देहरादून: उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में उपचुनाव को लेकर एक जैसे हालात बने हुए हैं। सीएम तीरथ सिंह रावत ने इसी साल 10 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और पद पर बने रहने के लिए उन्हें 10 सितंबर से पहले विधानसभा की सदस्यता लेनी होगी। इसी तर्ज पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नंदीग्राम हारने के बावजूद 5 मई को सीएम की शपथ ली थी और अब उन्हें 5 नवंबर से पहले उपचुनाव जीतकर विधानसभा की सदस्यता लेनी है। लेकिन चुनाव आयोग कोरोना की दूसरी लहर से मचे हाहाकार और मद्रास हाईकोर्ट से पड़ी झाड़ के चलते अभी उपचुनाव कराने की हिम्मत जुटाता नही दिख रहा है। पिछले दिनों आयोग ने इसके संकेत भी दे दिए थे।
अब उत्तराखंड में बीजेपी की ही सरकार है लिहाजा सीएम तीरथ रावत थोड़ा तसल्ली में हो सकते हैं उपचुनाव को लेकर! लेकिन ममता बनर्जी के लिए अब उपचुनाव का इंतजार मुश्किल होता दिख रहा है। लिहाजा ममता बनर्जी ने गुरुवार को प्रेस कॉंफ़्रेंस बुलाकर सीधे प्रधानमंत्री मोदी पर हल्ला बोल दिया है।
कोलकाता में प्रेस कॉंफ़्रेंस के दौरान ममता बनर्जी ने कहा,”मैं प्रधानमंत्री से गुज़ारिश करती हूँ कि वह उपचुनाव कराने के निर्देश दें। अब कोरोना कम हो रहा है और हफ्तेभर के अंदर उपचुनाव कराए जा सकते हैं। मैंने सुना है कि प्रधानमंत्री निर्देश देंगे तो चुनाव आयोग काम करेगा।”
ममता बनर्जी ने सवाल दागा,” उपचुनाव में देरी क्यों हो रही है? बंगाल में जब विधानसभा के चुनाव हो रहे थे तब कोरोना का पॉजीटिविटी रेट 30 फीसदी था और अब तो यह 3 फीसदी या उससे भी नीचे आ गया है।”
अब भले मोदी वर्सेस ममता जंग बंगाल चुनाव से पहले से शुरू होकर अब भी लगातार जारी हो लेकिन जिस तरह से ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग और प्रधानमंत्री को कटघरे में खड़ा करते हुए हमला किया है, ऐसे में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के लिए भी ये मैसेज है कि तैयारी पूरी रखें। कहीं ऐसा न हो कि दिल्ली और बंगाल की जंग में उपचुनाव का ऐलान अचानक हो जाए! अभी टीम तीरथ को उपचुनाव लड़ने के लिए एक सुरक्षित सीट भी फाइनल करनी है। कहने को गंगोत्री सीट पर बीजेपी फोकस कर रही है लेकिन टीम तीरथ चुनावी ताल ठोकने से पहले हर समीकरण पर विचार कर लेना चाहेगी।