दिल्ली: कोरोना की दूसरी लहर के दौरान 7 मई को आए 4.14 लाख नए पॉजीटिव केस देश में दूसरी लहर का पीक कहा जा सकता है। यह आंकड़ा दैनिक नए कोविड मामलों को लेकर एक वैश्विक रिकॉर्ड भी है। उसके बाद से दैनिक मामलों में लगातार गिरावट दर्ज हो रही है और इस आधार पर इसे दूसरी लहर का ढलान कहा जा रहा है। लेकिन तीसरी लहर की मिल रही चेतावनी डर पैदा कर रही है।
कहा जा रहा है कि तीसरी लहर का सबसे ज्यादा असर बच्चों पर हो सकता है लिहाजा ये सवाल कि क्या बच्चों के स्कूल खुलेंगे? खासकर तब जब तमाम राज्य लॉकडाउन से अनलॉक की तरफ बढ़ चुके हैं। इस सवाल के जवाब में मीडिया से बातचीत में नीति आयोग ( NITI Aayog) के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा है कि स्कूल खोलने पर फैसला लेने से पहले बहुत सारी चींजों पर विचार करना पड़ेगा। यह एक ऐसा सवाल है जो बार बार सामने आ रहा है।
डॉ पॉल ने कहा कि स्कूल खोलने के फैसले से पहले व्यापक टीकाकरण अभियान, शिक्षकों के टीकाकरण से लेकर रोजमर्रा के जीवन में सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर अभ्यस्त होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कई देशों ने स्कूल खोले लेकिन संक्रमण फैलने पर दोबारा बंद करने पड़े। डॉ पॉल ने कहा स्कूल खोलने का प्रश्न एक बड़े विचार-विमर्श का विषय है।