
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी। पर्वतीय महाकुंभ नंदा राजजात, हरिद्वार महाकुंभ सहित इंफ्रा सेक्टर की एक दर्जन विकास योजनाओं के लिए रखीं ये मांगें।
- प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री से चारधाम यात्रा, आदि कैलाश यात्रा, नंदा राजजात यात्रा, हरिद्वार में होने जा रहे कुम्भ के साथ ही प्रदेश में जल जीवन मिशन के बारे में विस्तार से जानकारी ली।

Uttarakhand News: यों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जब-जब उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मिले तो दोनों नेताओं की बोलती तस्वीरें ख़ुद ब ख़ुद सारी सियासी कहानी बयान कर देती रहीं हैं। लेकिन सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जो मुलाकात की है वह कई और मायनों से भी बेहद खास है क्योंकि यह मुलाकात ऐसे समय हुई है जब धाकड़ धामी ने मुख्यमंत्री के तौर पर चार साल का कार्यकाल पूरा किया है। मुलाक़ात के बाद मीडिया में आई तस्वीरें साफ़ बता रही हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भरपूर साथ और समर्थन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ना केवल हासिल है बल्कि प्रधानमंत्री पूरे दमखम के साथ बीजेपी की इस युवा पीढ़ी के ऊर्जावान नेतृत्व को लंबी पारी का शुभाशीष देते दिखाई दे रहे हैं। उत्तराखंड की राजनीति में आज पुष्कर धामी बीजेपी के सबसे ज़्यादा समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड अपने नाम कर पाँचवें यानी चुनावी वर्ष की दहलीज़ पर दस्तक दे चुके हैं। अलबत्ता तब जब ‘अंदर-बाहर’ का धुर धामी विरोधी धड़ा सियासी गलियारों में यह चर्चा शुरू करा चुका था कि बस अब सिंहासन डोलने वाला है और चार साल पूरे नहीं होने वाले हैं लेकिन चार साल पूरे होने के अवसर पर प्रधानमंत्री से मुलाकात की जो तस्वीरें सार्वजनिक हुई हैं वे पांचवें साल की पटकथा सामने रखती दिखाई दे रहीं हैं। ज़ाहिर है जब मुख्यमंत्री ने मुलाक़ात में प्रधानमंत्री के सामने नंदा राजजात से लेकर कुंभ, पॉवर प्रोजेक्ट, इंफ्रा कॉरिडोर्स और दिल्ली-मेरठ के बीच चल रही रीजनल रैपिड ट्रांजिट रेल परियोजना को हरिद्वार तक पहुँचाने जैसी मांगों को रख दिया है तो यह साफ़ इशारा करता है कि पुष्कर सिंह धामी 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी का एजेंडा सेट करते हुए आगे बढ़ रहे हैं और प्रधानमंत्री का हाथ उनकी पीठ पर बना हुआ है।
पीएम से सीएम की मुलाकात का एजेंडा
मुख्यमंत्री धामी ने राज्य के विकास में सहयोग के लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उत्तराखण्ड विकसित भारत 2047 के विजन में अपनी प्रभावी भूमिका निभाने को तत्पर है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व के 27 देशों द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को अपने देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्रदान किए जाने से सभी भारतवासी गौरवान्वित हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को कार्तिक स्वामी मंदिर के प्रतिरूप और आदि कैलाश यात्रा पर कॉफ़ीटेबिल बुक के साथ ही उत्तराखण्ड के उत्पाद कनार ( धारचूला) का घी , लाल (पुरोला) चावल, बासमती चावल, काला जीरा, गंध रैण, जम्बू और स्थानीय शहद भेंट किये।