Backdoor Recruitment in Uttarakhand Assembly and the then Speaker and Now Minister Premchand Aggarwal under attack: उत्तराखंड में विधानसभा में बैकडोर भर्तियों के ज़रिए हुए भ्रष्टाचार पर स्पीकर ऋतु खंडूरी भूषण की जाँच कमेटी के समानांतर सियासी महाभारत भी छिड़ा हुआ है। कांग्रेस के हमलावर तेवरों की धार अपनी सरकार में स्पीकर रहे गोविंद सिंह कुंजवाल द्वारा 150 से ज़्यादा ‘अपनों’ की बैकडोर भर्ती करने के ‘पाप’ के चलते कुंद पड़ी है। लेकिन सत्ताधारी भाजपा में कुंजवाल के नक़्शेक़दम पर चलकर 72 भर्तियाँ करने वाले पूर्व स्पीकर और वर्तमान में संसदीय कार्य मंत्री अग्रवाल पर एक के बाद एक हमले हो रहे।
पहले पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रेमचंद अग्रवाल के ‘आवश्यकतानुसार, नियमानुसार तथा विशेषाधिकार’ के नाम पर मनमानी भरे कृत्य को अनुचित और राजनीतिक तौर पर अनैतिक क़रार दिया तो अब एक और पूर्व मुख्यमंत्री ने मोर्चा खोल दिया है।
संभवतया पौड़ी गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत ने प्रेमचंद अग्रवाल पर सबसे तीखा हमला बोला है। मीडिया से बातचीत में पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत दो टूक बात कहते सुने जा सकते हैं कि यदि भर्तियों में जो गड़बड़ी हुई है उस पर एक्शन होना ही चाहिए। प्रेमचंद अग्रवाल को निशाने पर लेते हुए तीरथ ने कहा कि मंत्री द्वारा ये कहना कि पहले वाले भी ग़लत करके गए तो हमने भी भर्तियां की, तो एक अंतर स्पष्ट कर दूँ कि हमारा काम है कि पहले वालों ने भ्रष्टाचार किया उसी को तो हम समाप्त करने करे लिए आए थे, आए हैं।
तीरथ साफ़ कह रहे हैं कि जो भी बयान प्रेमचंद अग्रवाल अपनी सफाई में दे रहे ये उनके व्यक्तिगत मत हैं ना कि पार्टी का मत। मेरी पार्टी की विचारधारा है कि उसके लिए पहले देश, फिर जनता और फिर पार्टी और अंत में कहीं जाकर नेता। यदि नेता कहीं गड़बड़ करता है तो वह भुगतेगा और भुगतना भी चाहिए और अगर अधिकारी भी गड़बड़ करता है तो भुगतेगा। तीरथ ने साफ़ कहा कि चाहे नेता हो या अधिकारी गड़बड़ी की है तो कटघरे में खड़ा होना पड़ेगा और सज़ा भी भुगतनी होगी।
उम्मीद है विशेषाधिकारों का हवाला देकर 72 भर्तियों से लेकर मुकेश सिंगल को प्रमोशन दर प्रमोशन देकर भी सीना ठोक रहे मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का दो टूक मैसेज बख़ूबी समझ पा रहे होंगे!