देहरादून: एक जून से कोविड कर्फ़्यू की पाबंदियों से राहत की आस लगाए बैठे उत्तराखंड के व्यापारियों के सब्र का बाँध अब टूटने लगा है। हरिद्वार के व्यापारी थाली बजाकर कोविड कर्फ़्यू को आगे बढ़ाने का विरोध कर चुके हैं, आज बारी तीर्थनगरी ऋषिकेश के व्यापारियों की है। ऋषिकेश के व्यापारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। व्यापारी थाली बजाकर तीरथ सरकार के फैसले के खिलाफ सांकेतिक प्रदर्शन कर अपनी नाराजगी दर्ज करा रहे हैं। व्यापारियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर जल्द बाज़ार न खोेले गए तो सड़कों पर उतरकर व्यापक विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
ऋषिकेश नगर उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के अध्यक्ष ललित मोहन मिश्र ने कहा है कि कोविड कर्फ़्यू के चलते कारोबारियों की कमर टूट गई है और नौबत व्यापारी और परिवारजनों के भूखों मरने की आ चुकी है। व्यापारियों का आरोप है कि यूपी और हरियाणा सहित कई राज्यों में रियायतें मिल चुकी हैं, यहाँ भी सरकार से क्रमवार तीन-चार घंटे सभी तरह की दुकानें खोलने की मांग की गई थी लेकिन निराशा हाथ लगी है।
हरिद्वार के व्यापारी भी कोविड कर्फ़्यू विस्तार का विरोध थाली बजाकर जता चुके हैं। व्यापारियों ने आरोप लगाया है कि न तो सरकार की तरफ से कोई राहत पैकेज दिया गया है, ऊपर से कोरोना मामले घटने के बावजूद दुकानें खोलने दी जा रही।
इससे पहले मंगलवार शाम भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने मुख्यमंत्री से भेंट कर प्रदेश में कोरोना के मामलों में आ रही कमी और व्यापारियों की मांग को देखते हुए बाजार खोलने की मांग की है। मदन कौशिक ने कहा कि सरकार के अथक प्रयास और व्यापारियों सहित अन्य वर्गों के प्रयास से ही कोरोना की रफ़्तार पर अंकुश के साथ केस भी कम हुए हैं। उन्होंने कहा कि बाजार बन्द होने के कारण व्यापारियों के सामने भी आजीविका का संकट खड़ा हो गया है। जब कोरोना के केस बढ़ रहे थे तो व्यापारियों ने खुद ही आगे आकर बाजार बन्द करने की पहल की।अब व्यापारी मार्केट खोलने की लगातार मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोविड की गाइडलाइन्स का पालन करते हुए बाजार खोल दिये जाए। नियमित बाजार खुलने से अनावश्यक भीड़ भी नहीं होगी और लोगों व व्यापारियों को भी सहूलियत मिलेगी।
अब सरकार के सामने चुनौती है कि वह कैसे और कब तक व्यापारियों के बढ़ते दबाव को झेल पाती है। वैसे सरकार के सूत्रों ने द न्यूज अड्डा को बताया था कि आठ जून तक के कोरोना के केस लगातार घटते रहे तो उत्तराखंड को अनलॉक करने की पूरी तैयारी है।