Where have gone Rs 2000 currency notes, RBI replied: दिमाग पर जोर देकर याद कीजिए आखिरी बार ATM से निकालकर कब गुलाबी गुलाबी दिखने वाले दो हजार के नोट के दीदार किए थे। चलिए सवाल को थोड़ा आसान बनाते हैं, यह बताइए दो हजार के नोट का छुट्टा आखिरी बार कब कराया था? याद नहीं आ रहा! या बहुत पहले कभी एटीएम से दो दो हजार के करारे करारे नोट निकले थे!
आपका जवाब सही है कि अरसा हो गया एटीएम से दो हजार रु वाला वो पिंक नोट देखे। दरअसल इसकी वजह यह है कि 2016 की नोटबंदी के बाद भारतीय रिजर्व बैंक RBI द्वारा छापे गए दो हजार के नोट का सर्कुलेशन बाजार में अब वाकई कम हो गया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 8 नवम्बर 2016 में लागू की गई नोटबंदी को आप भला कैसे भूल सकते हैं। उसी नोटबंदी के बाद तब के चलन वाले 500 और 1000 के नोट वापस ले लिए गए थे और इनकी जगह आरबीआई ने 500 और 2000 की करेंसी के नए नोट जारी किए थे। 1000 के नोट की बजाय 2000 का नोट ऐसा चलन में हिट हुआ कि इसने बाकी नोटों की चमक फीकी कर दी मतलब जरूरत कम हो गई।
2000 के ये नए नोट इतने पॉपुलर हुए चलन में कि चलन की कुल करेंसी वैल्यू में इन नोटों की हिस्सेदारी 31 मार्च 2017 को 50.2 प्रतिशत हो गई थी। लेकिन फिर अचानक ऐसा क्या हुआ कि 31 मार्च 2022 को कुल चलन के नोटों की वैल्यू में 2000 के नोट की हिस्सेदारी मात्र 13.8 प्रतिशत ही रह गई। करेंसी के चलन से 2000 के नोट की हिस्सेदारी इतना अधिक घटने की वजह क्या रही होगी, यह सवाल लगातार उठाया जा रहा है।
नोटबंदी के बाद 2000 के नोट सबसे अधिक चलन में 2017-18 में रहे थे। इस दौरान 2000 के 33,630 लाख नोट चलन में थे जिनका कुल मूल्य 6.72 लाख करोड़ रुपए था। 2021 में संसद में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक सवाल के जवाब में बताया था कि दो साल से 2000 के नोट की छपाई नहीं हुई है। यानी अप्रैल 2019 से रिजर्व बैंक ने 2000 का एक भी नोट न्यूज छापा।
हालांकि अब एक आरटीआई के जवाब में आरबीआई ने नोटों के चलन में 2000 के नोट की हिस्सेदारी घटने की वजह बताई है। रिजर्व बैंक ने कहा है कि उसने 2000 का नोट बंद तो नहीं किया है लेकिन अब काफी समय से 2000 के नोट की छपाई हो रही है। एक आरटीआई के जवाब में केंद्रीय बैंक ने कहा है कि 2019 से ही वह 2000 के नोट नहीं छाप रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण की तरफ से आरटीआई जवाब में कहा गया है कि वर्ष 2019-20, वर्ष 2020-22, वर्ष 2021-22 में 2000 रुपए का एक भी नोट नहीं छपा है।
दिए गए डेटा के मुताबिक वर्ष 2016-17 में 3,542.991 मिलियन दो हजार के नोट छापे गए थे। जबकि अगले वित्त वर्ष 2017-18 में इसमें जबरदस्त कमी आई और 111.507 मिलियन दो हजार के नोट छपे। लेकिन 201819 में तो इसमें भारी कमी को गई और महज 46.690 मिलियन ही दो हजार के नोट छापे गए।
हालांकि आरबीआई की तरफ से पुष्ट नहीं लेकिन ऐसी कई रिपोर्ट्स देखने में आई हैं जिनमें दावा किया गया है कि इस खास रणनीति के तहत ही पहले ATMs से 2000 के नोट हटाए रहे फिर बैंकों से भी इस नोट को पूरी तरह से हटा दिया जाएगा। इसी कारण से इस पिंक नोट का चलन तेजी से काम किया जा रहा है।
2000 के नोट के बाजार से चलन में तेजी से घटने की एक बड़ी वजह इसके नकली नोटों का बढ़ना भी बताया जा रहा है। केंद्र सरकार ने हाल में संसद में एक सवाल के जवाब में कहा था कि 2016 में जहां 2000 के नोट के महज 2272 नकली नोट पाए गए वहीं NCRB डेटा के मुताबिक 2020 में 2000 के नकली नोटों की यह संख्या बढ़कर 2,44,834 हो गई।
शनिवार को ही महाराष्ट्र में आठ करोड़ के 2000 के नकली नोट पकड़े गए हैं
जाहिर है इन्हीं वजहों से 2000 रुपए का पिंक नोट अब कभी लाभार्थी एटीएम से या लोगों के हाथों से निकलते दिखता है। बहरहाल लाख टके का सवाल अब यही है कि क्या आरबीआई 2000 के नोट दोबारा कब छापना शुरू करेगा और करेगा भी कि नहीं!