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से केदारनाथ धाम और बदरीनाथ धाम की भांति ही हरिद्वार गंगा कॉरिडोर, ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर और चम्पावत में शारदा कॉरिडोर के मास्टर प्लान के अनुरूप अवस्थापना विकास के लिए सीएसआर के माध्यम से वित्त पोषण के लिए संबंधित को निर्देशित करने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड के ऊधमसिंह नगर स्थित नेपा फार्म को सेमी कन्डक्टर हब के रूप में विकसित करने लिए सेमी कन्डक्टर उद्योग लगाए जाने, दिल्ली व मेरठ के मध्य रीजनल रैपिड ट्रान्जिट सिस्टम को हरिद्वार तक विस्तारित करने और टनकपुर-बागेश्वर व ऋषिकेश-उत्तरकाशी रेल परियोजनाओं में मार्ग निर्माण का प्रावधान भी शामिल किये जाने के लिए संबंधित मंत्रालयों को निर्देशित किये जाने का प्रधानमंत्री से आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को उत्तराखण्ड में वर्ष 2026 में होने जा रही नंदा राजजात यात्रा की जानकारी देते हुए कहा कि इसके संचालन के लिए व्यापक रूप से पर्यावरण अनुकूल अवस्थापना सुविधाएं विकसित की जानी हैं। मुख्यमंत्री ने अगस्त 2026 में आयोजित इस पर्वतीय महाकुंभ नंदा राजजात यात्रा के लिए प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया और साथ ही यात्रा में अवस्थापना सुविधाएं सुनिश्चित किए जाने के लिए 400 करोड़ की धनराशि केंद्र से उपलब्ध कराए जाने का अनुरोध भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2027 में हरिद्वार में दिव्य और भव्य महाकुंभ का आयोजन किया जाना है। राज्य सरकार द्वारा इसकी तैयारियां प्रारंभ कर दी गई हैं। इसके सफल आयोजन के लिए हरिद्वार में पुलों की मरम्मत, पार्किंग, विद्युत, पेयजल, शौचालय, परिवहन, श्रद्धालुओं के लिए पैदल मार्ग सहित अन्य कार्य कराए जाने हैं। मुख्यमंत्री ने इसके लिए 3500 करोड़ रूपए की वित्तीय सहायता दिये जाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश और हरिद्वार शहरों में एचटी व एलटी विद्युत लाईनों को भूमिगत करने के साथ ही विद्युत प्रणाली को स्वचालित करने के लिए उत्तराखण्ड सरकार द्वारा भेजी गई 1015 करोड़ की डीपीआर को आरडीएसएस योजना के अंतर्गत स्वीकृत किये जाने के लिए संबंधित को निर्देशित करने का भी अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋषिकेश के निकट स्थित अनोखी धरोहर चौरासी कुटिया को अपने पुराने रूप में लाने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है। इसके लिए अपेक्षित धनराशि की व्यवस्था भी कर ली गई है। मुख्यमंत्री ने चौरासी कुटिया के प्रस्ताव का अनुमोदन राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड से कराए जाने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिम आधारित नदियों को वर्षा आधारित नदियों से जोङने के लिए प्रथम चरण में पिण्डर-कोसी लिंक परियोजना का प्रारम्भिक प्रस्ताव तैयार किया गया है। ग्लेशियर आधारित पिंडर नदी के पानी को वर्षा आधारित कोसी, गगास, गोमती व गरूङ नदियों में मिलाया जाये तो बागेश्वर, अल्मोङा व नैनीताल जिलों के 625 गांवों की लगभग 2 लाख जनसंख्या पेयजल व सिंचाई से लाभान्वित होगी। साथ ही गरूङ, कौसानी, द्वाराहाट, रानीखेत और अल्मोङा नगरों की लगभग सवा लाख आबादी के लिए पेयजल आपूर्ति बेहतर हो सकेगी। मुख्यमंत्री ने इस परियोजना को भारत सरकार की विशेष योजना के अंतर्गत लिये जाने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से कैबिनेट सचिव, भारत सरकार की अध्यक्षता में गठित समिति की संस्तुतियों के क्रम में कुल 596 मेगावाट क्षमता की पांच जल विद्युत परियोजनाओं के विकास की अनुमति प्रदान किये जाने का भी आग्रह किया।
प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री से चारधाम यात्रा, आदि कैलाश यात्रा, नंदा राजजात यात्रा, हरिद्वार में होने जा रहे कुम्भ के साथ ही प्रदेश में जल जीवन मिशन के बारे में विस्तार से जानकारी ली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को उत्तराखण्ड के विकास के लिए केंद्र सरकार से हर सम्भव सहयोग के प्रति आश्वस्त किया।