दिल्ली: मोदी सरकार की सख्ती के बाद फेसबुक, व्हाट्सअप, गूगल, टेलीग्राम, कू और लिंक्डइन जैसी कंपनियों ने सरेंडर कर सरकार की नई गाइडलाइंस मानते हुए जरूरी जानकारियाँ साझा कर दी हैं। लेकिन ट्विटर अभी भी नए नियमों को नहीं मानने पर अड़ा हुआ है। ये सबको ज्ञात होगा ही कि टूलकिट मामले में बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा द्वारा शेयर ट्विट को मैनुपुलेटिड मीडिया श्रेणी में रखने के बाद मोदी सरकार और ट्विटर में टकराव शुरू हो गया था। दिल्ली पुलिस ने ट्विटर के दिल्ली और गुरुग्राम स्थित दफ़्तरों में छापेमारी की जिस पर ट्विटर ने तीखी प्रतिक्रिया दी।
सूत्रों ने जानकारी दी है कि फरवरी में बने सूचना प्रौद्योगिकी के नए नियमों को मानते हुए ज़्यादातर सोशल मीडिया कंपनियों ने अपने मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल संपर्क व्यक्ति और शिकायत अधिकारी को लेकर जानकारी इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय से साझा कर दी है। गुरुवार को देर रात ट्विटर ने एक मैसेज के ज़रिए भारत में एक कानूनी फ़र्म में काम करने वाले वकील को नोडल संपर्क पर्सन और शिकायत अधिकारी के रूप में बताया था। लेकिन नए नियमों के तहत सरकार को भेजी जाने वाली जानकारी में उसी शख़्स का नाम होना चाहिए जो सोशल मीडिया कंपनी का कर्मचारी हो और भारत का नागरिक हो। इस लिहाज से ट्विटर ने अभी तक मुख्य अनुपालन अधिकारी की जानकारी मंत्रालय तक नहीं भेजी है।
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