देहरादून: चुनावी बिगुल बज चुका है लेकिन राज्य के कर्मचारियों की माँगों पर एक्शन न होने से बार-बार पुष्कर सिंह धामी सरकार की मुसीबतें बढ़ रही हैं। सचिवालय संघ ने राज्य सरकार को चेतावनी दी है कि जिस तरह से कैबिनेट में निर्णय हो जाने के बाद सक्षम अधिकारी तानाशाहीपूर्ण रवैया अख़्तियार कर रहे हैं उससे न केवल सरकार की साख पर बट्टा लग रहा बल्कि कार्मिक वर्ग का गुस्सा भी सातवें आसमान पर पहुंच रहा। गोल्डन कार्ड सहित अपनी आधा दर्जन माँगों पर कैबिनेट मंजूरी के बावजूद शासनादेश जारी न हो पाने से ख़फ़ा होकर सचिवालय संघ ने धामी सरकार को निशाने पर ले लिया है।
मंगलवार तो सचिवालय परिसर में एटीएम चौक पर हुई संघ की आमसभा में बड़ी तादाद में कार्मिक जुटे और कई अहम निर्णय लिए गए। संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी ने आरोप लगाया है गोल्डन कार्ड जैसे प्रदेशभर के कार्मिकों, पेंशनर्स और उनके आश्रितों से जुड़े अहम मसले पर भी सक्षम अधिकारी तानाशाहीपूर्ण रवैया अपनाए हुए हैं और कैबिनेट से मंजूरी के 25 दिन गुज़रने के बाद भी जीओ जारी नहीं किया गया है।
दीपक जोशी ने कहा कि आज की आम सभा में निर्णय लिया गया है कि जब तक गोल्डन कार्ड से लेकर सुरक्षा, सचिवालय भत्ते सहित आधा दर्जन मामलों में शासनादेश जारी नहीं होने तक चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा। सचिवालय संघ ने कड़ा निर्णय लेते हुए ऐलान किया है कि आगामी तीन दिनों तक रोजाना 10बजे से 12 बजे तक दो घंटे का कार्य बहिष्कार किया जाएगा जिसमें दफ़्तरों में पूर्ण तालाबंदी रहेगी। दीपक जोशी ने कहा कि अगले हफ्ते भी दो से तीन घंटे का पूर्ण कार्यबहिष्कार रहेगा और इस दौरान अनुभाग बंद रखे जाएंगे।
सचिवालय संघ अध्यक्ष ने कहा है कि अगर 6 दिसंबर तक भी राज्य सरकार माँगों पर कोई निर्णय नहीं ले पाती है तो 7 दिसंबर से कार्मिक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। दीपक जोशी ने सवाल उठाया कि जब उच्च स्तर पर सचिवालय संघ की माँगों पर सहमति बन चुकी है, तब अधिकारी जानबूझकर क्यों शासनादेश जारी नहीं कर रहे? जोशी ने कहा कि अगर अगले 10 दिनों में भी सरकार कोई निर्णय नहीं ले पाती है तो अनिश्चितकालीन हड़ताल की ज़िम्मेदारी ऐसे तानाशाही रवैया अपनाए अफसरों की ही होगी।