फजीहत करा बैठे महाराज! किसकी, अपनी और सरकार की: हरिद्वार में 2030 तक इंटरनेशनल एयरपोर्ट बना रहे पर्यटन मंत्री, सीएम तीरथ और सरकार को खबर नहीं

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देहरादून: सीएम तीरथ और बाकी सरकार बेख़बर रही और क़द्दावर मंत्री सतपाल महाराज सूबे के लिए हरिद्वार इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सौगात ले आए! काश ऐसा हो जाए कि मंत्री महाराज जो कहें और वो जमीन पर उतरता दिखाई दे! इसलिए जब सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल से पूछा गया तो उन्होंने साफ कर दिया कि सरकार के स्तर पर हरिद्वार में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने का कोई प्रस्ताव अभी तक तो नहीं है।
अब लीजिए महाराज ने 2030 तक एयरपोेर्ट कैसे बनेगा इसका खाका भी
खींच दिया। डीएम और अधिकारियों के साथ बैठक करके सबको काम पर लगा दिया और इधर सरकार बेख़बर रही। हाँ सुबोध उनियाल ने ये जरूर कह दिया कि बतौर हरिद्वार जिला प्रभारी मंत्री अगर महाराज ने कोई परिकल्पना का खाका तैयार किया होगा तो जब कैबिनेट में आएगा तब विचार करेगी सरकार। मतलब इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने का ज़िम्मा जिला प्रभारी मंत्री स्वयं लिए फिर रहे हैं! कोरोना जंग जीतने को हरिद्वार जिला संभाल रहे महाराज यूँ ही नहीं एयरपोर्ट बनाकर जहाज उड़ाने लगे, दरअसल वे ये इस तरह का कार्यक्रम मंत्री बनने के बाद ये कई योजनाओं के बहाने चला रहे हैं।
2017 में पर्यटन मंत्री बनने के बाद सतपाल महाराज ने कहा था कि टिहरी झील में ग्लास की बड़ी बोट चलेंगी और टूरिस्ट नीचे उतरकर बाँध के लिए उजड़े पुराने टिहरी शहर-क्लॉक टॉवर आदि देख सकेंगे। स्विट्ज़रलैंड और मॉरीशस से लेकर दुनिया के कई टूरिस्ट डेस्टिनेशन देशों की तर्ज पर पर्यटन प्रदेश को विकसित करेंगे। अब सरकार का चंद महीनों का कार्यकाल बचा है और महाराज कहां कितना टूरिज्म इंफ़्रास्ट्रक्चर खड़ा कर पाए हैं इसकी सबको खबर है।
लेकिन देश-दुनिया घूमे महाराज के पास आइडियाज की कमी न कांग्रेस सांसद रहते रही और न बीजेपी सरकार में पर्यटन मंत्री बनकर। इसलिए सोमवार को महाराज ने ऐलान कर दिया कि हरिद्वार में जल्द ही इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनेगा और एयरबस 380, बोइंग 777 जैसे बड़े जहाज वेंकूअर, लॉस एंजिलस, मेलबर्न और न्यूयॉर्क, ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड से सीधे लैंड करेंगे। महाराज ने बाक़ायदा हरिद्वार डीएम को शामिल कर एक कमेटी भी बना डाली और निर्देश दे दिए कि हरिद्वार से देहरादून के बीच ऐसी जमीन ढूँढे जो पांच किलोमीटर लंबी हो और आधा किलोमीटर चौड़ी हो। मानो! एक इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए इतना भर ही तो करना होगा। पता चला जमीन खोजते खोजते डीएम जौलीग्रांट एयरपोर्ट न पहुंच जाएँ!
हालात ये है कि जौलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तारीकरण को जमीन का टोटा बना हुआ है और उसके ठीक इतना नज़दीक दूसरा एयरपोर्ट, वो भी इंटरनेशनल एयरपोर्ट! क्या जौलीग्रांट के विस्तारीकरण पर रोक लग रही है?
अब जब राज्य सरकार को भनक नहीं तो क्या महाराज ने प्रधानमंत्री मोदी या केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के स्तर पर एयरपोर्ट को लेकर क्लियरेंस ले लिए हैं गुपचुप! महाराज के ड्रीम प्रोजेक्ट पर पूर्व सीएम त्रिवेंद्र को भी खबर नहीं कि महाराज कहां एयरपोर्ट बनवा रहे। अब ये तो पर्यटन मंत्री महाराज ही जानें कि उनकी योजना कैसे विस्तार पाएगी लेकिन हरिद्वार में चार साल से चलाई जा रही पॉड टैक्सी से लेकर मेट्रो और आउटर रिंग रोड के सपने का सच स्थानीय लोग ही जानते हैं। वैसे देहरादून से मसूरी रोपवे खंडूरी के समय देखा सपना था जिसका एक दशक से लम्बा वक़्त गुज़रने के बाद भी अभी जमीन पर उतरना शेष है।


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