कौन हैं उत्तराखंड के ये तीन नौकरशाह? भू-माफिया और गैंगस्टर यशपाल तोमर से साँठ-गाँठ कर परिवारजनों के नाम खरीदी बड़ी ज़मीनें, FIR हुई दर्ज

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देहरादून: Gangster and land grabber Yashpal Tomar अरबपति भू-माफिया और गैंगस्टर यशपाल तोमर की ज़मीनों पर क़ब्ज़े के जरिए खड़ा हुआ अकूत संपत्ति का साम्राज्य पश्चिमी यूपी से लेकर उत्तराखंड तक फैला हुआ है। भू-माफिया यशपाल तोमर ने अवैध तरीके से अरबों की ज़मीनों पर क़ब्ज़ा किया और इस खेल में खाकी, खादी से लेकर सुरा और सुंदरियों का भी जमकर इस्तेमाल हुआ। यूपी पुलिस के कुछ इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर तो जांच के लपेटे में आ ही चुके हैं, अब बड़ा दावा किया जा रहा कि उत्तराखंड के कुछ ब्यूरोक्रेट भी यशपाल तोमर के ज़मीनों के काले समंदर में गोते लगा चुके हैं।

सूत्रों द्वारा बताया जा रहा है कि दो आईएएस और एक आईपीएस, तीनों समय समय पर हरिद्वार जिले में डीएम और कप्तान के रूप में तैनात रहे हैं, ने अपने परिजनों-रिश्तेदारों के नाम भूमाफ़िया यशपाल तोमर से साँठ-गाँठ कर ज़मीनों की खरीद-फ़रोख़्त की है। THE NEWS ADDA के पास जैसे ही FIR की कॉपी आएगी उसे भी आप सभी तक पहुँचाया जाएगा। लेकिन जो पोस्ट वायरल हो रही है उसे आप तक फिलहाल पहुँचा रहे हैं।

उत्तराखंड सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रही यह पोस्ट यहां पढ़िए हूबहू

उत्तराखंड के दो वरिष्ठ आईएएस और एक आईपीएस अफसर के सगे-संबंधियों पर जमीन खरीद फरोख्त में फर्जीवाड़े का मुकदमा दर्ज हुआ है। ग्रेटर नोएडा पुलिस ने शनिवार को यह मुकदमा दर्ज किया है। इसमें मुख्य आरोपी गैंगस्टर यशपाल तोमर है जिसके खिलाफ उत्तराखंड में भी जमीनों के जबरन खरीद और फर्जीवाड़े के कई मुकदमे दर्ज हैं। इन तीनों वरिष्ठ अफसरों में से एक तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सचिवालय में तैनात है। आरोपियों में एक आईएएस अफसर का ससुर, एक आईएएस के पिता और आईपीएस की मां नामजद है। इस एफआईआर के बाद उत्तराखंड की नौकरशाही में भूचाल आ गया है। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री को इस मामले से अपडेट कर दिया गया है।

ताजा एफआईआर में भू माफिया यशपाल तोमर का बनाया सहयोगी

मामला अनुसूचित जाति की जमीनों की अवैध खरीद से जुड़ा है और गैंगस्टर यशपाल तोमर पर सीधी कार्रवाई की जानी हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय को अवगत करवाने के बाद मामले में रविवार को एक नई एफआईआर दर्ज हुई है। इस एफआईआर में यशपाल तोमर के चिटहेरा गांव भू घोटाले में अब इन सभी को सहयोगी बना दिया है। त्रिदेव पिता का नाम पिताम्बर, कर्मवीर पिता का नाम प्यारे लाल, बैलु पिता का नाम राम स्वरूप, कृष्ण पाल पिता का नाम छोटे, एम भास्करन पिता का नाम मनी अय्यम पिल्लई, केएम संत ऊर्फ खचरेमल पिता का रेवती प्रसाद, गिरीश वर्मा पिता का नाम राम प्रसाद वर्मा और सरस्वती देवी पति राम स्वरूप राम।

तीनों नौकरशाह हरिद्वार में रहे हैं पोस्टेड

जिन तीनों नौकरशाहों के परिजनों के खिलाफ ग्रेटर नोएडा पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है वह अलग-अलग समय में हरिद्वार में बतौर डीएम और एसएसपी तैनात रहे हैं। गैंगस्टर यशपाल तोमर का हरिद्वार में जमीनों की खरीद फरोख्त का खासा अवैध कारोबार था। माना जा रहा है कि इस दौरान ही यशपाल तोमर ने इन नौकरशाहों के परिवारजनों के लिए जमीनों की खरीद फरोख्त का काम किया। ग्रेटर नोएडा में पट्टों को औने पौने दाम पर नौकरशाहों के परिवारजनों को बेचा गया।

ग्रेटर नोएडा के चिटहेरा गांव भूमि घोटाले में हुए नामजद

मामला उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के चिटहेरा गांव का है। गांव में पट्टों की जमीन के क्रय-विक्रय में नियमों को ताक पर रखा गया था। अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) वंदिता श्रीवास्तव की जांच में इसका खुलासा हुआ है। जांच के आधार पर चिटहेरा गांव के लेखपाल शीतला प्रसाद ने भू-माफिया यशपाल तोमर समेत कुल नौ लोगों के खिलाफ शनिवार को दादरी कोतवाली में मामला दर्ज कराया। मामले में नामजद तीन लोग उत्तराखंड के तीन नौकरशाहों के परिवार से हैं। यह ज़मीनें काफी पहले खरीदी गई हैं। पुलिस इस बात की जांच में जुटी है कि यशपाल तोमर इन नौकरशाहों के संपर्क में कैसे आया। चूंकि जमीनें नौकरशाहों के नाम पर नहीं हैं बल्कि उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर हैं। ऐसे में परिवारजन ही बताएंगे कि वह यशपाल के संपर्क में कैसे आए।

हरिद्वार में भी भू माफिया यशपाल तोमर पर दर्ज हैं कई केस

पश्चिमी यूपी के रहने वाले भू माफिया यशपाल तोमर के खिलाफ हरिद्वार के कनखल, ज्वालापुर एवं शहर कोतवाली में 13 मई 2022 को चार अलग-अलग मुकदमे दर्ज हैं। कनखल में कांग्रेसी नेता तोष जैन के घर में घुसकर हत्या की धमकी देने के संबंध में मुकदमा दर्ज कराया गया है। ज्वालापुर में दिल्ली के प्रॉपर्टी डीलर भरत चावला ने रंगदारी एवं जबरन भूमि कब्जाने समेत प्रभावी धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया हुआ है। इसके बाद एसटीएफ ने गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज किया था। गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे के चलते ही उसकी 153 करोड़ की भूमि एसटीएफ कुर्क कर चुकी है और चौथा मुकदमा शहर कोतवाली में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कोर्ट को गुमराह कर चौपहिया वाहन रिलीज कराने के संबंध में एसटीएफ ने दर्ज कराया था।


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