TALIBAN TORTURE TO JOURNALISTS IN AFGHANISTAN एजेंसी/काबुल: अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान की एंट्री के साथ ही बदहवास लोगों के देश छोड़ने से लेकर काबुल एयरपोर्ट पर उड़ान भरते अमेरिकी सैन्य जहाज के टायरों से लटककर उड़ने की कोशिश में जान गंवा बैठे लोगों की तस्वीरें दुनिया ने देखी। यह सब तालिबान राज की क्रूर यादों के ताजा होने के खौफ का असर था लेकिन अब तालिबान सरकार 2.0 बन चुकी है। सरकार भले अंतरिम बनी हो लेकिन क्रूर तालिबान का ‘असली चेहरा’ दुनिया के सामने फिर तेजी से उजागर हो रहा है। लोग खासकर महिलाएँ सड़कों पर उतरकर विरोध-प्रदर्शन कर रही लेकिन यह तालिबान को बर्दाश्त नहीं हो रहा है।
तालिबान की अंतरिम सरकार में न महिलाओं के जगह दी गई और ना ही समावेशी सरकार का उसका दावा धरातल पर उतरता दिख रहा। अब जब सड़कों पर उतरकर महिलाएं विरोध-प्रदर्शन कर रही तो बौखलाया तालिबान प्रदर्शनकारी महिलाओं से लेकर इन्हें कवर कर रहे पत्रकारों पर ज़ुल्म ढहा रहा है।
Los Angeles Times में छपी ऐसी ही एक रिपोर्ट में दो तस्वीरों के ज़रिए तालिबानी लड़ाकों द्वारा पत्रकारों पर किए जा रहे सितम के सबूत पेश किए हैं। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि तालिबानी लड़ाकों ने बुधवार को महिलाओं की रैली को कवर कर रहे पत्रकारों को कमरे में बंद कर कई घंटों तक पीटा गया। इन पत्रकारों की सोशल मीडिया में पिटाई के बाद आई तस्वीरों को देकर आपके रोंगते खड़े हो जाएंगे।
लगातार तेज होते प्रदर्शनों से बौखलाए तालिबान ने फ़रमान जारी कर बिना इजाज़त किसी भी मांग और बैनर तले प्रदर्शनों पर रोक लगा दी है और चेतावनी दी है कि अगर लोगों ने ऐसा नहीं किया तो कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी। बेक़सूर पत्रकारों को बेरहमी से पीटकर तालिबान ने अपने क्रूर व्यवहार का सबूत देकर लोगों को डराने की कोशिश की है।