चमोली में टीएचडीसी कंपनी में कार्यरत 900 मजदूरों पर रोजी-रोटी का संकट आ गया है। उत्तराखंड सहित यूपी ,पंजाब ,हरियाणा, हिमाचल प्रदेश ,नेपाल, दार्जिलिंग ,उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के मजदूर रोजगार के लिए 444 मेगावाट की जल विद्युत परियोजना टीएचडीसी में रोजगार के लिए आए थे। जहां ये टीएचडीसी की सहायक कंपनी एचसीसी में पिछले 5 साल 10 साल और 15 साल से मजदूरी कर रहे हैं। इसमें कई ड्राइवर, हेल्पर ,ऑपरेटर शामिल हैं। लेकिन कंपनी ने इन्हें पिछले 6 माह से वेतन नहीं दिया है। साथ ही मेडिकल की सुविधा, पीएफ की सुविधा भी नहीं दी है जिससे मजदूरों में भारी आक्रोश है। हेलंग के समीप टीएसडीसी गेट पर मजदूरों ने अपना विरोध-प्रदर्शन जताया और जल्द से जल्द कंपनी को मानदेय भुगतान करने की मांग की है।
मजदूरों का कहना है कि पिछले 6 माह से जो मजदूर बाहरी राज्यों से यहां पर मजदूरी करने के लिए आए हैं, वे अपने घर में रोजी-रोटी तक नहीं जुटा पा रहे हैं, बच्चों की स्कूल फीस तक जमा नहीं हो पा रही है जिससे कई बच्चों को स्कूल में घर भेज दिया है। कई मजदूरों के घर में तो गैस सिलेंडर तक नहीं है। यूपी के कई मजदूर उत्तराखंड में किराए पर रह रहे हैं, उन्हें भी किराया और राशन नहीं मिल पा रहा है। दूसरी तरफ घर में भी बच्चे भूखे प्यासे हैं।
रिपोर्ट: नितिन सेमवाल, पत्रकार, जोशीमठ