाल से सवाल पूछा जाना चाहिए कि आखिर विधानसभा अध्यक्ष के विशेषाधिकार व्यवस्था की बेहतरी के लिए इस्तेमाल होने चाहिए या फिर अपनों पर खैरात लूटाने में?
विधानसभा में बैकडोर भर्तियों के नाम पर जिस तरह से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल और प्रेमचंद अग्रवाल ने अपनों पर मेहरबानी बरसाई उसे लेकर भी स्पीकर ऋतु खंडूरी ने बड़ा एकशन लिया है। ऋतु खंडूरी ने तीन सदस्यीय हाईपॉवर कमेटी गठित कर दी है जो बैकडोर भर्तियों के ‘पाप’ की सफ़ाई पर एक महीने के भीतर रिपोर्ट देगी। इस उच्च स्तरीय एक्सपर्ट कमेटी की अध्यक्षता आईएएस दिलीप कोटिया करेंगे और उनके साथ कमेटी में होंगे सुरेन्द्र सिंह रावत और अवनेंद्र सिंह नयाल। यह कमेटी मात्र एक माह में दूध का दूध और पानी का पानी कर देगी। नियुक्तियों का आधार कितना क़ानूनी तौर पर पुख़्ता रहा है यह कुंजवाल-अग्रवाल बखूबी जानते ही होंगे। यानी फैसला होना क्या है किसी से छिपा नहीं है!
खास बात यह है कि विधासनभा में बैकडोर नियुक्तियाँ की धाँधली 2001 से ही शुरू हो गई थी लिहाजा स्पीकर खंडूरी ने इस हाईपॉवर कमिटी को कहा है कि वह विधानसभा सचिवालय भर्ती एवं सेवा शर्तें नियमावली 2001 के बाद की गई नियुक्तियों और प्रमोशन की पड़ताल कर अपनी रिपोर्ट दे। यानी सफ़ेदपोश बने फिर रहे कुंजवाल-अग्रवाल के अलावा बैकडोर भर्तियों में चहेतों को फिट करने वाले चेहरे भी बेनक़ाब होंगे।